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झाबुआः निजी डॉक्टर के खिलाफ दर्ज हुए मामले के विरोध में उतरा एसोसिएशन, FIR निरस्त करने की मांग

झाबुआ में बीएचएमएस डॉक्टर के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर के बाद निजी चिकित्सक संगठन विरोध में उतर आया है. साथ ही डॉक्टरों के खिलाफ की गई एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है.

Doctors Association protests
डॉक्टर्स एसोसिएशन विरोध
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Published : Jun 16, 2020, 11:03 PM IST

झाबुआ। जिले में एसडीएम डॉ अभय सिंह खराडी ने शहर के बीएचएमएस डॉक्टर विजय मेरावत और डेंटिस्ट रोमिल जैन के खिलाफ एफआईआर की थी. इन दो डॉक्टरों के खिलाफ की गई एफआईआर के विरोध में निजी चिकित्सक संगठन ने मंगलवार को कलेक्टर से मिलकर इसका विरोध किया और ज्ञापन सौंपा. इसके साथ ही डॉक्टरों के खिलाफ की गई एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है.

FIR निरस्त करने की मांग

जिले भर से जुटे 100 से ज्यादा बीएचएमएस डॉक्टर्स और आयुष डॉक्टरों ने प्रशासन की इस कार्रवाई को तानाशाह पूर्ण बताया है. बीएचएमएस डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान भी वे अपनी सेवाएं आम लोगों तक पहुंचा रहे हैं. ऐसे में एसडीएम द्वारा की गई कार्रवाई से उनका मनोबल गिरा है. इन डॉक्टरों का कहना है कि एक ओर सरकार फीवर क्लीनिक में आयुष डॉक्टरों की नियुक्ति कर रहा है तो दूसरी और बाजार में क्लीनिक खोलकर लोगों का उपचार करने पर उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जा रही है.

जिले भर से जुटे निजी डॉक्टर से एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने एफआईआर निरस्त ना होने तक जिले के तमाम निजी क्लीनिक बंद करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से मध्यप्रदेश में कोरोना संकट से लड़ाई लड़ने वाले हजारों कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिरेगा. मध्य प्रदेश और गुजरात की बॉर्डर पर इन्हीं आयुष चिकित्सकों ने गुजरात से आने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की थी. इधर एसडीएम अभयसिंह खराडी का कहना है कि भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्रवाई की गई है.

झाबुआ। जिले में एसडीएम डॉ अभय सिंह खराडी ने शहर के बीएचएमएस डॉक्टर विजय मेरावत और डेंटिस्ट रोमिल जैन के खिलाफ एफआईआर की थी. इन दो डॉक्टरों के खिलाफ की गई एफआईआर के विरोध में निजी चिकित्सक संगठन ने मंगलवार को कलेक्टर से मिलकर इसका विरोध किया और ज्ञापन सौंपा. इसके साथ ही डॉक्टरों के खिलाफ की गई एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है.

FIR निरस्त करने की मांग

जिले भर से जुटे 100 से ज्यादा बीएचएमएस डॉक्टर्स और आयुष डॉक्टरों ने प्रशासन की इस कार्रवाई को तानाशाह पूर्ण बताया है. बीएचएमएस डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान भी वे अपनी सेवाएं आम लोगों तक पहुंचा रहे हैं. ऐसे में एसडीएम द्वारा की गई कार्रवाई से उनका मनोबल गिरा है. इन डॉक्टरों का कहना है कि एक ओर सरकार फीवर क्लीनिक में आयुष डॉक्टरों की नियुक्ति कर रहा है तो दूसरी और बाजार में क्लीनिक खोलकर लोगों का उपचार करने पर उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जा रही है.

जिले भर से जुटे निजी डॉक्टर से एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने एफआईआर निरस्त ना होने तक जिले के तमाम निजी क्लीनिक बंद करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से मध्यप्रदेश में कोरोना संकट से लड़ाई लड़ने वाले हजारों कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिरेगा. मध्य प्रदेश और गुजरात की बॉर्डर पर इन्हीं आयुष चिकित्सकों ने गुजरात से आने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की थी. इधर एसडीएम अभयसिंह खराडी का कहना है कि भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्रवाई की गई है.

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