जबलपुर। एक ओर जहां कोरोना महामारी के चलते लोग अपने घरों में कैद हैंं, तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो जीने के लिए महामारी के इस दौर मे भी अपने घरों की चौखट लांघकर बाहर जा रहे हैं. प्यास बुझाने की मजबूरी ने जबलपुर के कई गांव के लोगों को भीषण गर्मी मे पानी के लिए घरों से निकलने के लिए मजबूर किया है.
शहपुरा जनपद की ग्राम पंचायत देवरी नवीन में पानी की समस्या को लेकर लोग परेशान हैं. 14 सौ आबादी वाले आदिवासी गांव में पानी के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. गर्मी आते ही लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. ग्रामीण हर साल इस समस्या को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक के पास शिकायत भेजते हैं, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं होती है.
फिलहाल ग्रामीण इस बात को लेकर बेहद परेशान हैं, कोरोना के संक्रमण काल में लॉकडाउन होने के बावजूद उन्हें अपने घर से बाहर पानी लेने जाना पड़ रहा है. कहीं घर से पानी लेने जाना उनके मुसीबत का सबब ना बन जाए. ग्रामीणों का कहना है कि, पानी की समस्या नई नहीं है. ग्रामीणों को इस समस्या से हर साल दो-चार होना पड़ता है. पूरी पंचायत में सिर्फ एक कुआं है. जिसके भरोसे 14 सौ की आबादी वाले इस गांव के ग्रामीणों की प्यास बुझती है, ले देकर गांव के सरपंच अपनी व्यवस्था से गांव के मुखिया होने का फर्ज अदा कर रहे हैं. पिछली बार की तरह इस बार भी प्रायवेट बोर की मदद से ही पानी की व्यवस्था के प्रयास में लगे हैं. शहपुरा जनपद के तिनहेटा, बाडीबाडा,चिरापोंडी, दुर्गानगर,नकटिया, पटी चरगवां, उर्रम, ठेंगरा, नीचि, सालीवाडा, कोहला, कोहली, मेहगांव,कालापाठा जैसे दर्जनभर गांवों के लोग पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं.
वहीं सरपंच रामकुमार सैयाम का कहना है कि, 'यह समस्या विगत कई सालों से चली आ रही है. पिछ्ले साल एसडीएम के कहने पर दूसरे गांव से पानी की सप्लाई की गई, जिसका भुगतान अभी तक नहीं मिला, लेकिन हम इस साल फिर वहीं से पानी लेकर ग्रामीणों की समस्या को दूर करेंगे, क्योंकि नेता यहां आये ना आये, लेकिन हमको तो जिंदगी इन सबके बीच गुजारनी है'.