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झाबुआ में जनधन खातों से पैसे निकालने के लिए बैंकों में लगी मजदूरों की भीड़, बढ़ा संक्रमण का खतरा

लॉकडाउन चलते झाबुआ जिले के मजदूरों को ना तो मजदूरी मिल पा रही है और ना ही उनके पास जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त कैश है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जनधन खातों में पैसे डालने की सूचना से ग्रामीण बड़ी संख्या में बैंक और कियोस्क सेंटरों की ओर रुख करने लगे हैं, जिसके चलते यहां भीड़ बढ़ गई है.

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Published : Apr 10, 2020, 2:13 PM IST

Updated : Apr 10, 2020, 2:21 PM IST

Increased rush to withdraw money from Jan Dhan Bank at bank and kiosk centers in Jhabua
झाबुआ में बैंक और कियोस्क सेंटरों पर जनधन बैंक से पैसे निकालने के लिए बढ़ी भीड़

झाबुआ। जिले में 50 फीसदी से ज्यादा की आबादी मजदूरी कर अपना जीवन निर्वाह करती है. बीते 20 दिनों से जिले में लॉकडाउन है. जिसके चलते जिले के ग्रामीण मजदूरों को ना तो मजदूरी मिल पा रही है और ना ही उनके पास जीवन निर्वाह के लिए उनके पास पर्याप्त कैश है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनधन खातों में पैसे डालने की सूचना से ग्रामीण बड़ी संख्या में बैंक और कियोस्क सेंटरों की ओर रुख करने लगे हैं, जिसके चलते यहां भीड़ बढ़ गई है.

दरअसल, झाबुआ के सभी बैंकों के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण सुबह से पैसे निकालने के लिए भीड़ के रूप में जमा हो जाते हैं. मेघनगर की भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली रही हैं. यहां पर ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही लोग सुरक्षा का ध्यान रख रहे है. कोविड-19 संक्रमण के चलते बीते एक पखवाड़े से जिले में जो मेहनत की जा रही है, उस पर यह भीड़ पानी फेरती दिखाई दे रही है.

पैसे निकालने के लिए पहुंच रहे ग्रामीण अशिक्षित हैं, लेकिन बैंक अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से नहीं निभा रहा है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया जा रहा है. इसके बावजूद भी बैंक अधिकारी अपने अधिकारियों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं और ना ही बैंक में आये लोगों को मास्क या चहरे को ढकने की सलाह दे रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में अब तक कोरोना वायरस से अछूते झाबुआ जिले में भी संक्रमण का खरता बना हुआ है.

झाबुआ। जिले में 50 फीसदी से ज्यादा की आबादी मजदूरी कर अपना जीवन निर्वाह करती है. बीते 20 दिनों से जिले में लॉकडाउन है. जिसके चलते जिले के ग्रामीण मजदूरों को ना तो मजदूरी मिल पा रही है और ना ही उनके पास जीवन निर्वाह के लिए उनके पास पर्याप्त कैश है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनधन खातों में पैसे डालने की सूचना से ग्रामीण बड़ी संख्या में बैंक और कियोस्क सेंटरों की ओर रुख करने लगे हैं, जिसके चलते यहां भीड़ बढ़ गई है.

दरअसल, झाबुआ के सभी बैंकों के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण सुबह से पैसे निकालने के लिए भीड़ के रूप में जमा हो जाते हैं. मेघनगर की भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली रही हैं. यहां पर ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही लोग सुरक्षा का ध्यान रख रहे है. कोविड-19 संक्रमण के चलते बीते एक पखवाड़े से जिले में जो मेहनत की जा रही है, उस पर यह भीड़ पानी फेरती दिखाई दे रही है.

पैसे निकालने के लिए पहुंच रहे ग्रामीण अशिक्षित हैं, लेकिन बैंक अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से नहीं निभा रहा है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया जा रहा है. इसके बावजूद भी बैंक अधिकारी अपने अधिकारियों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं और ना ही बैंक में आये लोगों को मास्क या चहरे को ढकने की सलाह दे रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में अब तक कोरोना वायरस से अछूते झाबुआ जिले में भी संक्रमण का खरता बना हुआ है.

Last Updated : Apr 10, 2020, 2:21 PM IST
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