झाबुआ। जिले के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में लगे केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को साफ (ट्रीट) करने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र में कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट (CEPT) लगाने का वादा 2016 में किया था. सरकारी वादे के इतर कॉमेंट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सिर्फ बाउंड्री वॉल निर्माण का काम ही शुरू हो पाया है, जबकि सितंबर 2020 में इस कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट को बनकर कर तैयार होना है. जाना था.
स्वीकृती लेने में 13 महीने का समय लगा
मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित हो रहे विभिन्न केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी से आसपास का भूजल स्तर खराब हो रहा था. केमिकल कारखानों के विरोध में उमड़े जन विरोध के बाद सरकार ने मेघनगर में कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की घोषणा की थी, ताकि प्रदूषित पानी का ट्रीटमेंट कर उसे उपयोग योग्य बनाया जा सके.
औद्योगिक विकास निगम में साढ़ें 9 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस प्लांट का ठेका हैदराबाद की कंपनी को दिया था, जिसका वर्क ऑर्डर दिसंबर 2018 में दिया गया था. CEPT बनाने वाली कंपनी को पर्यावरणीय स्वीकृती लेने में 13 महीने का समय लग गया.
धीमी गति से चल रहा काम
औद्योगिक क्षेत्र में CEPT का काम कछुआ गति से चल रहा है. आलम यह है कि जिस ट्रीटमेंट प्लांट को इस समय तैयार हो जाना था, वहां अभी बाउंड्री वॉल का ही काम शुरू हो पाया है, जिससे लगता है कि आने वाले 6 महीनों तक यहां ट्रीटमेंट प्लांट की सौगात नहीं मिल पाएगी.
औद्योगिक विकास निगम के अधिकारियों का मानना है कि मार्च 2021 तक कंपनी ने ट्रीटमेंट प्लांट का काम को पूरा करने का आश्वासन दिया है. कोरोना का हवाला देकर विभाग ने कंपनी को 6 महीने का अतिरिक्त समय भी दिया है. अब देखना होगा कि आखिर कंपनी अपना काम कब पूरा कर पाती है और कब केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी से क्षेत्र के लोगों को छुटकारा मिलेगा.