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मिशन झाबुआ उपचुनाव में जुटी कांग्रेस, 24 जून को सामूहिक विवाह सम्मेलन में हिस्सा लेंगे CM कमलनाथ

झाबुआ में होने वाले वैवाहिक सम्मेलन में हजारों की संख्या में आदिवासी जोड़ों की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह संपन्न कराए जाएंगे. 24 जून को मुख्यमंत्री कन्यादान समारोह में सीएम कमलनाथ की मौजूदगी को झाबुआ उपचुनाव की तैयारियों के मद्देनजर देखा जा रहा है.

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Published : Jun 20, 2019, 7:15 PM IST

फाइल फोटो (सोशल मीडिया)

भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के कब्जे वाली झाबुआ विधानसभा सीट खाली हो गई है. झाबुआ से बीजेपी विधायक जीएस डामोर, झाबुआ-रतलाम लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं. सांसद चुने जाने के बाद जीएस डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. झाबुआ विधानसभा सीट खाली हो जाने के बाद 6 माह के भीतर उपचुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी की कब्जे वाली सीट हथियाने और अपने संख्या बल को मजबूत करने के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में 24 जून को झाबुआ में विशाल सामूहिक विवाह सम्मेलन होगा, जिसमें सीएम कमलनाथ मौजूद रहेंगे.

24 जून को झाबुआ में सामूहिक विवाह सम्मेलन में हिस्सा लेंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ.

इस बारे में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे का कहना है कि आदिवासी भाइयों के प्रति कमलनाथ सरकार ने इच्छाशक्ति दिखाई है. उसी का प्रतिसाद था कि विधानसभा चुनाव में अधिकांश आदिवासी सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की. यह जानकर आश्चर्य होगा कि शिवराज सरकार में 6 लाख में से 3 लाख 63 हजार वनाधिकार पट्टे, जो केंद्र की कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने दिए थे, जिला स्तर पर ही निरस्त कर दिए गए थे, जबकि इनमें ग्राम सभा की अनुमति थी. कमलनाथ सरकार ने तुरंत आदेश दिया है कि प्रक्रिया की समीक्षा कर आदिवासियों को न्याय दिलाएंगे.

अभय दुबे ने कहा कि आदिवासियों की योजनाओं का बजट शिवराज सरकार के समय 17 फीसदी से 14 फीसदी पर आ गया था. मध्यप्रदेश में देश की 21 फीसदी आदिवासी आबादी निवास करती है. दुबे ने कहा कि यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम उनके लिये काम करें. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ चुनाव की दृष्टि से सबकुछ नहीं देखते हैं. 24 जून को मुख्यमंत्री कमलनाथ झाबुआ पहुंच रहे हैं. हजारों की संख्या में सामूहिक विवाह का लक्ष्य रखा गया है. योजना के तहत 51 हजार रुपए दिए जाएंगे और मुख्यमंत्री इसमें अग्रणी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने साफ किया ये विवाह सम्मेलन चुनावी नहीं है, बल्कि सामाजिक है. हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि झाबुआ का चुनाव हर हाल में कांग्रेस पार्टी जीतेगी.

भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के कब्जे वाली झाबुआ विधानसभा सीट खाली हो गई है. झाबुआ से बीजेपी विधायक जीएस डामोर, झाबुआ-रतलाम लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं. सांसद चुने जाने के बाद जीएस डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. झाबुआ विधानसभा सीट खाली हो जाने के बाद 6 माह के भीतर उपचुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी की कब्जे वाली सीट हथियाने और अपने संख्या बल को मजबूत करने के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में 24 जून को झाबुआ में विशाल सामूहिक विवाह सम्मेलन होगा, जिसमें सीएम कमलनाथ मौजूद रहेंगे.

24 जून को झाबुआ में सामूहिक विवाह सम्मेलन में हिस्सा लेंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ.

