जबलपुर। भोपाल रेल मंडल के एडीआरएम गौरव सिंह पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने वाली महिला ने अपने पति की प्रताडऩा से तंग आकर एवं वैवाहिक जीवन बचाने के लिए दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाया था. 7 मई 2022 को सामने आए इस मामले में रेलवे की काफी किरकिरी हुई थी. जिसके बाद एडीआरएम का तबादला कर दिया गया था. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने दर्ज एफआईआर निरस्त करने के आदेश दिये हैं. एकलपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि महिला के अपने पति से शुरुआत से संबंध खराब थे. जिसकी शिकायत उसने हरदा एवं होशंगाबाद पुलिस में दर्ज करवाई थी.
आरोप लगाए, सबूत पेश नहीं किए : प्रकरण के अनुसार महिला के पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति संबंधित प्रकरण में उसका संपर्क एडीआरएम भोपाल गौरव सिंह से हुआ था. जिसके बाद रेलवे में महिला को नौकरी प्राप्त हुई थी. महिला ने आरोप लगाया था कि भोपाल रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में रुकवा कर एडीआरएम ने उसके साथ गलत काम किया, लेकिन सुनवाई के दौरान सबूत प्रस्तुत नहीं किए. उच्च न्यायालय ने गोविंदपुरा पुलिस एवं होशंगाबाद पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब महिला पहले से अपने पति के खिलाफ मारपीट एवं बदसलूकी की शिकायत कर रही थी तो उस मामले में कार्रवाई नहीं की गई.
महिला ने किया था सुसाइड का प्रयास : कोर्ट ने कहा कि इसके विपरीत महिला ने पति के दबाव में जैसे ही एडीआरएम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया तो तत्काल रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया. न्यायालय ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एडीआरएम को उनके वरिष्ठ पद की वजह से प्रताडि़त करने का प्रयास किया गया है. इसलिए याचिका खारिज की जा रही है. उल्लेखनीय है कि महिला का पति हरदा में रहता है एवं आए दिन मारपीट करने से परेशान होकर महिला ने होशंगाबाद से जबलपुर जाने वाले रास्ते पर अपनी कार में हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था.
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घरेलू प्रताड़ना का बयान दिया था : होशंगाबाद पुलिस ने महिला को अस्पताल पहुंचाया था. जिसके बाद उसने अपने बयान में घरेलू प्रताड़ना की बात कही थी. दूसरे दिन महिला का पति उससे मिलने अस्पताल आया, जिसके बाद महिला ने अपना बयान बदल कर एडीआरएम पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया. होशंगाबाद पुलिस ने महिला के बयान एवं केस डायरी गोविंदपुरा पुलिस को जांच के लिए भेजी थी. गोविंदपुरा पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू होने से पहले ही दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया, जिसे अब हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.