झाबुआ। जिले के अंतरवेलिया में स्थित जयदीप बायो फ्यूल बायो डीजल पंप को प्रशासन ने सील कर दिया. यहां बायो डीजल के नाम पर इंपोर्टेड बेस ऑयल में पैराफिन मिलाकर बेचा जा रहा था. जांच में सैंपल फेल होने के बाद रविवार सुबह एसडीएम एसके झा और नायब तहसीलदार जितेंद्र सोलंकी ने मौके पर जाकर पंप को सील करने की कार्रवाई की. फिलहाल यहां 6 हजार लीटर नकली बायो डीजल स्टॉक में रखा है. यह पूरा माल सीमावर्ती गुजरात राज्य के अंकलेश्वर से आता है. पंप संचालक मोहित पुरोहित द्वारा जीएसटी की चोरी करने की बात भी सामने आई है. ऐसे में जांच में कई और खुलासे होने की उम्मीद है.
इस तरह से तैयार होता है नकली बायो डीजल: दरअसल नकली बायो डीजल बेचने का ये खेल लंबे समय से चल रहा था. जिम्मेदारों की जानकारी में पूरा मामला होने के बावजूद साठगांठ के चलते पंप संचालक हमेशा कार्रवाई से बच जाता था. अब जब प्रशासनिक फेरबदल हुए तो नकली बायो डीजल के खेल पर भी विराम लग गया. अधिकारियों ने रविवार को मौका पंचनामा बनाकर पंप को सील कर दिया. सूत्रों के अनुसार सीमावर्ती गुजरात राज्य के अंकलेश्वर से यह माल सड़क के रास्ते झाबुआ आता है. इंपोर्टेड बेस ऑयल में पैराफिन मिलाने से यह डीजल जैसा काम करता है. बेस ऑयल आयात होता है. यह लुब्रिकेंट, इंजन ऑयल और पेंट आदि बनाने में काम आता है. इससे गाड़ी चल तो जाती है, लेकिन इंजन जल्दी खराब हो जाता है. कानूनन इसका उपयोग गाड़ी में नहीं किया जा सकता. नियम का उल्लंघन करने पर जीएसटी चोरी और मिलावट का केस बनता है.
कीमत में कितना अंतर: बायो डीजल और समान्य डीजल की कीमत में भी काफी अंतर है. रविवार को प्रति लीटर बायो डीजल का भाव 75.95 रुपए था, जबकि सामान्य डीजल की कीमत 94.89 रुपए थी. यानी एक लीटर में ही 18.94 रुपए का अंतर. इस लिहाज से 100 लीटर पर सीधे-सीधे 1894 रुपए की बचत हो जाती है. जिस वक्त डीजल की कीमतों में अप्रत्याशित उछाल आया था, उस वक्त ये नकली बायो डीजल का खेल जमकर चला. उस समय अंतरवेलिया में स्थित पम्प पर नकली बायो डीजल डलवाने के लिए भारी वाहनों की लंबी कतार लगा करती थी. इस दौरान पंप संचालक ने नकली बायो डीजल बेचकर जमकर मुनाफा कमाया. नायब तहसीलदार जितेंद्र सोलंकी ने बताया पूर्व में पम्प से सेंपल लिए थे, जो मानकों पर खरे नहीं उतरे. इस आधार पर अंतर बेलिया में स्थित बायो डीजल पंप को सील किया गया है.