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नर्मदा नदी के दाएं तट से जुड़ी नहर फूटी, 250 एकड़ जमीन में भरा पानी - जबलपुर में नहर फूटने से भरा पानी

जबलपुर में नर्मदा से नहर में पानी छोड़ने का बाद नहर का लगभग 20 फीट का हिस्सा फूट गया, जिससे इलाके की 250 एकड़ जमीन में पानी भर गया. पानी भरने से लगाए गए धान पूरी तरह से खराब हो गए.

eruption in canal in jabalpur
जबलपुर में नहर फूटी
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Published : Jul 16, 2021, 7:42 PM IST

जबलपुर। बरगी दाएं तट नहर की मझौली-लमकना का 20 फीट का हिस्सा देर रात भरभरा कर बह गया. नहर फूटने से आसपास के गांव की करीब ढाई सौ एकड़ में लगी धान की फसल डूबने से बर्बाद हो गई. नहर फूटने की जानकारी किसानों ने नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-4 के अंतर्गत आने वाले सब इंजीनियर-एसडीओ स्तर के अधिकारियों को दी, लेकिन अधिकारी कई घंटे बाद मौके पर पहुंचे. तब तक खेत तालाब बन चुके थे.

खेतों में पानी भरने से किसानों की फसल बर्बाद.

नहर का 20 फीट का हिस्सा बहा
बारिश नहीं होने से किसानों ने चार दिन पहले ही धान रोपने के लिए नहर विभाग के अधिकारियों से पानी छोड़े जाने के लिए कहा था. नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-4 के अधिकारियों ने देर रात मझौली शाखा नहर से लमकना माइनर नहर में पानी छोड़ दिया, पानी छोड़ने के करीब दो से तीन घंटे के अंदर जुनवानी कला गांव से लगी नहर का करीब 20 फीट का हिस्सा बह गया.

नहर का का पानी आने से बर्बाद हुए धान
नहर फूटने से पानी खेतों में पानी भर गया. सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो घुटनों से ऊपर तक पानी खेतों में भरा था. करीब 250 एकड़ क्षेत्र में अधिकतर किसानों ने धान रोप दिये थे. घुटनों तक पानी भरने से खेत में लगा धान पूरी तरह बर्बाद हो गया.

तीन साल से नहीं हुआ नहर का मेंटेनेंस
किसानों का आरोप था कि विभाग ने नहर में पानी छोड़े जाने से पहले नहर का कचरा साफ नहीं किया. इसके अलावा करीब तीन साल से नहर का मेंटेनेंस नहीं होने से जगह-जगह से नहर फट चुकी थी. नहर के आगे के गेट नहीं खुलने से पूरा कचरा गेट में जमा हो गया, जिसके कारण नहर ओवरफ्लो हो गई और फूट गई.

चूहे खा गए नहर इसलिए बह गई
नहरों के मेंटेनेंस और साफ-सफाई में शासन जहां करोड़ों रुपये खर्च करता है, वहीं पहली बार ही पानी छोड़े जाने के बाद नहर का अचानक बह जाना बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है. नहर के बहने के बावजूद अधिकारी मौके पर यह तर्क देते नजर आए कि चूहों ने मिट्टी में बिल बना लिया था, जिसके कारण नहर फूट गई.

पेंच परियोजना की दाई नहर फूटी, 200 एकड़ खेतों में भरा पानी

नहर के फूटने की जानकारी के बाद मौके पर सिर्फ गेटमैन ही पहुंचा. घंटों बाद एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल तिवारी मौके पर पहुंचे. उनका कहना था कि नहर के बहने के मामले में जो भी जिम्मेदार अधिकारी हैं. उनकी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी.

जबलपुर। बरगी दाएं तट नहर की मझौली-लमकना का 20 फीट का हिस्सा देर रात भरभरा कर बह गया. नहर फूटने से आसपास के गांव की करीब ढाई सौ एकड़ में लगी धान की फसल डूबने से बर्बाद हो गई. नहर फूटने की जानकारी किसानों ने नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-4 के अंतर्गत आने वाले सब इंजीनियर-एसडीओ स्तर के अधिकारियों को दी, लेकिन अधिकारी कई घंटे बाद मौके पर पहुंचे. तब तक खेत तालाब बन चुके थे.

खेतों में पानी भरने से किसानों की फसल बर्बाद.

नहर का 20 फीट का हिस्सा बहा
बारिश नहीं होने से किसानों ने चार दिन पहले ही धान रोपने के लिए नहर विभाग के अधिकारियों से पानी छोड़े जाने के लिए कहा था. नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-4 के अधिकारियों ने देर रात मझौली शाखा नहर से लमकना माइनर नहर में पानी छोड़ दिया, पानी छोड़ने के करीब दो से तीन घंटे के अंदर जुनवानी कला गांव से लगी नहर का करीब 20 फीट का हिस्सा बह गया.

नहर का का पानी आने से बर्बाद हुए धान
नहर फूटने से पानी खेतों में पानी भर गया. सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो घुटनों से ऊपर तक पानी खेतों में भरा था. करीब 250 एकड़ क्षेत्र में अधिकतर किसानों ने धान रोप दिये थे. घुटनों तक पानी भरने से खेत में लगा धान पूरी तरह बर्बाद हो गया.

तीन साल से नहीं हुआ नहर का मेंटेनेंस
किसानों का आरोप था कि विभाग ने नहर में पानी छोड़े जाने से पहले नहर का कचरा साफ नहीं किया. इसके अलावा करीब तीन साल से नहर का मेंटेनेंस नहीं होने से जगह-जगह से नहर फट चुकी थी. नहर के आगे के गेट नहीं खुलने से पूरा कचरा गेट में जमा हो गया, जिसके कारण नहर ओवरफ्लो हो गई और फूट गई.

चूहे खा गए नहर इसलिए बह गई
नहरों के मेंटेनेंस और साफ-सफाई में शासन जहां करोड़ों रुपये खर्च करता है, वहीं पहली बार ही पानी छोड़े जाने के बाद नहर का अचानक बह जाना बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है. नहर के बहने के बावजूद अधिकारी मौके पर यह तर्क देते नजर आए कि चूहों ने मिट्टी में बिल बना लिया था, जिसके कारण नहर फूट गई.

पेंच परियोजना की दाई नहर फूटी, 200 एकड़ खेतों में भरा पानी

नहर के फूटने की जानकारी के बाद मौके पर सिर्फ गेटमैन ही पहुंचा. घंटों बाद एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल तिवारी मौके पर पहुंचे. उनका कहना था कि नहर के बहने के मामले में जो भी जिम्मेदार अधिकारी हैं. उनकी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी.

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