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कलेक्टर से शिकायत करना छात्राओं का पड़ा महंगा, हॉस्टल बंद कर घोषित किया अवकाश

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Published : Nov 27, 2019, 11:37 PM IST

झाबुआ जिले की थांदला तहसील के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्रावास की छात्राओं को हॉस्टल की कमियों को कलेक्टर के सामने उजागर करने महंगा पड़ गया. कलेक्टर ने छात्रावास प्रबंधन पर कार्रवाई करने की बजाए उल्टा हॉस्टल में ही अवकाश घोषित कर बंद कर दिया.

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छात्राओं का धरना प्रदर्शन

झाबुआ। थांदला तहसील के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्रावास की छात्राओं ने कलेक्टर से हॉस्टल में पर्याप्त भोजन न दिए जाने के साथ- साथ वार्डन की शिकायत की थी. जिस पर छात्रावास प्रबंधन पर कार्रवाई करने की बजाए कलेक्टर ने छात्रावास को ही अघोषित रूप से बंद करने का आदेश दे दिया.

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्रावास में हंगामा

बता दें 25 नवंबर को इन छात्राओं ने कलेक्टर से शिकायत की थी. जिसके बाद कलेक्टर ने डीपीसी समेत अन्य अधिकारियों को मामले की जांच करने हॉस्टल भेजा था. जहां छात्राओं की समस्या का हल तो नहीं हुआ, उल्टे अगले ही दिन शिक्षा विभाग के अधिकारी ने आदेश जारी कर छात्रावास में अवकाश घोषित करने का आदेश दे दिया.

सुरक्षा का दिया हवाला

जिला प्रशासन हॉस्टल में अवकाश के लिए छात्राओं की सुरक्षा का हवाला दे रहा है. छात्र संगठनों के साथ हॉस्टल की छात्राओं ने एसडीएम कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही जल्द ही हॉस्टल ओपन करने की मांग की है.

झाबुआ। थांदला तहसील के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्रावास की छात्राओं ने कलेक्टर से हॉस्टल में पर्याप्त भोजन न दिए जाने के साथ- साथ वार्डन की शिकायत की थी. जिस पर छात्रावास प्रबंधन पर कार्रवाई करने की बजाए कलेक्टर ने छात्रावास को ही अघोषित रूप से बंद करने का आदेश दे दिया.

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्रावास में हंगामा

बता दें 25 नवंबर को इन छात्राओं ने कलेक्टर से शिकायत की थी. जिसके बाद कलेक्टर ने डीपीसी समेत अन्य अधिकारियों को मामले की जांच करने हॉस्टल भेजा था. जहां छात्राओं की समस्या का हल तो नहीं हुआ, उल्टे अगले ही दिन शिक्षा विभाग के अधिकारी ने आदेश जारी कर छात्रावास में अवकाश घोषित करने का आदेश दे दिया.

सुरक्षा का दिया हवाला

जिला प्रशासन हॉस्टल में अवकाश के लिए छात्राओं की सुरक्षा का हवाला दे रहा है. छात्र संगठनों के साथ हॉस्टल की छात्राओं ने एसडीएम कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही जल्द ही हॉस्टल ओपन करने की मांग की है.

Intro:झाबुआ: जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं उठाता तो आंदोलन ,विरोध और धरना होते हैं । कुछ यही तस्वीर इन दिनों झाबुआ में दिखाई दे रही है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने कलेक्टर से छात्रावास में पर्याप्त भोजन ना मिलने और वार्डन के बर्ताव की शिकायत क्या कि कलेक्टर साहब को इतना बुरा लगा कि छात्रावास को ही अघोषित रूप से बंद करने के आदेश शिक्षा विभाग से जारी करा दिए ।


Body:असल में 25 नवंबर को इन छात्राओं ने कलेक्टर से शिकायत की थी, जिसके बाद कलेक्टर ने डीपीसी सहित अन्य अधिकारियों को छात्राओं की समस्या सुनने उनके हॉस्टल भेजा था। यहां छात्राओं की समस्या तो हल नहीं हुई वरन 26 नवंबर को यानी अगले ही दिन शिक्षा विभाग के अधिकारी ने आदेश जारी कर छात्रावास में अवकाश घोषित कर दिया।


Conclusion:सुरक्षा का हवाला देकर छात्रावास में अवकाश घोषित करना अब किसी के गले नही उतर रहा। विभाग के इस आदेश को लेकर छात्र छात्राएं अब उग्र हो गए हैं। थांदला में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले छात्र छात्राओं ने एसडीएम कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया । सरकारे एक और कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए लाखों करोड़ों का बजट रख रही है ऐसे में कलेक्टर से हुई शिकायत के बाद अब छात्राऐ खुद को अपमानित महसूस कर रही है। मन ही मन छात्राएं स्वयं को कोसने लगी है ? कि आखिर उन्होंने कलेक्टर से शिकायत की तो क्यों कि? क्या एक शिकायत की कीमत हॉस्टल को बंद करने चुकानी पड़ रही है?

प्रशासन यह नहीं समझ पाया कि आखिर इन छात्राओं को 30 किलोमीटर दूर कलेक्टर के पास शिकायत करने क्यों आना पड़ा और क्यों डीपीसी ज्ञानेंद्र ओझा 9 घंटे के निरीक्षण के बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए और क्यों जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी ने इस हॉस्टल में अवकाश घोषित कर दिया इन तमाम सवालों के जवाब कलेक्टर और सरकार के नुमाइंदों को देना चाहिए । क्या यही शिक्षा व्यवस्था है? क्या इन्हीं व्यवस्थाओं के जरिए हम मज़बूत मध्य प्रदेश को गढ़ पाएंगे ? बड़ा सवाल बन गया है।
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