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म्यूजियम में वाइल्डलाइफः जबलपुर का अनोखा संग्रहालय, जहां सुरक्षित रखे गए हैं जंगली जानवरों के दिल, दिमाग और किडनी

जबलपुर में देश का एकलौता वाइल्डलाइफ म्यूजियम अपने में अनूठा है. यहां शेर-टाइगर के दिल-किडनी आप देख पाएंगे. इस म्यूजियम में वन्यजीवों के अंदरूनी अंगों को सुरक्षित रखा गया है, जिसे देख आपके रुंगटे खड़े हो जाएंगे.

wildlife museum in jabalpur
म्यूजियम में वाइल्डलाइफ
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Published : Feb 21, 2022, 10:21 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 11:08 PM IST

जबलपुर। अगर हम आपसे पूछे कि क्या आपने कभी हाथी का दिल, शेर का कंकाल या फिर टाइगर की किडनी देखी है तो आपका जवाब शायद न में होगा. आज हम आपको ले चलते है देश के एकमात्र वाइल्डलाइफ म्यूजियम में जो कि मध्यप्रदेश के नानाजी देशमुख यूनिवर्सिटी जबलपुर में स्थापित है. इस म्यूजियम में टाइगर से लेकर सांभर तक के हार्ट तो मगर-तेंदुआ और अन्य कई जानवरों के लीवर रखे हैं. इसके अलावा कई वाइल्डलाइफ के मृत शरीर और उनके अवशेषों को रखा गया है. विश्विद्यालय का उद्देश्य है कि म्यूजियम में रखे जानवरों के विषय में छात्र जितना ज्यादा-से-ज्यादा जान पाएंगे उतना उनके लिए अच्छा होगा.

म्यूजियम में वाइल्डलाइफ
देश का एकमात्र वाइल्डलाइफ म्यूजियम
जानकारी के मुताबिक, वाइल्डलाइफ से जुड़ा यह म्यूजियम संभवतः देश में एकलौता है. जहां हर तरह के जानवरों के अवशेष उनके शरीर को रखा गया है. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसपी तिवारी ने ईटीवी भारत को जानकारी दी कि यह म्यूजियम अपने आप में सबसे अलग है, क्योंकि इस म्यूजिम में हर वन्य जीव के अलग-अलग अंदरूनी अंगों को सुरक्षित रखा गया है. उन्होंने बताया कि इस म्यूजिम को और वृहद स्तर पर बनाया जा रहा है. जिसके लिए शासन से मदद भी मिल रही है. इसके अलावा इस म्यूजियम से छात्र वन्य प्राणियों पर शोध और पढ़ाई भी कर सकते है.
wildlife museum in jabalpur
हाथी का दिल
wildlife museum in jabalpur
जंगली जानवर की हड्डियों का ढांचा

हाथी से लेकर हिरण तक के अवशेष
नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में देश का एकमात्र भव्य वाइल्डलाइफ म्यूजियम बनाया गया है. यहां पर हाथी, टाइगर, लेपर्ड, मगरमच्छ, सांभर, चीतल यहां तक कि बंदर-खरगोश तक के हार्ट को रखा गया है. इसके अलावा तेंदुआ-भालू-टाइगर-हिरन की किडनी में रखी हुई है. साथ ही टाइगर-हिरन के कंकाल, वन्य प्राणियों के सिर सहित कई अंदरूनी अंगों को छात्रों के शोध के लिए रखा गया है.

wildlife museum in jabalpur
मृत बाघ की खाल
wildlife museum in jabalpur
हाथी के बछड़े की किडनी
म्यूजियम देखने दूर-दूर से आते हैं लोग
जबलपुर नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में स्थित वाइल्डलाइफ म्यूजिम को देखने के लिए न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि अन्य राज्यों से छात्रों के अलावा लोग भी आते हैं. हिमाचल प्रदेश से आए समग्र भारद्वाज बताते है कि उन्होंने आज तक कभी इतना अच्छा वाइल्डलाइफ म्यूजियम नहीं देखा है. वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी करने वाले समग्र ने जैसे ही देखा कि म्यूजिम में हाथी से लेकर टाइगर-डियर और कई अन्य कई वन्य जीवों के अंदरूनी अवशेष रखे हैं जो देखते ही रह गए.
wildlife museum in jabalpur
बाघ का सिर

प्रदेश के इस शहर में शुरू हुआ पहला हेरिटेज म्यूजियम, 2000 साल पुराने सामान का कर पायंगे दीदार

म्यूजियम को और बेहतर बनाने के प्रयास
नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में स्थित वाइल्डलाइफ म्यूजियम अपने में बेहतरीन है. लेकिन इसे और बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन लगातार कोशिश कर रहा है. कुलपति डॉ एसपी तिवारी ने बजट को लेकर प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा है, अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है तो निश्चित रूप से वाइल्डलाइफ का यह म्यूजियम सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में जाना जाएगा.

