जबलपुर। अगर हम आपसे पूछे कि क्या आपने कभी हाथी का दिल, शेर का कंकाल या फिर टाइगर की किडनी देखी है तो आपका जवाब शायद न में होगा. आज हम आपको ले चलते है देश के एकमात्र वाइल्डलाइफ म्यूजियम में जो कि मध्यप्रदेश के नानाजी देशमुख यूनिवर्सिटी जबलपुर में स्थापित है. इस म्यूजियम में टाइगर से लेकर सांभर तक के हार्ट तो मगर-तेंदुआ और अन्य कई जानवरों के लीवर रखे हैं. इसके अलावा कई वाइल्डलाइफ के मृत शरीर और उनके अवशेषों को रखा गया है. विश्विद्यालय का उद्देश्य है कि म्यूजियम में रखे जानवरों के विषय में छात्र जितना ज्यादा-से-ज्यादा जान पाएंगे उतना उनके लिए अच्छा होगा.
हाथी से लेकर हिरण तक के अवशेष
नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में देश का एकमात्र भव्य वाइल्डलाइफ म्यूजियम बनाया गया है. यहां पर हाथी, टाइगर, लेपर्ड, मगरमच्छ, सांभर, चीतल यहां तक कि बंदर-खरगोश तक के हार्ट को रखा गया है. इसके अलावा तेंदुआ-भालू-टाइगर-हिरन की किडनी में रखी हुई है. साथ ही टाइगर-हिरन के कंकाल, वन्य प्राणियों के सिर सहित कई अंदरूनी अंगों को छात्रों के शोध के लिए रखा गया है.
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म्यूजियम को और बेहतर बनाने के प्रयास
नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में स्थित वाइल्डलाइफ म्यूजियम अपने में बेहतरीन है. लेकिन इसे और बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन लगातार कोशिश कर रहा है. कुलपति डॉ एसपी तिवारी ने बजट को लेकर प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा है, अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है तो निश्चित रूप से वाइल्डलाइफ का यह म्यूजियम सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में जाना जाएगा.