जबलपुर। जबलपुर 2023 के विधानसभा चुनाव में जबलपुर में दो ऐसे उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है जो कभी जबलपुर में नगर निगम के सर्वोच्च पदों पर आसीन रहे हैं. पूर्व आईएएस वेद प्रकाश भारतीय जनता पार्टी से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं तो नगर निगम के रिटायर्ड वरिष्ठ इंजीनियर पुरुषोत्तम तिवारी ने तो इंडियन पीपुल्स पार्टी नाम से राजनीतिक दल का ही गठन कर लिया और इसी के बैनर तले फिर पूरे प्रदेश में उम्मीदवार उतारेंगे.
रिटायर्ड आईएएस वेद प्रकाश: वेद प्रकाश एक रिटायर्ड आईएएस हैं जो जबलपुर नगर निगम के आयुक्त रह चुके हैं इसके अलावा वे नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा जिले में कलेक्टर भी रह चुके हैं. वेद प्रकाश जबलपुर की राजनीति में सक्रिय नजर आ रहे हैं हालांकि उन्होंने अपना रुझान भारतीय जनता पार्टी की ओर दिखाया है और बीते दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कि जबलपुर आगमन पर उन्होंने उनके स्वागत में बैनर पोस्टर भी लगवाए थे. इसके साथ ही वे पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से भी जबलपुर में मिले. सूत्रों के अनुसार वेद प्रकाश बिहार के किसी केंद्रीय मंत्री के बहुत करीबी हैं जो इन दिनों सरकार में हैं. इसलिए वेद प्रकाश को जबलपुर से टिकट मिलने की उम्मीद है.
जबलपुर के कायाकल्प में योगदान: वेद प्रकाश मूलता बिहार के रहने वाले हैं लेकिन वे लंबे समय तक जबलपुर के कमिश्नर रहे और इस दौरान उन्होंने जबलपुर में विकास की कुछ बड़े कामों को करवाया. इसमें यातायात से जुड़ी लेफ्ट टर्न की समस्या को उन्होंने बखूबी सुलझाया और शहर में कई लेफ्ट टर्न बनवाएं. जबलपुर के भंवरताल गार्डन का कायाकल्प भी उन्हीं के शासनकाल में हुआ इसलिए वेद प्रकाश को उम्मीद है कि उनके काम को देख कर भारतीय जनता पार्टी उन्हें टिकट देगी और जनता उन्हें चुनाव में जीताएगी. वेद प्रकाश जबलपुर में खास तौर पर पश्चिम विधानसभा में सक्रिय नजर आ रहे हैं. यहां पर उन्होंने समरसता का एक कार्यक्रम किया. जिसमें स्थानीय लोगों को सम्मिलित किया गया. इसके साथ ही परशुराम जयंती और हनुमान जयंती पर उन्होंने जुलूस में भी भागीदारी निभाई. यदि जबलपुर की पश्चिम विधानसभा से उन्हें टिकट मिलती है तो पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट के खिलाफ चुनाव मैदान में होंगे.
वरिष्ठ इंजीनियर पुरुषोत्तम तिवारी: पुरुषोत्तम तिवारी जबलपुर नगर निगम के सीनियर इंजीनियर रहे. लंबे समय तक उन्होंने नगर निगम के कई विभागों में काम किया और रिटायर होने के बाद उन्होंने एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया है. पार्टी का नाम इंडियन पीपुल्स पार्टी रखा गया है. पुरुषोत्तम तिवारी का तर्क है कि वे बीते 40 सालों से सरकार का हिस्सा रहे और उन्होंने सरकार की कई योजनाओं का क्रियान्वयन करवाया लेकिन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही जन हितैषी काम नहीं करती. जनता के मूल मुद्दों पर इन दोनों ही पार्टियों का ध्यान नहीं है. बेरोजगारी और महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों ही पार्टियां किनारा कर लेती हैं इसलिए उन्होंने इंडियन पीपुल्स पार्टी के नाम से ही पार्टी बना ली.
रिटायर्ड अधिकारियों का समर्थन: पुरुषोत्तम तिवारी का दावा है कि उन्हें न केवल जबलपुर में बल्कि जबलपुर के बाहर भी कई रिटायर्ड अधिकारियों का समर्थन मिला है जो राजनीति से जुड़ना चाहते हैं. पुरुषोत्तम तिवारी दिल्ली कि आप पार्टी से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं लेकिन वे उसका हिस्सा बनने की वजह है अपने दम पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं. पुरुषोत्तम तिवारी का कहना है कि उनके मुद्दों की वजह से जनता उनसे जुड़ेगी और आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें और उनके उम्मीदवारों को चुनेगी.
दोनों ही अधिकारियों के दावे और दावेदारियां अपनी जगह पर सही नजर आती हैं लेकिन समाज रिटायर अधिकारियों को अपना समर्थन देगा या नहीं देगा इसका पूर्वानुमान लगाना थोड़ा कठिन है लेकिन प्रशासन के इन धुरंधरों को चुनाव मैदान में देखकर चुनाव जरूर रोचक हो जाएंगे और दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवारों को भी इन पढ़े-लिखे अधिकारियों से चुनाव लड़ने में सतर्कता बरतनी होगी.