झाबुआ। जिले में शीतला सप्तमी का पर्व धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया. शहर के शीतला माता मंदिरों में रात 12 बजे के बाद से पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट जाती है. सप्तमी के एक दिन पहले तैयार भोजन और व्यंजन खाकर शीतला सप्तमी मनाई जाती है.
होलिका दहन के सात दिनों बाद शीतला सप्तमी मनाई जाती है. मान्यता है कि शीतला माता की पूजा-अर्चना से घर में दरिद्रता नहीं आती. शीतला सप्तमी के दिन आस्था स्वरूप व्रत एवं उपवास भी रखे जाते हैं. इस दिन गरीबों को भोजन एवं दान देने का बड़ा महत्व माना जाता है.
जिले के राणापुर, थांदला, मेघनगर, पेटलावद, खवासा सहित कई ग्रामीण अंचलों में शीतला सप्तमी का पर्व धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया. धार्मिक महत्व के चलते जिला प्रशासन ने शीतला सप्तमी पर एक दिन का स्थानीय अवकाश भी घोषित किया.