जबलपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दस्तक के बाद अब प्रशासन को तीसरी लहर का खौफ है. जिससे निपटने के लिए जबलपुर जिला प्रशासन तैयारियों में लगा हुआ है. इसी कड़ी में गांव-गांव सर्वे हो रहा है. लेकिन यह सर्वे कोरोना और उसकी वैक्सीन को लेकर पैदा हो रही भ्रांतियां के बीच गफलत में आ गया है. दरअसल जबलपुर के पटी चरगवां गांव में सर्वे करने गई टीम का जमकर विरोध हुआ. गांव की सीमा पर महिलाएं डंडा लेकर खड़ी रहीं. और टीम को बाहर से ही भगा दिया. ग्रामीणों के बीच किसी ने यह भ्रम फैला दिया है कि कोरोना के टीके से मौत हो रही है.
महिलाओं ने सर्वे टीम का किया विरोध
दरअसल कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सरकार की तरफ से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत सर्वे टीम ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वे कर रही है और लोगों की समस्या जान रही है. लेकिन जबलपुर के ग्रामीण आदिवासी अंचल शहपुरा ब्लॉक के पटी चरगवां गांव में इसका विरोध देखा गया. यहां जब सर्वे के लिए टीम पहुंची, तो पहले ही गांव के बाहर दो दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने टीम को रोक दिया और जमकर बवाल काटा. चारों तरफ से लाठी-डंडों के साथ महिलाएं खड़ी हो गईं. जिसे देखकर गाड़ी में बैठे स्वास्थ्यकर्मी घबरा गए. और टीम को बिना सर्वे किए वापस जाना पड़ा.
समझाइश के बाद भी नहीं माने लोग
हालांकि स्वास्थ्य विभाग की सर्वे टीम की तरफ से महिलाओं को काफी समझाइश दी गई लेकिन महिलाओं ने किसी की एक न सुनी. बल्कि और भड़क उठीं और सर्वे टीम को गांव के बाहर से ही भगा दिया. बाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पंचनामा कार्रवाई कर पूरे घटनाक्रम से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया.
मौत की अनसुलझी गुत्थी, 150 से अधिक लोगों की मौत का नहीं है आंकड़ा
ग्रामीणों का आरोप - टीके से हो रही मौत
गौरतलब है कि ग्रामीण आदिवासी अंचल होने के कारण लोगों में जागरूकता की कमी है. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना के टीके से मौत हो रही है. जिसके कारण लोगों को डर और भय सता रहा है. जिसके कारण उन्होंने बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित किया हुआ है. ऐसे में ग्रामीण अंचलों में सर्वे करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.