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कलानिकेतन पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, राज्य सरकार से की मरम्मत करने की मांग

केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जबलपुर के पुराने कलानिकेतन भवन का निरीक्षण किया. भवन की खस्ता हालत को देखते हुए मंत्री ने कहा कि वे राज्य सरकार से भवन की मरम्मत की बात करेंगे.

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Published : Jan 3, 2020, 6:10 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 6:59 PM IST

union minister prahlad singh patel reached kalaniketan bhavan in jabalpur
केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल

जबलपुर। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शहर के कला निकेतन भवन का निरीक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने राज्य सरकार से इस भवन की मरम्मत कराने और इसे कला वीथिका बनाने की अपील की.

कलानिकेतन पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल

मंत्री प्रहलाद पटेल ने कलानिकेतन भवन के इतिहास पर रोशनी डालत हुए कहा कि, इस भवन की आधारशिला शांति निकेतन के तीन छात्र राम मनोहर सिन्हा, अमृतलाल वेगड़ और हरीश श्रीवास्तव ने रखी थी. ये तीनों महान हस्तियां अपने गुरु के आदेश के बाद संस्कारधानी में कला का प्रचार-प्रसार करने के लिए अपने शहर आए थे. भवन में के क्लासरुम में कई ऐसी पुरानी पेंटिंग हैं, जो अद्भुत हैं. अब जरूरत है ऐसी धरोहर को सहेजने की. उन्होंने कहा वे इस बारे में राज्य सरकार से बात करेंगे.

60 साल पहले हुई स्थापना

शहर में 1960 के दशक में कलानिकेतन की स्थापना की गई थी. तभी से ये संस्था पॉलिटेक्निक कॉलेज के ऊपर वाले फ्लोर में चल रही थी. जिसमें पेंटिंग, मूर्तिकला से जुड़ी कई विधाओं की शिक्षा दी जाती थी. आज भी 50 साल से पुरानी कई तस्वीरें इस इमारत की दीवारों पर बनीं हुई हैं. जो उस जमाने के बेहतरीन कलाकारों ने बनाई थी. लेकिन 2 साल पहले जब इस इमारत की छत गिरने लगी, तो कलाकारों ने इसे छोड़ दिया और अब ये संस्था एक किराए के घर में चल रही है.

जबलपुर। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शहर के कला निकेतन भवन का निरीक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने राज्य सरकार से इस भवन की मरम्मत कराने और इसे कला वीथिका बनाने की अपील की.

कलानिकेतन पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल

मंत्री प्रहलाद पटेल ने कलानिकेतन भवन के इतिहास पर रोशनी डालत हुए कहा कि, इस भवन की आधारशिला शांति निकेतन के तीन छात्र राम मनोहर सिन्हा, अमृतलाल वेगड़ और हरीश श्रीवास्तव ने रखी थी. ये तीनों महान हस्तियां अपने गुरु के आदेश के बाद संस्कारधानी में कला का प्रचार-प्रसार करने के लिए अपने शहर आए थे. भवन में के क्लासरुम में कई ऐसी पुरानी पेंटिंग हैं, जो अद्भुत हैं. अब जरूरत है ऐसी धरोहर को सहेजने की. उन्होंने कहा वे इस बारे में राज्य सरकार से बात करेंगे.

60 साल पहले हुई स्थापना

शहर में 1960 के दशक में कलानिकेतन की स्थापना की गई थी. तभी से ये संस्था पॉलिटेक्निक कॉलेज के ऊपर वाले फ्लोर में चल रही थी. जिसमें पेंटिंग, मूर्तिकला से जुड़ी कई विधाओं की शिक्षा दी जाती थी. आज भी 50 साल से पुरानी कई तस्वीरें इस इमारत की दीवारों पर बनीं हुई हैं. जो उस जमाने के बेहतरीन कलाकारों ने बनाई थी. लेकिन 2 साल पहले जब इस इमारत की छत गिरने लगी, तो कलाकारों ने इसे छोड़ दिया और अब ये संस्था एक किराए के घर में चल रही है.

Intro:केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल की राज्य सरकार से अपील जबलपुर के पुराने कलानिकेतन को दोबारा जिंदा करने की मांग इस जगह पर एक कला वीथिका बनाने की अपील


Body:जबलपुर 1960 के दशक मैं रविंद्र नाथ टैगोर के शांतिनिकेतन से 3 छात्र राम मनोहर सिन्हा अमृतलाल वेगड़ और श्याम वर्मा कला की शिक्षा लेकर जबलपुर आए थे इन लोगों ने जबलपुर में कलानिकेतन की स्थापना की थी बीते लगभग 50 सालों से यह संस्था पॉलिटेक्निक कॉलेज के सबसे ऊपर वाले फ्लोर में चल रही थी

2 साल पहले जब इस इमारत की छत गिरने लगी तो कलाकारों ने इसे छोड़ दिया और वह एक किराए के घर में चले गए यहां पर पेंटिंग मूर्तिकला से जुड़ी हुई कई विधाओं की शिक्षा दी जाती थी आज भी 50 साल से पुरानी कई तस्वीरें इस इमारत की दीवारों पर बनी हुई है जो उस जमाने के बेहतरीन कलाकारों ने बनाई थी जिन कलाकारों को दुनिया भर में पहचान मिली लेकिन यह कलाकार जिस इमारत में रहकर कला की बारीकियां सीखे थे वह इमारत अब खाली पड़ी हुई है और रेख देख नहीं होने की वजह से धीरे-धीरे करके कला की यह दुनिया उजड़ति जा रही है

केंद्र सरकार में संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल कलानिकेतन की इस इमारत को देखने के लिए पहुंचे और उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है की बेहतरीन कलाकारों की कर्मभूमि को दोबारा से जिंदा किया जाए शहर के बीच में इतनी बड़ी इमारत जिसमें कई कमरे हैं उसको नष्ट नहीं होने देना चाहिए इसमें कई खूबसूरत पेंटिंग से हैं जो ऐतिहासिक हैं और जो दीवारों पर उकेरी गई हैं इसलिए इन्हें यहां से नहीं निकाला जा सकता लेकिन इस पूरी जगह को एक कला वीथिका की तरह बनाया जा सकता है इमारत में पर्याप्त जगह है इसलिए इसका इस्तेमाल कलाकारों की वर्कशॉप के रूप में किया जा सकता है प्रहलाद पटेल ने राज्य सरकार से इस ऐतिहासिक इमारत को बचाने की अपील की है केंद्र सरकार सीधे इस मद में कोई पैसा नहीं दे सकती इसलिए इसे बचाने की कोशिश राज्य को ही करनी होगी


Conclusion:कला और संस्कृति समाज की आत्मा है यदि कला और संस्कृति को नहीं बचाया गया तो जीवन मशीनी होकर रह जाता है इसलिए कला संस्कृति और इतिहास इनसे जुड़ी हुई चीजों को बचा कर रखने से कंक्रीट के जंगलों में जान सी नजर आती है सरकारों को और समाज को कला संस्कृति को बुनियादी जरूरत मानते हुए बचाना चाहिए
बाइट प्रहलाद पटेल केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री
Last Updated : Jan 3, 2020, 6:59 PM IST
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