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खदानों में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा देना होगा अनिवार्य, नहीं तो होगी सख्त कार्रवाई

छोटी -बड़ी खदानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं के लिए खान सुरक्षा निदेशालय ने कडे़ निर्देश जारी कर दिए हैं.

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Published : Jul 25, 2019, 3:40 PM IST

मजदूर

झाबुआ। मध्य प्रदेश समेत देश की सभी छोटी-बड़ी खदानों को खान सुरक्षा निदेशालय की ओर से सख्त आदेश दिए गए हैं. खदानों में काम करने वाले हर मज़दूरों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए सरकार ने सुरक्षा अधिनियम को कड़ा कर दिया है साथ ही हर छोटी-बड़ी खदान में माइंस मैनेजर की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में गिट्टी, पत्थर, डोलोमाइट, रॉक फास्फेट, मैगनीज समेत कई खनिजों की खदानें हैं.

खदानों में मजदूरों की सुरक्षा होगी अनिवार्य
खदानों में काम करने वाले मज़दूरों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए बैचिंग प्रणाली को कठोरता से लागू किया जा रहा है. खदानों में बैचिंग प्रणाली से खनन करने के बजाय लीजधारक अपनी मर्ज़ी से मापदंड के विपरीत खुदाई करते हुए मज़दूरों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसके कारण खान में काम करने वाले श्रमिकों की मौत दबने से हो जाती थी. पहले सिर्फ बड़ी खदानों में माइंस मैनेजर रखने का प्रावधान था, लेकिन अब खदान क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए खान सुरक्षा निदेशालय ने यह कदम उठाया है.3 हेक्टयर से छोटी खदानों में भी अब ये नियम लागू रहेगा. नियम के तहत आगामी 3 महीने में सभी छोटी-बड़ी खदानों पर माइंस मैनेजर, माइंसमेट या फॉरमैन की नियुक्ति करना अनिवार्य हो जाएगा. तय मापदंड में खुदाई नहीं होने पर डीजीएमएस खदान की लीज भी निरस्त करने का प्रस्ताव सरकार को दे सकती है.

झाबुआ। मध्य प्रदेश समेत देश की सभी छोटी-बड़ी खदानों को खान सुरक्षा निदेशालय की ओर से सख्त आदेश दिए गए हैं. खदानों में काम करने वाले हर मज़दूरों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए सरकार ने सुरक्षा अधिनियम को कड़ा कर दिया है साथ ही हर छोटी-बड़ी खदान में माइंस मैनेजर की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में गिट्टी, पत्थर, डोलोमाइट, रॉक फास्फेट, मैगनीज समेत कई खनिजों की खदानें हैं.

खदानों में मजदूरों की सुरक्षा होगी अनिवार्य
खदानों में काम करने वाले मज़दूरों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए बैचिंग प्रणाली को कठोरता से लागू किया जा रहा है. खदानों में बैचिंग प्रणाली से खनन करने के बजाय लीजधारक अपनी मर्ज़ी से मापदंड के विपरीत खुदाई करते हुए मज़दूरों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसके कारण खान में काम करने वाले श्रमिकों की मौत दबने से हो जाती थी. पहले सिर्फ बड़ी खदानों में माइंस मैनेजर रखने का प्रावधान था, लेकिन अब खदान क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए खान सुरक्षा निदेशालय ने यह कदम उठाया है.3 हेक्टयर से छोटी खदानों में भी अब ये नियम लागू रहेगा. नियम के तहत आगामी 3 महीने में सभी छोटी-बड़ी खदानों पर माइंस मैनेजर, माइंसमेट या फॉरमैन की नियुक्ति करना अनिवार्य हो जाएगा. तय मापदंड में खुदाई नहीं होने पर डीजीएमएस खदान की लीज भी निरस्त करने का प्रस्ताव सरकार को दे सकती है.
Intro:झाबुआ: मध्य प्रदेश सहित देश की तमाम छोटी-बड़ी खदानों को खान सुरक्षा निदेशालय की ओर से कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। खदानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं के लिए केंद्र सरकार ने खान सुरक्षा अधिनियम को और कड़ा कर दिया है, इसके तहत अब हर छोटी बड़ी खदान में माइंस मैनेजर की नियुक्ति कंपलसरी कर दी है। पूर्व में बड़े खदानों में माइंस मैनेजर रखने का प्रावधान था ,किंतु अब 3 हेक्टेयर वाली छोटी खदानों में भी यह नियम लागू होगा ।


Body:खदानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा की दृष्टि से इन खदानों में बैंचिग प्रणाली को कठोरता से लागू किया जा रहा है ।जिले की गिट्टी ,पत्थर , डोलोमाइट ,रॉक फास्फेट, मैग्नीस जैसी तमाम खनिज संपदाओं से भरी खदानों में बैंचिग प्रणाली से खनन करने की बजाय लीज धारक अपनी मर्ज़ी से मापदंड के विपरीत खुदाई करते हुए मज़दूरों की जान से खिलवाड़ करते हैं ।


Conclusion:कई बार सुरक्षा नियमो का पालन ना करने पर श्रमिकों की मौत इन खदानों में दबने से हो जाती है। खदानों और खदान क्षेत्र में होने वली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए खान सुरक्षा निदेशालय ने यह कदम उठाया है। नियम के तहत आगामी 3 महीने में सभी छोटी-बड़ी खदानों पर माइंस मैनेजर , माइंस मेट या फॉर मैन की नियुक्ति करना अनिवार्य होगा । खदानों में तय मापदंड से खुदाई ना होने और पर डीजीएमएस खदान की लीज भी निरस्त करने का प्रस्ताव सरकार को दे सकती है ।
बाइट : राजेश मिश्रा डिप्टी डायरेक्टर खान सुरक्षा निदेशालय , सूरत रीजन
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