इस बारे में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे का कहना है कि आदिवासी भाइयों के प्रति कमलनाथ सरकार ने इच्छाशक्ति दिखाई है. उसी का प्रतिसाद था कि विधानसभा चुनाव में अधिकांश आदिवासी सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की. यह जानकर आश्चर्य होगा कि शिवराज सरकार में 6 लाख में से 3 लाख 63 हजार वनाधिकार पट्टे, जो केंद्र की कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने दिए थे, जिला स्तर पर ही निरस्त कर दिए गए थे, जबकि इनमें ग्राम सभा की अनुमति थी. कमलनाथ सरकार ने तुरंत आदेश दिया है कि प्रक्रिया की समीक्षा कर आदिवासियों को न्याय दिलाएंगे.

अभय दुबे ने कहा कि आदिवासियों की योजनाओं का बजट शिवराज सरकार के समय 17 फीसदी से 14 फीसदी पर आ गया था. मध्यप्रदेश में देश की 21 फीसदी आदिवासी आबादी निवास करती है. दुबे ने कहा कि यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम उनके लिये काम करें. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ चुनाव की दृष्टि से सबकुछ नहीं देखते हैं. 24 जून को मुख्यमंत्री कमलनाथ झाबुआ पहुंच रहे हैं. हजारों की संख्या में सामूहिक विवाह का लक्ष्य रखा गया है. योजना के तहत 51 हजार रुपए दिए जाएंगे और मुख्यमंत्री इसमें अग्रणी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने साफ किया ये विवाह सम्मेलन चुनावी नहीं है, बल्कि सामाजिक है. हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि झाबुआ का चुनाव हर हाल में कांग्रेस पार्टी जीतेगी.

Intro:भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के कब्जे वाली झाबुआ विधानसभा सीट खाली हो गई है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में झाबुआ सीट से निर्वाचित हुए जी एस डामोर झाबुआ रतलाम लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे और जीत गए थे। सांसद चुने जाने के बाद जी एस डामोर ने मध्यप्रदेश विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। झाबुआ विधानसभा सीट खाली हो जाने के बाद 6 माह के भीतर उपचुनाव होना है। बीजेपी की कब्जे वाली सीट हथियाने और अपना संख्या बल मजबूत करने के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है।इसी कड़ी में 24 जून को झाबुआ में विशाल सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया है। जिसमें हजारों की संख्या में आदिवासी जोड़ों का मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह संपन्न कराए जाएंगे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री कन्यादान समारोह में कमलनाथ की मौजूदगी को झाबुआ उपचुनाव की तैयारियों के मद्देनजर देखा जा रहा है।


Body:इस बारे में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे का कहना है कि आदिवासी भाइयों के प्रति कमलनाथ सरकार ने इच्छाशक्ति दिखाई है। उसी का प्रतिसाद था कि विधानसभा चुनाव अधिकांश आदिवासी सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। यह जानकर आश्चर्य होगा कि शिवराज सरकार में 6 लाख में से 3 लाख 63 हजार वनाधिकार पट्टे, जो केंद्र की कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने दिए थे। जिला स्तर पर ही निरस्त कर दिए गए थे, जबकि इनमें ग्राम सभा की अनुमति दी थी। कमलनाथ सरकार ने तुरंत आदेश दिया है कि प्रक्रिया की समीक्षा कर आदिवासियों को न्याय दिलाएंगे. वही जो आदिवासियों की योजनाओं का बजट होता था, शिवराज सरकार के समय 17% से 14% पर आ गया। मध्य प्रदेश में देश की 21% आदिवासी आबादी निवास करती है।यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम उनके लिए काम करें। हम सिर्फ चुनाव की दृष्टि से नहीं देखते हैं। 24 जून को मुख्यमंत्री कमलनाथ झाबुआ पहुंच रहे हैं। हजारों की संख्या में सामूहिक विवाह का लक्ष्य रखा गया है। कांग्रेस की प्रदेश सरकार की बेटियों के विवाह की योजना के तहत 51 हजार रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री इसमें अग्रणी भूमिका निभाएंगे। लेकिन हमें चुनाव की दृष्टि से नहीं देखते हैं। हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि झाबुआ का चुनाव हर हाल में कांग्रेस पार्टी जीतेगी।


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