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युवा स्वाभिमान योजना के तहत स्टाइपंड नहीं मिलने पर युवाओं का हल्लाबोल - youngesters not getting stipend

जबलपुर में शहरी युवा बेरोजगारों को युवा स्वाभिमान अभियान के तहत शॉर्ट अटेंडेंस का हवाला देते हुए उन्हें स्टाइपंड नहीं दिया जा रहा है. इससे परेशान होकर बेरोजगार युवा नगर निगम प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.

विरोध करते युवा
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Published : Jun 19, 2019, 2:46 PM IST

जबलपुर। कमलनाथ सरकार की युवा स्वाभिमान योजना को विभाग के ही लोग पलीता लगाने में जुटे हैं. योजना के तहत युवाओं को मिलने वाली राशि उनके अकांउट में ट्रांसफर नहीं हो रही है, जिससे नाराज युवा नगर निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

जबलपुर में शहरी युवा बेरोजगारों को युवा स्वाभिमान अभियान के तहत नगर निगम ने 100 दिन की ट्रेनिंग तो दी, उनसे 8 घंटों तक रोजाना काम भी लिया गया, लेकिन बीते 4 माह से स्टाइपंड के तौर पर मिलने वाले 4000 रुपये उन्हें नहीं दिए गए. जिससे नाराज युवाओं ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध जाहिर किया है.

सरकारी योजना के तहत राशी नहीं मिलने पर बेरोजगार युवाओं ने किया प्रदर्शन

विरोध कर रहे युवाओं का कहना था कि उपस्थिति के बाद भी उन्हें शॉर्ट अटेंडेंस बताया जा रहा है. इतना ही नहीं वेतन के लिए अकाउंट नंबर भी दिया गया, पर किसी की भी सैलरी ट्रांसफर नहीं की गई है. शिकायत के बाद भी संबंधित विभाग आवेदन पर आवेदन मांग रहा है.

जबलपुर में युवा स्वाभिमान योजना के तहत सैकड़ों युवक-युवतियों को रोजगार दिया गया, लेकिन वेतन के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है. बहरहाल युवा स्वाभिमान योजना विभाग के अधिकारियों ने इस पूरी गलती को भोपाल स्तर का बताया है, जिसे ठीक करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

जबलपुर। कमलनाथ सरकार की युवा स्वाभिमान योजना को विभाग के ही लोग पलीता लगाने में जुटे हैं. योजना के तहत युवाओं को मिलने वाली राशि उनके अकांउट में ट्रांसफर नहीं हो रही है, जिससे नाराज युवा नगर निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

जबलपुर में शहरी युवा बेरोजगारों को युवा स्वाभिमान अभियान के तहत नगर निगम ने 100 दिन की ट्रेनिंग तो दी, उनसे 8 घंटों तक रोजाना काम भी लिया गया, लेकिन बीते 4 माह से स्टाइपंड के तौर पर मिलने वाले 4000 रुपये उन्हें नहीं दिए गए. जिससे नाराज युवाओं ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध जाहिर किया है.

सरकारी योजना के तहत राशी नहीं मिलने पर बेरोजगार युवाओं ने किया प्रदर्शन

विरोध कर रहे युवाओं का कहना था कि उपस्थिति के बाद भी उन्हें शॉर्ट अटेंडेंस बताया जा रहा है. इतना ही नहीं वेतन के लिए अकाउंट नंबर भी दिया गया, पर किसी की भी सैलरी ट्रांसफर नहीं की गई है. शिकायत के बाद भी संबंधित विभाग आवेदन पर आवेदन मांग रहा है.

जबलपुर में युवा स्वाभिमान योजना के तहत सैकड़ों युवक-युवतियों को रोजगार दिया गया, लेकिन वेतन के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है. बहरहाल युवा स्वाभिमान योजना विभाग के अधिकारियों ने इस पूरी गलती को भोपाल स्तर का बताया है, जिसे ठीक करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

Intro:जबलपुर
कहा जाता है कि किसी भी देश के विकास और तरक्की में उसके युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है ।यही वजह है कि युवाओं को आगे बढ़ाने और उन्हें रोजगार देने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है। ताकि युवा देश और प्रदेश की तरक्की में भागीदार बन सकें और इसी मकसद से मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने युवाओं का हुनर निखार कर उनको पैरों पर खड़ा करने के लिए युवा स्वाभिमान योजना शुरू की थी ताकि युवा अपने कौशल को चमका कर अपना अलग मुकाम बना कर मध्य प्रदेश के विकास को गति दें।


Body:युवा स्वाभिमान योजना के तहत कमलनाथ सरकार अपने वादे के मुताबिक ऐसे बेरोजगार नौजवानों को ट्रेनिंग के साथ-साथ ₹4000 प्रतिमा मानदेय देने का काम कर रहे कर रही है जो रोजगार की तलाश कर रहे थे। लेकिन कमलनाथ सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को उसके ही विभाग पलीता लगाने में लगे हैं। अकेले जबलपुर में शहरी युवा बेरोजगारों को युवा स्वाभिमान अभियान के तहत नगर निगम द्वारा 100 दिन की ट्रेनिंग तो दी गई और उसके बाद 8 घंटे तक रोजाना काम भी लिया गया लेकिन बीते 4 माह से स्टाइपेंड के तौर पर मिलने वाले ₹4000 उन्हें नहीं दिए गए जिससे नाराज युवाओं ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध।


Conclusion:विरोध कर रहे युवाओं का कहना था कि उपस्थिति के बाद भी उन्हें शॉर्ट अटेंडेंस बताया जा रहा है। इतना ही नहीं वेतन के लिए अकाउंट नंबर भी दिया पर किसी की सैलरी किसी को ट्रांसफर भी नहीं की गई। शिकायत के बाद भी संबंधित विभाग आवेदन पर आवेदन मांग रहा है।जबलपुर में युवा स्वाभिमान योजना के तहत सैकड़ों युवक युवतियों को रोजगार दिया गया पर वेतन के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है।बहरहाल युवा स्वाभिमान योजना विभाग के अधिकारियों ने इस पूरी गलती को भोपाल स्तर का बताया है जिसे ठीक करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
बाईट.1-कामनी कोस्टा....युवती
बाईट.2-मयंक पटेल.....युवक
बाईट.3-सोनिया सिंह...प्रभारी, युवा स्वाभिमान योजना
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