जबलपुर। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day 2021) हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है. प्रति वर्ष 10 सितंबर को इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) का आयोजन करती है. जिले में आए दिन आत्महत्या की घटनाएं सामने आ रही हैं. पुलिस की कोशिश भी आत्महत्या जैसे कदम को रोकने में असफल साबित हो रही है. कुछ स्थान तो सुसाइड प्वाइंट के नाम से मशहूर हो गए हैं, जिसमें तिलवारा घाट के नए व पुराने पुल भी हैं. इस पुल पर आए दिन लोग आत्महत्या (Suicide in Jabalpur) करने के लिए पहुंचते हैं. हालांकि पुल के नीचे 24 घंटे मौजूद नाविक आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने में काफी हद तक सफल भी हुए हैं. पुलिस के आंकड़े भी बता रहे हैं कि आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कुछ लोग छोटी-छोटी बातों पर आत्महत्या कर रहे हैं.
जिले के ये स्थान बन गए सुसाइड प्वाइंट
जबलपुर के नए व पुराने तिलवाराघाट पुल, भेड़ाघाट का धुआंधार, बरगी डैम, संवेदनशील स्थल के रूप में चिह्नित किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, जिले में प्रतिमाह औसतन 45 से 50 लोग आत्महत्या कर रहे हैं. यह लोग इन स्थानों का उपयोग करते हैं. इन स्थानों को अब सुसाइड प्वाइंट (Suicide Points in Jabalpur) के नाम से भी जाना जाने लगा है.
तिलवाराघाट पुल का वीडियो भी आया था सामने
हाल ही में तिलवारा घाट से एक युवक ने कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. हालांकि पुल के नीचे मौजूद नागरिकों ने समय रहते उस युवक की जान बचा ली. युवक के आत्महत्या करने का वीडियो (Suicide Video Viral) भी सामने आया था, जिसमें आत्महत्या करने वाला युवक पुल के ऊपर चढ़कर वहां से कूद जाता है.
तिलवारा पुल पर लगवाई गई थी लोहे की जालियां
तिलवारा घाट का नया पुल सुसाइड प्वाइंट के नाम से विख्यात हो चुका था, जिसके चलते तत्कालीन कलेक्टर और संभागीय कमिश्नर रहे महेश चंद्र चौधरी ने आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए तिलवारा पुल (Tilwara Pool Jabalpur) के दोनों तरफ लोहे की जालियां लगवाईं थीं. इससे काफी हद तक आत्महत्या की घटनाओं में गिरावट आई. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि लोहे की जालियों तक पार करके आत्महत्या करने पहुंच जाते हैं.
पुलिस को नाविकों का सहारा
तिलवारा घाट के अलावा भेड़ाघाट, बरगी डैम में भी लोग सुसाइड करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में हर स्थान पर पुलिस को नाविकों का सहारा लेना पड़ता है. पुलिस के मुताबिक जब भी सुसाइड जैसी घटनाएं होती हैं, तो वहां नाविकों को अलर्ट किया जाता है, जो कि समय रहते काफी हद तक सुसाइड जैसी घटनाओं को रोकने में सफल भी हुए हैं.
इन बातों का हमेशा रखें ध्यान
- मेडिटेशन करते रहें.
- ऐसे दोस्तों से बातचीत करें जो कि आपके अच्छे साथी हों.
- परिवार वालों से अपनी समस्या को साझा करते रहें.
- स्वयं को अकेला न होने दें.
- अच्छा भोजन करें और खूब नींद लें.
इस वजह से आते हैं मन में आत्महत्या के ख्याल (Causes of Suicide)
- प्रेम में असफलता.
- परीक्षा में फेल हो जाने पर.
- कर्ज न चुका पाने के कारण.
- बीमारी के कारण.
- आर्थिक तंगी से जूझने के चलते.
- परिवार में तनाव के चलते.
- नशे की लत के चलते भी लोग आत्मघाती कदम उठाते हैं.
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस : हर वर्ष बढ़ रही दर, जानें कारण
बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)भी इसमें भागीदार है. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) मनाने के पीछे का उद्देश्य विश्व में तेजी से बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है. अक्सर बदलती लाइफस्टाइल और खुद के लिए समय की कमी, लोगों में अवसाद का कारण बन रही है. पूरे दिन बिजी शेड्यूल में मिल रहा स्ट्रेस लोगों में कई तरह के बदलाव लाता है. कई बार बढ़ते अवसाद के कारण भी लोग आत्महत्या (Suicide) कर लेते हैं. पिछले कुछ सालों में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में खुदकुशी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं.