जबलपुर। भले ही विज्ञान और सूचना-तकनीक के मामले में देश बहुत आगे बढ़ गया हो लेकिन आज भी समाज के कुछ लोग अंधविश्वास में डूबे हैं. बीमारी हो या कोई भी अन्य वजह, कुछ लोग तंत्र-मंत्र और टोटकों पर ज्यादा भरोसा करते हैं. यही वजह है कि वे तांत्रिक से झाड़-फूंक करने में समय निकाल देते हैं. कुंडम के उचहरा गांव में 52 साल के व्यक्ति की हुई हत्या इस बात का प्रमाण है कि अंधविश्वास पूरी तरह से लोगों के अंदर से नहीं गया है. दो व्यक्तियों ने इस बात पर तांत्रिक की हत्या कर दी कि वह उनके बच्चियों का भाव नहीं उतार पाया.
शव पेड़ पर लटका मिला : दरअसल, कुछ दिन पहले कुंडम के उचेहरा में ग्रामीणों को सुनील बरकड़े, जो झाड-फ़ूंक का काम करता है, उसकी लाश पेड़ पर लटकी हुई मिली थी. ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने शव को पीएम के लिए भेजते हुए जांच-पड़ताल की तो इस पूरे प्रकरण में जवारे विसर्जन के दौरान मन्नू और फूलसहाय के परिवार में दो बच्चियों को भाव आया था. जिसे उतारने के लिए मन्नू और फूलसहाय सुनील बरकड़े के पास पहुंचे और बच्चियों का भाव उतारने को कहा.
लाठियों से की मारपीट : इसके बाद सुनील बरकड़े द्वारा भाव उतारने का काफी प्रयास किया गया. लेकिन इसमें वह असफल हुआ तो मन्नू और फूलसहाय नाराज हो गए. उन्होंने गुस्से में आकर खेरमाई मंदिर के पास सुनील बरकड़े के साथ जमकर मारपीट कर लाठियों से लहूलुहान कर दिया. कुछ नुकीले धारदार हथियार से भी हमला किया. इसकी वजह से सुनील की मौके पर मौत हो गई. यह पूरी घटना आत्महत्या प्रतीत हो, इसके लिए दोनों आरोपियों ने पंडा सुनील के शव को पेड़ पर लटका दिया और मौके से फरार हो गए. बताया जा रहा है कि उचेहरा गांव के ग्रामीण अंधविश्वास को ज्यादा महत्व देते हैं. यही कारण है कि पंडा सुनील बरकड़े जब भाव नहीं उतार पाया तो ग्रामीणों ने दूसरे गांव से कुछ तांत्रिकों को गांव में बुलाया, जो अभी भी भाव उतारने के लिए पूजा-पाठ कर रहे हैं. (Treated by the exterminator then murdered)