जबलपुर। अगर हम आपसे पूछे कि क्या आपने कभी हाथी का दिल, शेर का कंकाल या फिर टाइगर की किडनी देखी है तो आपका जवाब शायद न में होगा. आज हम आपको ले चलते है देश के एकमात्र वाइल्डलाइफ म्यूजियम में जो कि मध्यप्रदेश के नानाजी देशमुख यूनिवर्सिटी जबलपुर में स्थापित है. इस म्यूजियम में टाइगर से लेकर सांभर तक के हार्ट तो मगर-तेंदुआ और अन्य कई जानवरों के लीवर रखे हैं. इसके अलावा कई वाइल्डलाइफ के मृत शरीर और उनके अवशेषों को रखा गया है. विश्विद्यालय का उद्देश्य है कि म्यूजियम में रखे जानवरों के विषय में छात्र जितना ज्यादा-से-ज्यादा जान पाएंगे उतना उनके लिए अच्छा होगा.

म्यूजियम में वाइल्डलाइफ
देश का एकमात्र वाइल्डलाइफ म्यूजियम
जानकारी के मुताबिक, वाइल्डलाइफ से जुड़ा यह म्यूजियम संभवतः देश में एकलौता है. जहां हर तरह के जानवरों के अवशेष उनके शरीर को रखा गया है. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसपी तिवारी ने ईटीवी भारत को जानकारी दी कि यह म्यूजियम अपने आप में सबसे अलग है, क्योंकि इस म्यूजिम में हर वन्य जीव के अलग-अलग अंदरूनी अंगों को सुरक्षित रखा गया है. उन्होंने बताया कि इस म्यूजिम को और वृहद स्तर पर बनाया जा रहा है. जिसके लिए शासन से मदद भी मिल रही है. इसके अलावा इस म्यूजियम से छात्र वन्य प्राणियों पर शोध और पढ़ाई भी कर सकते है.
wildlife museum in jabalpur
हाथी का दिल
wildlife museum in jabalpur
जंगली जानवर की हड्डियों का ढांचा

हाथी से लेकर हिरण तक के अवशेष
नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में देश का एकमात्र भव्य वाइल्डलाइफ म्यूजियम बनाया गया है. यहां पर हाथी, टाइगर, लेपर्ड, मगरमच्छ, सांभर, चीतल यहां तक कि बंदर-खरगोश तक के हार्ट को रखा गया है. इसके अलावा तेंदुआ-भालू-टाइगर-हिरन की किडनी में रखी हुई है. साथ ही टाइगर-हिरन के कंकाल, वन्य प्राणियों के सिर सहित कई अंदरूनी अंगों को छात्रों के शोध के लिए रखा गया है.

wildlife museum in jabalpur
मृत बाघ की खाल
wildlife museum in jabalpur
हाथी के बछड़े की किडनी
म्यूजियम देखने दूर-दूर से आते हैं लोग
जबलपुर नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में स्थित वाइल्डलाइफ म्यूजिम को देखने के लिए न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि अन्य राज्यों से छात्रों के अलावा लोग भी आते हैं. हिमाचल प्रदेश से आए समग्र भारद्वाज बताते है कि उन्होंने आज तक कभी इतना अच्छा वाइल्डलाइफ म्यूजियम नहीं देखा है. वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी करने वाले समग्र ने जैसे ही देखा कि म्यूजिम में हाथी से लेकर टाइगर-डियर और कई अन्य कई वन्य जीवों के अंदरूनी अवशेष रखे हैं जो देखते ही रह गए.
wildlife museum in jabalpur
बाघ का सिर

प्रदेश के इस शहर में शुरू हुआ पहला हेरिटेज म्यूजियम, 2000 साल पुराने सामान का कर पायंगे दीदार

म्यूजियम को और बेहतर बनाने के प्रयास
नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में स्थित वाइल्डलाइफ म्यूजियम अपने में बेहतरीन है. लेकिन इसे और बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन लगातार कोशिश कर रहा है. कुलपति डॉ एसपी तिवारी ने बजट को लेकर प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा है, अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है तो निश्चित रूप से वाइल्डलाइफ का यह म्यूजियम सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में जाना जाएगा.

Last Updated : Feb 21, 2022, 11:08 PM IST
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