झाबुआ। जिले के सरकारी शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जो स्थाई और अंशकालीन पदों पर पदस्थ हैं, उन्हें पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है. जिसकी शिकायत वे कई बार स्कूल शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों से कर चुके हैं. स्कूलों और हॉस्टलों में काम करने वाले भृत्य, चौकीदार और माली की नौकरी करने वाले कर्मचारियों को कोरोनाकाल में पैसे ना मिलने से आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्कूल शिक्षा विभाग के साथ आदिम जाति कल्याण विभाग, जिला शिक्षा केंद्र के स्कूलों और छात्रावासों में काम करने वाले इन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पिछले पांच से 6 से महीनों से वेतन नहीं मिला. कई कर्मचारी तो ऐसे हैं जिन्हें जुलाई 2019 के बाद से ही वेतन का भुगतान नहीं हुआ. इतने लंबे समय तक वेतन ना मिलने से इन लोगों के सामने अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि अब तक बाजार से लोग उन्हें उधारी सामान भी दे रहे थे मगर अब उधार सामान देने वालों ने भी मना कर दिया है. ऐसे में गुजारा चलाना मुश्किल हो रहा है.
अधिकारी कहते हैं बजट नहीं है
स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत इन कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर विभाग बड़े अधिकारियों तक गुहार लगाई है. मगर अधिकारियों ने विभाग में उनके वेतन के लिए बजट ना होने के चलते उन्हें बजट आने पर वेतन दिए जाने की बात कही है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतने महीनों तक बिना वेतन के छोटे कर्मचारी से बिना वेतन के आखिर कैसे काम लिया जा सकता है. जिले में ऐसे कई स्थाई और अंशकालीन कर्मचारी हैं जो पिछले कई महीनों से अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं.