झाबुआ: लोकसभा चुनाव के चलते नेताओं ने अपने विरोधियों पर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं. रतलाम-झाबुआ संददीय सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया पर झाबुआ विधायक गुमान सिंह डामोर ने तीखा हमला बोला है. डामोर ने कहा कि जो आदमी 40 सालों तक राजनीति का शिखर पुरुष बन कर रहा, उसे अपने बेटे के इलाज के लिए दिल्ली के अस्पताल का सहारा लेना पड़ा.
गुमान सिंह ने कहा कि सांसद जिले में ऐसी कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं दे पाए, जिससे लोगों को दूसरे जिले और प्रदेश में नहीं जाना पड़े. डामोर का आरोप है कि 5 बार सांसद, केंद्र और राज्य में मंत्री रहने के बाद भी कांतिलाल भूरिया जिले का विकास मूलभूत सुविधाओं के मामलों में भी नहीं कर पाए. गुमान सिंह ने कहा कि कांतिलाल भूरिया की अनदेखी के चलते पूरे संसदीय क्षेत्र और जनजाति जिलों के ग्रामीण लोगों को आज भी सुविधाओं के लिए दूसरे राज्यों पर आश्रित रहना पड़ रहा है.
आने वाले लोकसभा चुनाव में झाबुआ जिले के बड़े मुद्दों में रोजगार भी शुमार होगा. हर चुनाव में इस पर खूब बहस होती है, लेकिन ना तो राज्य और ना ही केंद्र में जिले की नुमाइंदगी कर रहे जनप्रतिनिधियों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाए हैं. रोजगार के अभाव और पलायन के चलते झाबुआ का आर्थिक विकास थम सा गया है. आलम ये है कि सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन ना मिलने के चलते जिले का औद्योगिक क्षेत्र बदहाल होता जा रहा है.
रतलाम संसदीय सीट में शामिल झाबुआ और अलीराजपुर जिला जनजाति जिला है. यहां की 70 फ़ीसदी से ज्यादा की आबादी अनुसूचित जनजाति की है, लेकिन जीवन स्तर को सुधारने उनके, अच्छे स्वास्थ्य,रोजगार और शिक्षा के लिए कुछ नहीं किया. झाबुआ विधायक गुमान सिंह डामोर ने भूरिया पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो सांसद अपने बेटे का इलाज झाबुआ में नहीं करा सका वह जिले के लोगों के लिए क्या विकास करेगा.