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मद्य निषेध कार्यक्रम का आयोजन, नशे के खिलाफ चिकित्सा उपचार और मनोवैज्ञानिकों ने दी सलाह

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Published : Oct 7, 2020, 5:35 PM IST

जिले में बुधवार को मद्य निषेध सप्ताह के अंतर्गत नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम और विधिक साक्षरता शिविर का आयोजित किया गया. जहां नशा पीड़ितों को नशे की लत से बचने के लिए चिकित्सा उपचार और मनोवैज्ञानिक परामर्श दिए गए.

Drug de-addiction and awareness programs and legal literacy camps organized
नशा मुक्ति और जागरूकता कार्यक्रम एवं विधिक साक्षरता शिविर आयोजित

झाबुआ जिले में मद्य निषेध सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को जिला चिकित्सालय में नालसा (नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन) योजना-2015 के अंतर्गत नशा मुक्ति और जागरूकता कार्यक्रम एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष, जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता, अपर जिला न्यायाधीश, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजेश देवलिया उपस्थित रहे. सभी ने नशा पीड़ितों और आम नागरिकों को नशे की लत से बचने के लिए चिकित्सीय उपचार और मनोवैज्ञानिक परामर्श दिया.

इस दौरान नशा और नशीली वस्तुएं जैसे बीड़ी, तंबाकू, सिगरेट, शराब, गांजा, भांग, अफीम, चरस, हैरोईन आदि को छोड़ने की सलाह और समझाइश दी गई. साथ ही नशा मुक्ति केन्द्र में उपचार व परामर्श कराकर नशे की लत को छोड़ने की अपील भी की गई, ताकि लोगों के स्वास्थ को बिगड़ने से बचाया जा सके.

इस मौके पर अपर जिला न्यायाधीश राजेश देवलिया ने कहा कि नशा नाश करता है, जिससे व्यक्ति का आर्थिक, शारीरिक और सामाजिक नुकसान होता है. साथ ही नशे की लत के कारण अनेक गंभीर बीमारियां जैसे मुंह, गला, ध्वनि तंत्र, पेट गर्भाशय, गुर्दा फेफडे़ आदि का कैंसर, हद्य एवं रक्त संबंधी बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, क्षय रोग टीबी., पुरूषों में नपुंसकता, मोतियाबिन्द, गैंग्रीन, महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी आना, बांझपन जैसी आदि समस्याएं होती हैं.

उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति को शारीरिक रूप से नष्ट करता है, और व्यक्ति की सामाजिक स्थिति भी खराब हो जाती है. वह व्यक्ति अपने परिवार और समाज पर बोझ बन जाता है, वहीं नशा से मुक्त होकर व्यक्ति अपने परिवार समाज और राष्ट्र के विकास में सहयोग करता है.

मद्य निषेध सप्ताह अंतर्गत 2 अक्टूबर से नशा पीड़ितों को निःशुल्क विधिक सहायता एवं शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को लाभ दिलाये जाने के लिए, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ ने अनेक कार्यक्रम आयोजित किये हैं. वहीं सालसा एवं नालसा की योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी किया गया.

झाबुआ जिले में मद्य निषेध सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को जिला चिकित्सालय में नालसा (नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन) योजना-2015 के अंतर्गत नशा मुक्ति और जागरूकता कार्यक्रम एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष, जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता, अपर जिला न्यायाधीश, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजेश देवलिया उपस्थित रहे. सभी ने नशा पीड़ितों और आम नागरिकों को नशे की लत से बचने के लिए चिकित्सीय उपचार और मनोवैज्ञानिक परामर्श दिया.

इस दौरान नशा और नशीली वस्तुएं जैसे बीड़ी, तंबाकू, सिगरेट, शराब, गांजा, भांग, अफीम, चरस, हैरोईन आदि को छोड़ने की सलाह और समझाइश दी गई. साथ ही नशा मुक्ति केन्द्र में उपचार व परामर्श कराकर नशे की लत को छोड़ने की अपील भी की गई, ताकि लोगों के स्वास्थ को बिगड़ने से बचाया जा सके.

इस मौके पर अपर जिला न्यायाधीश राजेश देवलिया ने कहा कि नशा नाश करता है, जिससे व्यक्ति का आर्थिक, शारीरिक और सामाजिक नुकसान होता है. साथ ही नशे की लत के कारण अनेक गंभीर बीमारियां जैसे मुंह, गला, ध्वनि तंत्र, पेट गर्भाशय, गुर्दा फेफडे़ आदि का कैंसर, हद्य एवं रक्त संबंधी बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, क्षय रोग टीबी., पुरूषों में नपुंसकता, मोतियाबिन्द, गैंग्रीन, महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी आना, बांझपन जैसी आदि समस्याएं होती हैं.

उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति को शारीरिक रूप से नष्ट करता है, और व्यक्ति की सामाजिक स्थिति भी खराब हो जाती है. वह व्यक्ति अपने परिवार और समाज पर बोझ बन जाता है, वहीं नशा से मुक्त होकर व्यक्ति अपने परिवार समाज और राष्ट्र के विकास में सहयोग करता है.

मद्य निषेध सप्ताह अंतर्गत 2 अक्टूबर से नशा पीड़ितों को निःशुल्क विधिक सहायता एवं शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को लाभ दिलाये जाने के लिए, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ ने अनेक कार्यक्रम आयोजित किये हैं. वहीं सालसा एवं नालसा की योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी किया गया.

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