भोपाल। झाबुआ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया पर दांव लगाया है. लेकिन इस सीट पर प्रत्याशी घोषित करने के बाद भी कांग्रेस की मुसीबतें कम नहीं हुई है. बगावत कांग्रेस के लिए यहां बड़ा खतरा साबित हो सकती है. क्योंकि कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा भी इस सीट से दावेदार थे. लेकिन पार्टी ने कांतिलाल भूरिया पर दांव लगाया है. ऐसे में अगर मेड़ा ने बगावत की तो यहां कांग्रेस का खेल एक बार फिर बिगड़ सकता है.
मेड़ा की बगावत से विधानसभा चुनाव में मिली थी कांग्रेस को हार
राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम फिर से इस सीट पर दोहराया जा सकता है. क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा अपनों की वगावत ने हराया था. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रम भूरिया को टिकट दिया था. जिससे नाराज होकर मेड़ा निर्दलीय मैदान में उतर गए. जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला और बीजेपी प्रत्याशी गुमान सिंह डामौर ने यहां जीत का डंका बजा दिया.
विधानसभा चुनाव में विक्रात भूरिया दस हजार वोटों से चुनाव हारे थे जबकी कांग्रेस के बागी प्रत्याशी जेवियर मेड़ा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 35 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब हुए थे. जो विक्रांत की हार की सबसे बड़ी वजह बनी थी. जेवियर मेड़ा ने भले ही विधानसभा चुनाव में वगावत की थी. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उनका निष्कासन वापस लेते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया था. ऐसे में मेड़ा अब उपचुनाव में अपना दावा ठोक रहे थे.
लोकसभा में भितरघात बनी थी कांतिलाल भूरिया के हार की वजह
राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि रतलाम-झाबुआ सीट पर लोकसभा चुनाव में भी जेवियर मेडा के भितरघात से कांतिलाल भूरिया को हार का सामना करना पड़ा था. भूरिया लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी जीएस डामोर से हार गए थे. क्योंकि कांग्रेस के ही जेवियर मेढ़ा कांतिलाल भूरिया की राह में रोड़े अटका रहे थे.
भूरिया-मेड़ा विवाद पर कांग्रेस की सफाई
हालांकि कांतिलाल भूरिया और जेवियर मेड़ा के विवाद पर कांग्रेस ने सफाई दी है. कांग्रेस के संगठन महामंत्री और झाबुआ उपचुनाव के प्रभारी राजीव सिंह कहना है कि दोनों नेताओं के बीच किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. कांतिलाल भूरिया को टिकट जेवियर मेड़ा की सहमति के बाद ही दिया गया है. दोनों नेता मिलकर झाबुआ में कांग्रेस को जीत दिलाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जेवियर मेड़ा पूरी ताकत से कांतिलाल भूरिया को जिताने में सहयोग करेंगे. उन्होंने बताया कि जेवियर मेडा ने पार्टी से कहा है कि इस बार कांग्रेस झाबुआ में भारी मतों से जीत दर्ज करेगी.
भले ही कांग्रेस भूरिया और मेड़ा के विवाद को अफवाह बता रही हो. लेकिन अगर यह सही साबित होता है. तो फिर कांग्रेस के लिए यहां परेशानियां हो सकती है. हालांकि राजनीति में पल-पल परस्थितियां बदलती रहती है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बाप-बेटे की हार का कारण बने जेवियर मेड़ा इस बार क्या गुल खिलाएंगे.