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विवेक तंखा का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम, नहीं दिया राज्य सरकार को पैसा तो जाएंगे कोर्ट - राज्यसभा सांसद विवेक तंखा

राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का कहना है कि अगर केंद्र सरकार राज्य सरकार के हिस्से का पैसे नहीं देती है तो इसके लिए राज्य सरकार होईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.

Vivek Tankhas ultimate to the central government
विवेक तंखा का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम
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Published : Feb 28, 2020, 10:09 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 10:34 AM IST

जबलपुर । राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का कहना है यदि केंद्र सरकार मध्य प्रदेश के हिस्से के पूरे पैसे मध्यप्रदेश को नहीं देती है तो उनके पास कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. विवेक तंखा का कहना है कि संविधान की धारा 226 के तहत इस मामले को राज्य के हाईकोर्ट में भी चुनौती दी जा सकती है, लेकिन इससे कोई हल नहीं होगा, इसलिए धारा 131 जो राज्य और केंद्र के बीच विवाद को समझाने के लिए बनाई गई थी उसका सहारा लेना होगा. हालांकि ये देश में पहली बार होगा कि राज्य केंद्र से अपने हिस्से के पैसे लेने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटायागा.

विवेक तंखा का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम

विवेक तंखा का कहना है कि जब जीएसटी का कानून लागू किया जा रहा था, तब भी उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने इस बात की चिंता जताई थी कि यदि केंद्र ने राज्य का पैसा पूरा नहीं दिया तो ये विवाद कैसे सुलझगा, तो उन्होंने जीएसटी काउंसिल का सुझाव दिया था, लेकिन जीएसटी काउंसिल समझ में नहीं आ रही है और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के अलावा राज्य सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है. हालांकि विवेक तंखा का कहना है कि अभी तक राज्य ने या केंद्र ने ऐसे संकेत नहीं दिए हैं कि मामले को कोर्ट में चुनौती दी जाए लेकिन अंतिम विकल्प के रूप में सरकार के पास यही एक रास्ता बचता है.

राज्य सरकार केंद्र से जो पैसा मांग रही है, वह मध्य प्रदेश के लोगों ने ही टैक्स के जरिए केंद्र सरकार को दिया है. केंद्र कोई मेहरबानी नहीं कर रहा, लेकिन इसके बाद भी यदि केंद्र राज्य को पैसा नहीं देता है तो इसे मोदी सरकार की हठधर्मिता ही कहेंगे, क्योंकि इस पैसे के ना होने से मध्य प्रदेश की कई जन हितेषी योजनाएं ठीक से काम नहीं कर पाएंगे.

जबलपुर । राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का कहना है यदि केंद्र सरकार मध्य प्रदेश के हिस्से के पूरे पैसे मध्यप्रदेश को नहीं देती है तो उनके पास कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. विवेक तंखा का कहना है कि संविधान की धारा 226 के तहत इस मामले को राज्य के हाईकोर्ट में भी चुनौती दी जा सकती है, लेकिन इससे कोई हल नहीं होगा, इसलिए धारा 131 जो राज्य और केंद्र के बीच विवाद को समझाने के लिए बनाई गई थी उसका सहारा लेना होगा. हालांकि ये देश में पहली बार होगा कि राज्य केंद्र से अपने हिस्से के पैसे लेने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटायागा.

विवेक तंखा का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम

विवेक तंखा का कहना है कि जब जीएसटी का कानून लागू किया जा रहा था, तब भी उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने इस बात की चिंता जताई थी कि यदि केंद्र ने राज्य का पैसा पूरा नहीं दिया तो ये विवाद कैसे सुलझगा, तो उन्होंने जीएसटी काउंसिल का सुझाव दिया था, लेकिन जीएसटी काउंसिल समझ में नहीं आ रही है और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के अलावा राज्य सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है. हालांकि विवेक तंखा का कहना है कि अभी तक राज्य ने या केंद्र ने ऐसे संकेत नहीं दिए हैं कि मामले को कोर्ट में चुनौती दी जाए लेकिन अंतिम विकल्प के रूप में सरकार के पास यही एक रास्ता बचता है.

राज्य सरकार केंद्र से जो पैसा मांग रही है, वह मध्य प्रदेश के लोगों ने ही टैक्स के जरिए केंद्र सरकार को दिया है. केंद्र कोई मेहरबानी नहीं कर रहा, लेकिन इसके बाद भी यदि केंद्र राज्य को पैसा नहीं देता है तो इसे मोदी सरकार की हठधर्मिता ही कहेंगे, क्योंकि इस पैसे के ना होने से मध्य प्रदेश की कई जन हितेषी योजनाएं ठीक से काम नहीं कर पाएंगे.

Last Updated : Feb 28, 2020, 10:34 AM IST
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