झाबुआ : मध्य प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद 25 अप्रैल की रात से ही गुजरात में फंसे श्रमिकों को प्रदेश में लाने का काम शुरू हो गया. बीती रात गुजरात राज्य की सीमा पर जिला प्रशासन ने 60 से अधिक बसों की व्यवस्था जुटाकर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने वाले श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की श्रमिकों के घर वापसी की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही सरकार ने झाबुआ प्रशासन को व्यवस्था जुटाने के निर्देश दिए ताकि बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासियों को घर तक पहुंचाया जा सके.
गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार के आपसी तालमेल के चलते अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, कच्छ और मोरबी सहित अनेक इलाकों में फंसे मध्य प्रदेश के श्रमिकों को गुजरात स्टेट कॉरपोरेशन की बसें झाबुआ के पिटोल बॉर्डर तक छोड़ने पहुंची. पिटोल बॉर्डर से मध्य प्रदेश सरकार अपनी व्यवस्थाओं के अनुसार इन श्रमिकों की स्क्रीनिंग और मेडिकल जांच के बाद इन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्थाओं में जुटी रही है, देर रात 1500 से 2000 श्रमिक पिटोल बॉर्डर पर पहुंचे.
झाबुआ जिला प्रशासन ने बॉर्डर पर पहुंचे इन श्रमिकों के लिए भोजन पैकेट की व्यवस्था के साथ ही इनके समुचित मेडिकल जांच की व्यवस्था भी की. प्रशासन द्वारा 65 से अधिक निजी बसों से प्रदेश के अलग अलग जिलों के श्रमिकों को अपने गांव भेजने की व्यवस्था की गई.
रात में प्रदेश की सीमा में बने एकीकृत जांच चौकी (पिटोल बेरियर) पर रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर और झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया सहित जिला प्रशासन के अधिकार भी अधिकारी स्थितियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे.