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झाबुआ में सोमवार से रविवार तक रहेगी भगोरिये की धूम, ग्रामीणों में उत्साह

झाबुआ जिले में कल से भगोरिया मेले का आयोजन किया जाएगा. आदिवासी समाज के लोग भगोरिया को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.

Bhagoria fair will start from tomorrow.
कल से शूरू होगा भगोरिया मेला.
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Published : Mar 22, 2021, 4:20 PM IST

झाबुआ। पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में 22 मार्च सोमवार से जनजातीय समुदाय के प्रमुख और पारंपरिक पर्व की शुरुआत होगी. झाबुआ में भगोरिया को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. होली के पहले आले वाले 7 दिनों के प्रमुख हाट बाजारों को भगोरिया कहते हैं. जिसमें हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. प्रदेश के झाबुआ सहित जनजातीय बाहुल्य जिलों में आदिवासीयों का प्रसिद्ध ओर पारम्परिक पर्व भगौरिया कल 22 मार्च से शरू हो रहा है. जो आने वाने सात दिनों तक होलिका दहन के एक दिन पहले 28 मार्च तक चलेगा.

इन जिलों में मनाया जाता है भगोरिया

भगोरिया मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ, आलिराजपुर, धार, बड़वानी, खरगौन जिलों में मनाया जाता है. आदिवासी जनसमुदाय इस पर्व को उत्साह और उल्लास के साथ मनाता है. इस पर्व को भगोरियां या भगोरिया के नाम से भी जाना जाता है. समुदाय के लोग भगौरिया हाट बाजारों को लेकर साल भर इंतजार करते हैं. इस दौरान आदिवासी समाज का वाद्य यंत्र ढोल, मादल, थाली, बांसुरी, के साथ लोक नृत्य देखने को मिलता है. महिलाएं एक जैसे वस्त्र पहनकर चांदी के आभूषणों से सज धज कर इन बाजारों में आती हैं. भगोरिया हाट पर आधुनिकता का रंग भी चढ़ता जा रहा है. लिहाजा बड़ी संख्या में समुदाय के लोग अब आधुनिक कपड़े पहन कर इस पर्व में सम्मिलित होने लगे हैं. धोती कुर्ता और जैकेट की जगह जींस और टी शर्ट ने ले ली है. वहीं महिलाओं के पारंपरिक परिधान में भी बड़ा बदलाव आ रहा है.

झूले और खाने-पीने की दुकानें रहती आकर्षण का केंद्र

होलिका दहन के पहले झाबुआ के प्रमुख स्थानों पर लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों में झूले, चकरियां, पान, शरबत और अन्य खाने पिने की चिजों की दुकानें सजती है, जो भगोरिया पर्व के आकर्षण का केंद्र होती है. आदिवासी वर्ग की महिलाये, युवतियां, युवा, बुजुर्ग और बच्चें सजधंज कर हाट बाजारों में आते है. समुदाय के लोग ढोल और मांदल की थाप पर नाचते-गाते है.

झाबुआ-अलीराजपुर जिले में इन स्थानों पर लगेगा भगोरिया

◾22 मार्च 2021 सोमवार - आलीराजपुर, भाबरा, पेटलावद, रंभापुर, मोहनकोट, कुंदनपुर, रजला, बडगुड़ा एवं मेड़वा.
◾23 मार्च 2021 मंगलवार - बखतगढ़, आम्बुआ, अंधारवड़, पिटोल, खरड़ू, थांदला, तारखेड़ी एवं बरवेट.
◾24 मार्च 2021 बुधवार - चाँदपुर, बरझर, बोरी, उमरकोट, माछलिया, करवड़, बोरायता, कल्याणपुरा, खट्टाली, मदरानी एवं ढेकल.
◾25 मार्च 2021 गुरुवार - फूलमाल, सोंडवा, जोबट, पारा, हरिनगर, सारंगी, समोई एवं चैनपुरा.
◾26 मार्च 2021शुक्रवार - कट्ठीवाड़ा, वालपुर, उदयगढ़, भगोर, बेकलड़ा, मांडली एवं कालदेवी.
◾27 मार्च 2021 शनिवार - मेघगनर, रानापुर, नानपुर, उमराली, बामनिया, झकनावदा एवं बलेड़ी.
◾28 मार्च 2021 रविवार - झाबुआ, छकतला, झीरण, ढोलियावाड़, रायपुरिया, काकनवानी, सोरवा, आमखूँट, कनवाड़ा एवं कुलवट भरेगा भगोरिया मेला.

कोरोना के चलते सतर्कता के निर्देश

भगोरिया हाट बाजारों में उमड़ने वाली हजारों लोगों की भीड़ को प्रशासन ने वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सतर्कता बरतने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क की अनिवार्यता को लेकर अपील जारी की है. मगर उल्लास के इस पर्व पर प्रशासन की अपील कितनी कारगर होती है यह तो वक्त ही बताएगा. इधर ग्रामीण इस पर्व को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं.

झाबुआ। पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में 22 मार्च सोमवार से जनजातीय समुदाय के प्रमुख और पारंपरिक पर्व की शुरुआत होगी. झाबुआ में भगोरिया को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. होली के पहले आले वाले 7 दिनों के प्रमुख हाट बाजारों को भगोरिया कहते हैं. जिसमें हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. प्रदेश के झाबुआ सहित जनजातीय बाहुल्य जिलों में आदिवासीयों का प्रसिद्ध ओर पारम्परिक पर्व भगौरिया कल 22 मार्च से शरू हो रहा है. जो आने वाने सात दिनों तक होलिका दहन के एक दिन पहले 28 मार्च तक चलेगा.

इन जिलों में मनाया जाता है भगोरिया

भगोरिया मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ, आलिराजपुर, धार, बड़वानी, खरगौन जिलों में मनाया जाता है. आदिवासी जनसमुदाय इस पर्व को उत्साह और उल्लास के साथ मनाता है. इस पर्व को भगोरियां या भगोरिया के नाम से भी जाना जाता है. समुदाय के लोग भगौरिया हाट बाजारों को लेकर साल भर इंतजार करते हैं. इस दौरान आदिवासी समाज का वाद्य यंत्र ढोल, मादल, थाली, बांसुरी, के साथ लोक नृत्य देखने को मिलता है. महिलाएं एक जैसे वस्त्र पहनकर चांदी के आभूषणों से सज धज कर इन बाजारों में आती हैं. भगोरिया हाट पर आधुनिकता का रंग भी चढ़ता जा रहा है. लिहाजा बड़ी संख्या में समुदाय के लोग अब आधुनिक कपड़े पहन कर इस पर्व में सम्मिलित होने लगे हैं. धोती कुर्ता और जैकेट की जगह जींस और टी शर्ट ने ले ली है. वहीं महिलाओं के पारंपरिक परिधान में भी बड़ा बदलाव आ रहा है.

झूले और खाने-पीने की दुकानें रहती आकर्षण का केंद्र

होलिका दहन के पहले झाबुआ के प्रमुख स्थानों पर लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों में झूले, चकरियां, पान, शरबत और अन्य खाने पिने की चिजों की दुकानें सजती है, जो भगोरिया पर्व के आकर्षण का केंद्र होती है. आदिवासी वर्ग की महिलाये, युवतियां, युवा, बुजुर्ग और बच्चें सजधंज कर हाट बाजारों में आते है. समुदाय के लोग ढोल और मांदल की थाप पर नाचते-गाते है.

झाबुआ-अलीराजपुर जिले में इन स्थानों पर लगेगा भगोरिया

◾22 मार्च 2021 सोमवार - आलीराजपुर, भाबरा, पेटलावद, रंभापुर, मोहनकोट, कुंदनपुर, रजला, बडगुड़ा एवं मेड़वा.
◾23 मार्च 2021 मंगलवार - बखतगढ़, आम्बुआ, अंधारवड़, पिटोल, खरड़ू, थांदला, तारखेड़ी एवं बरवेट.
◾24 मार्च 2021 बुधवार - चाँदपुर, बरझर, बोरी, उमरकोट, माछलिया, करवड़, बोरायता, कल्याणपुरा, खट्टाली, मदरानी एवं ढेकल.
◾25 मार्च 2021 गुरुवार - फूलमाल, सोंडवा, जोबट, पारा, हरिनगर, सारंगी, समोई एवं चैनपुरा.
◾26 मार्च 2021शुक्रवार - कट्ठीवाड़ा, वालपुर, उदयगढ़, भगोर, बेकलड़ा, मांडली एवं कालदेवी.
◾27 मार्च 2021 शनिवार - मेघगनर, रानापुर, नानपुर, उमराली, बामनिया, झकनावदा एवं बलेड़ी.
◾28 मार्च 2021 रविवार - झाबुआ, छकतला, झीरण, ढोलियावाड़, रायपुरिया, काकनवानी, सोरवा, आमखूँट, कनवाड़ा एवं कुलवट भरेगा भगोरिया मेला.

कोरोना के चलते सतर्कता के निर्देश

भगोरिया हाट बाजारों में उमड़ने वाली हजारों लोगों की भीड़ को प्रशासन ने वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सतर्कता बरतने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क की अनिवार्यता को लेकर अपील जारी की है. मगर उल्लास के इस पर्व पर प्रशासन की अपील कितनी कारगर होती है यह तो वक्त ही बताएगा. इधर ग्रामीण इस पर्व को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं.

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