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बैलेंसिंग रॉक का अनोखा बैलेंस, संतुलन देखकर दंग रह जाएंगे आप

अरबी भाषा में जबल का मतलब पर्वत होता है. जबलपुर में काले पत्थरों के पर्वत हैं इसलिए एक संभावना यह भी है कि इन्हीं काले पत्थरों की वजह से इस जगह का नाम जबलपुर पड़ा होगा.

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Published : Apr 4, 2021, 9:09 PM IST

जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर अपने पत्थरों की वजह से बाकी देशों के मुकाबले एक अलग ही पहचान रखता है. जबलपुर की सफेद संगमरमर पत्थर, जिन्हें वाइट मार्बल रॉक के नाम से जाना जाता है. उनका दीदार करने दुनियाभर से लोग यहां यानी जबलपुर आते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि जबलपुर में केवल सफेद संगमरमर के पत्थर ही पाए जाते हैं बल्कि जबलपुर काले पत्थरों के बीच बसा हुआ एक काफी प्राचीन भी शहर है.

बैलेंसिंग रॉक का अनोखा बैलेंस

बड़े भूकंप के बाद भी नहीं बिगड़ा बैलेंस

काले पत्थरों में एक पत्थर ऐसा भी है, जिसे बैलेंसिंग रॉक के नाम से जाना जाता है. जबलपुर से भेड़ाघाट जाने के बीच में मदन महल नाम की जगह है, यहां पर एक गौड़ राजा का काफी प्राचीन किला भी है जो ऐसे ही एक काले पत्थर के ऊपर बना हुआ है. यह काले पत्थर उस जमाने के हैं जब यहां पर लावा उगलते हुए ज्वालामुखी रहे होंगे. उसी समय इन काले पत्थरों का जन्म हुआ होगा. उसके बाद से पानी और मौसम की वजह से इनमें क्षरण हुआ होगा और इनकी आकृतियां गोल हो गई होगी. इन्हीं में से बैलेंसिंग रॉक वाला काला पत्थर लगातार क्षरण के बाद प्राकृतिक तरीके से ही एक ऐसी आकृति में ढल गया जो आश्चर्य से कम नहीं है. यह एक बड़ा सा पत्थर है, जिसका वजन न जाने कितने टन होगा लेकिन यह एक स्क्वायर फीट से भी कम जगह है, को घरते हुए दूसरे पत्थर पर टिका हुआ है. लंबे समय में कई बार जबलपुर के आसपास कई बड़े भूकंप भी आए, लेकिन इस पत्थर का बैलेंस नहीं बिगड़ा और यह अपनी जगह पर टिका रहा इसलिए इसे बैलेंस रॉक कहा गया.

Information for tourists
पर्यटकों के लिए जानकारी

महिला सुरक्षा पर सेफ सिटी प्रोजेक्ट, पुलिस मांगेगी सुझाव

'जबल' का मतलब

जबल शब्द अरबी भाषा से आया है. अरबी भाषा में जबल का मतलब पर्वत होता है. जबलपुर में काले पत्थरों के पर्वत हैं इसलिए एक संभावना यह भी है कि इन्हीं काले पत्थरों की वजह से इस जगह का नाम जबलपुर पड़ा होगा. हालांकि हिंदूओं का मानना है कि भगवान राम के जमाने में यहां पर जवाली ऋषि हुआ करते थे और उनकी वजह से जबलपुर का नाम पड़ा है.

balancing rock
बैलेंसिंग रॉक
खूबसूरत पर्यटक स्थल

यह बैलेंस रॉक एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है. इसके चारों ओर ऐसे ही काले पत्थर बिखरे हुए पड़े हैं. बैलेंस रॉक के ठीक पीछे पत्थरों के अंदर गुफाएं हैं. एक संभावना यह भी है कि इसमें किसी जमाने में लोग रहा करते होंगे और इसी के बगल वाली पहाड़ी पर मदन महल है. जिसे दुनिया का सबसे छोटा किला कहा जाता है, काले पत्थर के यह पहाड़ बहुत खूबसूरत है. बैलेंस रॉक की वजह से यहां पर बाहर से आने वाला पर्यटक कुछ देर के लिए जरूर रुकता है.

देश का पहला विद्युतीकृत जोन बना पश्चिम मध्य रेलवे, अब होगी बचत ही बचत

दुर्दशा

प्रकृति का यह नायब तोहफा जबलपुर को अनजाने में ही मिला है लेकिन ऐसा लगता है कि जबलपुर इसे सहेज नहीं पा रहा प्रकृति की धरोहर सरकारी रिकॉर्ड ओं में किसी की निजी जमीन बताई गई है. क्योंकि यह पत्थर यहां पर है, इसलिए इसके कुछ हिस्से को बाउंड्री बनाकर बचाया गया है, बाकी जगह पर काले पत्थरों को तोड़ दिया गया है. जमीन समतल कर दी गई है और कंक्रीट के जंगल बना दिए गए हैं, यहां भी नगर निगम ने कुछ लाइटिंग की थी जो अब या तो खराब हो गई है और रात होते ही यह जगह शराबियों का अड्डा बन जाती है.

Trash around White Marble Rock
वाइट मार्बल रॉक के आसपास कचरा

पर्यटकों की पंसदीदा जगह

मदन महल की पहाड़ियों में काले पत्थर की बहुत सी गोल चट्टाने हैं. इन दिनों पर्यटक घूमने नहीं निकल रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद हमें यहां राजस्थान से जबलपुर आए दो युवा मिले उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर उन्होंने जबलपुर के बैलेंस रॉक के बारे में काफी कुछ सुना था इसलिए वे यहां आकर इसे देखना चाहते थे उनका मानना है कि यह ब्रिटेन के स्क्वेयर स्टोन से भी खूबसूरत जगह है.

जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर अपने पत्थरों की वजह से बाकी देशों के मुकाबले एक अलग ही पहचान रखता है. जबलपुर की सफेद संगमरमर पत्थर, जिन्हें वाइट मार्बल रॉक के नाम से जाना जाता है. उनका दीदार करने दुनियाभर से लोग यहां यानी जबलपुर आते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि जबलपुर में केवल सफेद संगमरमर के पत्थर ही पाए जाते हैं बल्कि जबलपुर काले पत्थरों के बीच बसा हुआ एक काफी प्राचीन भी शहर है.

बैलेंसिंग रॉक का अनोखा बैलेंस

बड़े भूकंप के बाद भी नहीं बिगड़ा बैलेंस

काले पत्थरों में एक पत्थर ऐसा भी है, जिसे बैलेंसिंग रॉक के नाम से जाना जाता है. जबलपुर से भेड़ाघाट जाने के बीच में मदन महल नाम की जगह है, यहां पर एक गौड़ राजा का काफी प्राचीन किला भी है जो ऐसे ही एक काले पत्थर के ऊपर बना हुआ है. यह काले पत्थर उस जमाने के हैं जब यहां पर लावा उगलते हुए ज्वालामुखी रहे होंगे. उसी समय इन काले पत्थरों का जन्म हुआ होगा. उसके बाद से पानी और मौसम की वजह से इनमें क्षरण हुआ होगा और इनकी आकृतियां गोल हो गई होगी. इन्हीं में से बैलेंसिंग रॉक वाला काला पत्थर लगातार क्षरण के बाद प्राकृतिक तरीके से ही एक ऐसी आकृति में ढल गया जो आश्चर्य से कम नहीं है. यह एक बड़ा सा पत्थर है, जिसका वजन न जाने कितने टन होगा लेकिन यह एक स्क्वायर फीट से भी कम जगह है, को घरते हुए दूसरे पत्थर पर टिका हुआ है. लंबे समय में कई बार जबलपुर के आसपास कई बड़े भूकंप भी आए, लेकिन इस पत्थर का बैलेंस नहीं बिगड़ा और यह अपनी जगह पर टिका रहा इसलिए इसे बैलेंस रॉक कहा गया.

Information for tourists
पर्यटकों के लिए जानकारी

महिला सुरक्षा पर सेफ सिटी प्रोजेक्ट, पुलिस मांगेगी सुझाव

'जबल' का मतलब

जबल शब्द अरबी भाषा से आया है. अरबी भाषा में जबल का मतलब पर्वत होता है. जबलपुर में काले पत्थरों के पर्वत हैं इसलिए एक संभावना यह भी है कि इन्हीं काले पत्थरों की वजह से इस जगह का नाम जबलपुर पड़ा होगा. हालांकि हिंदूओं का मानना है कि भगवान राम के जमाने में यहां पर जवाली ऋषि हुआ करते थे और उनकी वजह से जबलपुर का नाम पड़ा है.

balancing rock
बैलेंसिंग रॉक
खूबसूरत पर्यटक स्थल

यह बैलेंस रॉक एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है. इसके चारों ओर ऐसे ही काले पत्थर बिखरे हुए पड़े हैं. बैलेंस रॉक के ठीक पीछे पत्थरों के अंदर गुफाएं हैं. एक संभावना यह भी है कि इसमें किसी जमाने में लोग रहा करते होंगे और इसी के बगल वाली पहाड़ी पर मदन महल है. जिसे दुनिया का सबसे छोटा किला कहा जाता है, काले पत्थर के यह पहाड़ बहुत खूबसूरत है. बैलेंस रॉक की वजह से यहां पर बाहर से आने वाला पर्यटक कुछ देर के लिए जरूर रुकता है.

देश का पहला विद्युतीकृत जोन बना पश्चिम मध्य रेलवे, अब होगी बचत ही बचत

दुर्दशा

प्रकृति का यह नायब तोहफा जबलपुर को अनजाने में ही मिला है लेकिन ऐसा लगता है कि जबलपुर इसे सहेज नहीं पा रहा प्रकृति की धरोहर सरकारी रिकॉर्ड ओं में किसी की निजी जमीन बताई गई है. क्योंकि यह पत्थर यहां पर है, इसलिए इसके कुछ हिस्से को बाउंड्री बनाकर बचाया गया है, बाकी जगह पर काले पत्थरों को तोड़ दिया गया है. जमीन समतल कर दी गई है और कंक्रीट के जंगल बना दिए गए हैं, यहां भी नगर निगम ने कुछ लाइटिंग की थी जो अब या तो खराब हो गई है और रात होते ही यह जगह शराबियों का अड्डा बन जाती है.

Trash around White Marble Rock
वाइट मार्बल रॉक के आसपास कचरा

पर्यटकों की पंसदीदा जगह

मदन महल की पहाड़ियों में काले पत्थर की बहुत सी गोल चट्टाने हैं. इन दिनों पर्यटक घूमने नहीं निकल रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद हमें यहां राजस्थान से जबलपुर आए दो युवा मिले उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर उन्होंने जबलपुर के बैलेंस रॉक के बारे में काफी कुछ सुना था इसलिए वे यहां आकर इसे देखना चाहते थे उनका मानना है कि यह ब्रिटेन के स्क्वेयर स्टोन से भी खूबसूरत जगह है.

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