श्योपुर : विजयपुर में 13 नवम्बर को विधानसभा का उपचुनाव है, बीजेपी और कांग्रेस ने भी चुनावी बिगुल फूंक दिया है, प्रत्याशी को लेकर भारतीय जनता पार्टी का रूख साफ है. वनमंत्री रामनिवास रावत कमल के निशान पर चुनाव लड़ेंगे लेकिन कांग्रेस में अब भी मंथन जारी है. तीन से चार दावेदार उम्मीदवारी के लिए ताल ठोक रहे हैं लेकिन फाइनल नाम पर मुहर कांग्रेस अलाकमान की और से लगना अभी बाकी है. ऐसे में विजयपुर विधानसभा का क्षेत्रीय और राजनीतिक समीकरण क्या कहता है आइए जानते है ईटीवी भारत के इस विश्लेषण में.
क्यों खास है विजयपुर विधानसभा क्षेत्र?
हरियाली, जंगल और नदी से घिरा विजयपुर ना सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दुर्ग के लिए जाना जाता है बल्कि कूनो नेशनल पार्क का एक गेट भी विजयपुर से ही है. इसकी वजह से पर्यटन विकास की यहां अपार संभावनाएं हैं. आने वाले समय में ये क्षेत्र वाइल्ड लाइफ कोरिडोर का भी हिस्सा बन सकता है.
विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता
विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की बात की जाए तो विजयपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-2 में (4.10.2023 के अनुसार) कुल 2 लाख 53 हज़ार 605 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,33,164 और महिला मतदाता 1,20,438 हैं. साथ ही ट्रांसज़ेंडर मतदाताओं की संख्या भी 3 है, जो इस वर्ष होने वाले विधानसभा उपचुनाव में मतदान करेंगे.
विधानसभा क्षेत्र का पॉलिटिकल सिनेरियो
मध्यप्रदेश में होने वाले दो विधानसभा उपचुनाव में जनता एक बार फिर अपना प्रतिनिधि अपना विधायक चुनेगी लेकिन अगर बात विजयपुर विधानसभा क्षेत्र की की जाए तो यह सीट तत्कालीन कांग्रेस विधायक और वर्तमान में बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत के कब्जे में रही है. सीट पर सालों तक कांग्रेस का लगातार दबदबा रहा है लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद जीते तत्कालीन कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने से विजयपुर विधानसभा सीट खाली हो गई थी. विजयपुर की जानता हमेशा से रावत पर भरोसा करती आई है. 2003 में जब बीजेपी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को पछाड़ते हुए अपनी सरकार बनाई थी तब विजयपुर की जनता ने कांग्रेस को चुनते हुए रामनिवास रावत को विधायक चुना था.
पॉलिटिकल पंडितों के मुताबिक जनता का भरोसा इतना अडिग था कि 2008 और 2013 में भी विजयपुर की जनता ने रावत को ही अपना विधायक बनाया. रावत पहली बार 1990 में इसी विधानसभा से विधायक चुने गए थे. इसके बाद 1993 में दोबारा विधायक बने. और अब कांग्रेस के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना आसान नजर नहीं आ रहा है लेकिन जनता के मन में इस बार क्या है अभी यह कहना भी मुश्किल है.
बीजेपी क्लियर, कांग्रेस में प्रत्याशी पर माथापच्ची
बीजेपी की ओर से मामला क्लियर है. प्रत्याशी घोषणा से पहले ही फाइनल है कि विजयपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी की और से प्रत्याशी रामनिवास रावत होंगे लेकिन कांग्रेस की ओर से अब तक कोई नाम निकलकर नहीं आया है. हालांकि, पार्टी के कई नेता टिकट की दौड़ में शामिल हैं जिनमें बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए आदिवासी नेता मुकेश मल्होत्रा का नाम टॉप पर है. इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता छोटेलाल सेंमरिया, पूर्व जनपद सीईओ रामप्रकाश गोरसिया, दो बार जनपद अध्यक्ष रह चुके आदिवासी नेता रमेश आदिवासी के अलावा सबलगढ़ के पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाह और क्षेत्र की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अतुल सिंह चौहान का नाम भी शामिल है.
कुछ ऐसा है जातिगत समीकरण
विजयपुर विधानसभा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और यहां सबसे अधिक वोट अनुसूचित जनजाति से हैं. करीब 30 फीसदी वोटर तो आदिवासी समाज से ही हैं. यहां मीणा समाज का भी अच्छा दबदबा है. इसके अलावा रावत, बैरवा (जाटव), धाकड़, मालीसमाज का भी प्रभाव है. वहीं ब्राह्मण, वैश्य, और मारवाड़ी गुर्जर समाज भी प्रभाव अपना प्रभाव रखते हैं.
अंतिम तीन विधानसभा चुनाव के नतीजे
2023 विधानसभा चुनाव- इस चुनाव में मुकाबला कांग्रेस की और से रामनिवास रावत और बीजेपी से बाबू लाल मेवरा के बीच था. रावत ने 69,646 वोट हासिल कर इस चुनाव में बीजेपी के मेवरा को 18,059 वोट से हराया था.
2018 के चुनाव में बीजेपी ने विजयपुर विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी सीताराम आदिवासी को टिकट दिया था और बीजेपी उम्मीदवार ने तत्कालीन विधायक रामनिवास रावत को 2840 वोट से हराया था, सीताराम आदिवासी ने 63,331 वोट हासिल किए थे जबकि रावत को 60,491 वोट मिले थे.
2013 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने हमेशा की तरह पूर्व मंत्री राम निवास रावत को टिकट दिया. चुनाव में उन्हें जनता के 67,358 वोट हासिल हुए जबकि बीजेपी के प्रत्याशी सीताराम आदिवासी को कुल 65,209 मत प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में रावत ने सीताराम आदिवासी को 2149 वोट से पछाड़ दिया था.
अभी भी विकास की दरकार
विधानसभा होने के बावजूद विजयपुर क्षेत्र पिछड़ेपन से जूझ रहा है. अब वनमंत्री भी इसी क्षेत्र के हैं लेकिन पर्यटन समेत कई मामलों में विजयपुर काफी पीछे है. इस क्षेत्र में कुपोषण भी एक गंभीर और बड़ी समस्या है. इसके साथ ही यह क्षेत्र स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भी काफी पीछे है. जिन पर जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए.
क्या कहती है बीजेपी-कांग्रेस
बीजेपी के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जाट का कहना है, '' जनता विकास को वोट कर रही है, अमूमन लोग चुनाव में विधायक चुनती है. यहां तो मंत्री को वोट देने वाले हैं. जबसे रामनिवास रावत बीजेपी में शामिल होकर मंत्री बने हैं, सीएम ने सरकार का खजाना श्योपुर की और मोड़ दिया है.'' वहीं कांग्रेस के प्रदेश मीडिया सेल उपाध्यक्ष आरपी सिंह कहते हैं, '' बीजेपी हमेशा लोगों को बहकाने का काम करती है. ये जोड़ तोड़ कर सत्ता में आने वाले लोग हैं और जनता इस बात को समझ चुकी है. जिस तरह लोकसभा में देश की जानता ने बीजेपी को आइना दिखाया है मानकर चलिए अब आने वाले विधानसभा उपचुनाव में विजयपुर की जनता भी खुद फैसला करेगी.''