जबलपुर। पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन लगा हुआ है. बंद के चलते लोगों का काम पूरी तरह से बंद है. कई राज्यों में फंसे मजदूर अपने घर वापस लौट रहे हैं. जिसे जो साधन मिला उसी से ये मजदूर अपने घर की ओर निकल पड़े. किसी के पास खाने के लिए जेब में पैसे नहीं है तो कोई बिना चप्पल और जूते के घर के लिए रवाना हो गया.
इस मुश्किल घड़ी में नगर निगम समेत शहर के समाजसेवियों ने गरीब और मजदूरों को खाना खिलाने का बीड़ा उठाया था, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ ज्यादातर समाजसेवी भी ठंडे पड़ गए. नगर निगम ने भी 3 मई से शहर की ज्यादातर रसोइयों में बजट के अभाव का हवाला देते हुए ताला लगा दिया.
पिछले 50 दिनों से मदद का सिलसिला जारी
इसके बावजूद दो युवकों का जज्बा देखने को मिल रहा है. ये पिछले कई दिनों से समाज सेवा में जुटे हुए हैं.ये युवा ना ही नेता हैं और ना ही किसी राजनैतिक पार्टी से इनका संबंध है. युवा समाजसेवी सोनू दुबे 50 दिनों से गरीबों को दोनों समय का खाना खिलाते हैं. लॉकडाउन के बीच सोनू दुबे हर मोहल्ले में जाकर खाना बांट रहे हैं.खाना के साथ-साथ पीने के पानी के लिए टैंकर की व्यवस्था भी की गई है. सोनू प्रशासन की मदद के बगैर खुद के खर्चे से लोगों तक खाना पहुंचाते हैं.
घर-घर पहुंचा रहे राशन
वहीं दूसरी ओर समाजसेवी रंजीत चौधरी ने भी लॉक डाउन में गरीबों की मदद करने का जिम्मा उठाया है. रंजीत गरीब और मजदूर लोगों को घर-घर जाकर खाने की राशन मुहैया करा रहे हैं. रंजीत ने एक किट बनाई है, जिसमें आटा, दाल, चावल, तेल, साबुन है. रंजीत पहले जरूरतमंदों के नाम रजिस्टर में नोट करते हैं और फिर उनके घर जाकर किट देते हैं.