जबलपुर। जर्जर हुए आदिवासी विभाग के हॉस्टल के नए भवन के लिए छात्र धरने पर बैठ गए हैं. अधारताल में अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों के लिए एक बड़ा हॉस्टल है जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. हॉस्टल 300 छात्रों के रहने लायक जगह है फिलहाल 196 छात्र रह रहे हैं. आदिवासी विभाग का यह छात्रावास अधारताल मेन रोड पर 1 एकड़ से ज्यादा जगह में बना हुआ है. यहां बीते 8 मई से छात्र धरने पर बैठे हुए हैं इन लोगों की मांग है कि इस इमारत को नए सिरे से बनाया जाए.
उपराष्ट्रपति ने भूमि पूजन किया: जबलपुर में 18 सितंबर 2022 को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जबलपुर आए हुए थे तब उन्होंने इस एससी एसटी छात्रावास की नई इमारत के लिए भूमि पूजन किया था. छात्रों को उम्मीद बन गई थी कि अब उनके लिए एक नई अत्याधुनिक इमारत बन जाएगी लेकिन 8 माह बीत जाने के बाद भी यहां एक ईंट भी नहीं लग पाई ना तो टेंडर हुआ और ना ही विभाग की ओर से कोई गतिविधि नजर आ रही है. इसलिए छात्रों के पास आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
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जबलपुर में STSC छात्रों द्वारा धरने के चित्र।
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दिग्विजय सिंह ने उठाया मुद्दा: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जबलपुर के एससी एसटी छात्रों के आंदोलन को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि जब उपराष्ट्रपति भूमि पूजन कर कर चले गए हैं तो फिर हॉस्टल क्यों नहीं बनाया जा रहा है बल्कि बीते दिनों जब दिग्विजय सिंह जबलपुर आए थे तो उन्होंने इमारत की मरम्मत के लिए 11 लाख रुपया देने की पेशकश की थी लेकिन SC-ST विभाग के इंजीनियर का कहना है कि अब यह इमारत मरम्मत लायक नहीं बची है. दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में ऐसा आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश सरकार उपराष्ट्रपति का सम्मान नहीं कर रही है.
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बिल्डरों से सांठगांठ: दिग्विजय सिंह का आरोप है कि जबलपुर की जमीनों को बिल्डरों को भेजा जा रहा है और यह जमीन भी बेशकीमती है तो बिल्कुल इस बात की संभावना है कि सरकार इसे किसी बिल्डर को बेच सकती है. इस मामले में SC-ST विभाग के अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहे हैं और छात्रों का कहना है कि विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बताया है कि उनके पास नए छात्रावास बनाने का बजट नहीं है. जब सरकार के पास पैसा नहीं था तो उन्होंने उपराष्ट्रपति का मजाक क्यों बनवाया और उपराष्ट्रपति से भूमि पूजन क्यों करवाया.