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E-चालान ट्रैफिक पुलिस के लिए बना सिरदर्द, गलत पते के चलते हजारों चालान हो रहे वापस

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Published : Nov 6, 2020, 8:11 PM IST

जबलपुर की ट्रैफिक व्यवसथा को सुधारने के लिए पुलिस तमात कोशिश करती है, लेकिन शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पुलिस के लिए चुनौती बनी रहती है. वहीं ट्रैफिक पुलिस स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस के जरिए गलत तरीके से वाहन चलाने वालों पर ई-चालान की कार्रवाई लगातार कर रही है.

Traffic police is getting upset
ई-चालान से परेशान

जबलपुर। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को कैसे पटरी पर लाया जाए, इसको लेकर हमेशा ही ट्रैफिक पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती रहती है. जबलपुर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की बात करें तो यहां पर ट्रैफिक पुलिस स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस के जरिए गलत तरीके से वाहन चलाने वालों पर ई-चालान की कार्रवाई लगातार कर रही है. पुलिस द्वारा किए जा रहे चलानों का ज्यादातर मतलब समझ में नहीं आ रहा है, जिसकी वजह यह है कि वाहन चालकों के गलत पता होने के चलते हजारों ई-चालान वापस पुलिस के पास लौटकर आ रहे हैं, जिससे कि पुलिस को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ई-चालान बना सिरदर्द

शहर के एक दर्जन से ज्यादा चौराहों पर लगे कैमरों के जरिए बनाए गए हैं ई-चालान

जबलपुर ट्रैफिक पुलिस ने शहर के एक दर्जन से ज्यादा चौराहों पर लगे कैमरों की मदद से करीब दो लाख ई-चालान जनरेट किए हैं. लेकिन इसमें यह खामी उजागर हुई है कि करीब 30,000 ई चालान गलत पता होने के चलते वापस लौट कर आ गए हैं. चालान वापस लौटकर आने की वजह यह सामने आई है कि वाहन चालक का अधूरा पता,फर्जी नंबर साथ ही यह भी देखा गया है कि रजिस्ट्रेशन में जो नाम वाहन स्वामी का दर्ज होता है, पर पता उसका नहीं होता है. लिहाजा पुलिसकर्मी E-challan को वापस लाकर कार्यालय में फिर जमा कर देते हैं.

जनवरी 19 से अक्टूबर 20 तक करीब दो लाख ई चालान जनरेट

कोरोना काल होने के बावजूद जबलपुर ट्रैफिक पुलिस ने बीते जनवरी 19 से अभी तक आईटीएमएस( इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) की मदद से दो लाख वाहनों के ई-चालान जनरेट किए हैं, इसमें से एक लाख तीस हजार लोग बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले हैं. जबकि रेड लाइट जंप करने वालों की संख्या 50,000 तक पहुंची है. वही करीब एक लाख वाहन चालकों ने ई चालान अभी तक जमा ही नहीं किया है. जबकि 30,000 से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनके पते अधूरे हैं. इस कारण से ट्रैफिक पुलिस विभाग के साथ-साथ चालान की तामील करने वाले पुलिस कर्मचारी भी परेशान होते हैं

यह है ई-चालान की स्थिति

  • करीब दो लाख हुए है कुल ई-चालान जनरेट.
  • 75000 वाहन मालिकों ने जमा किया है जुर्माना
  • 30 हजार ई-चालान वापस लौटे.
  • करीब ढाई सौ चालान हुए हैं गलत.
  • करीब एक लाख वाहन मालिकों ने जमा नहीं किया जुर्माना
  • इन नियमों के उल्लंघन पर की गई है कार्रवाई.
  • 50,000 वाहनों पर रेड लाइट जंपिंग करने पर.
  • 1 लाख 30 हजार बिना हेलमेट वाहन चलाने पर.
  • 15000 वाहन ट्रिपल सवारी पर.
  • 2500 गलत नंबर प्लेट पर.

आंकड़े जनवरी 2019 से अक्टूबर 2020 तक

ट्रैफिक पुलिस अधिकारी भी मान रहे हैं कि ई-चालान लौटने की आ रही है समस्या.

जबलपुर ट्रैफिक डीएसपी बीपी सालोकी भी मानते हैं कि आईटीएमएस के जरिए जो e-challan वाहन मालिकों के घर तक पहुंचाए जाते हैं, वह चालान गलत पते या गलत नाम के कारण वापस लौट रहे हैं. यह पुलिस विभाग के सामने एक बड़ी समस्या है. लिहाजा समस्या से निजात पाने के लिए आरटीओ से लगातार संपर्क भी किया जा रहा है. ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि सबसे बड़ी परेशानी यह आ रही है कि वाहन का रजिस्ट्रेशन तो जबलपुर का है पर पता अपना वह अन्य जिले का लिखवाया हुआ है.

काफी पता तलाश करने के बाद भी नहीं मिलता है वाहन मालिक

इधर ट्रैफिक पुलिसकर्मी लक्ष्मी प्रसाद सेन का कहना है कि पुलिस विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर ई-चालान लेकर वाहन मालिकों के द्वारा दर्शाए गए पते पर तलाश किया जाता है लेकिन गलत पता होने के चलते e-challan की तामिली नहीं हो पाती है. लिहाजा चालान को वापस लाकर कार्यालय में फिर जमा करना होता है.

बहरहाल, जबलपुर में जिस तरह से ई-चालान वापस लौट के आने का आंकड़ा सामने आया है, यह बहुत ही बड़ा है, लिहाजा इस समस्या से निजात पाने के लिए जबलपुर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी अब आरटीओ से पत्राचार करने में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही वाहन मालिकों को मैनुअली तरीके से तलाश करने की तैयारी भी ट्रैफिक पुलिस ने शुरू कर दी है. अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस विभाग का यह नया तरीका ई चालान को लेकर कितना कारगर साबित होता है और क्या वापस लौट कर आ रहे e-challan की संख्या इस मैनुअली तरीके से कम होती है.

जबलपुर। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को कैसे पटरी पर लाया जाए, इसको लेकर हमेशा ही ट्रैफिक पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती रहती है. जबलपुर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की बात करें तो यहां पर ट्रैफिक पुलिस स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस के जरिए गलत तरीके से वाहन चलाने वालों पर ई-चालान की कार्रवाई लगातार कर रही है. पुलिस द्वारा किए जा रहे चलानों का ज्यादातर मतलब समझ में नहीं आ रहा है, जिसकी वजह यह है कि वाहन चालकों के गलत पता होने के चलते हजारों ई-चालान वापस पुलिस के पास लौटकर आ रहे हैं, जिससे कि पुलिस को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ई-चालान बना सिरदर्द

शहर के एक दर्जन से ज्यादा चौराहों पर लगे कैमरों के जरिए बनाए गए हैं ई-चालान

जबलपुर ट्रैफिक पुलिस ने शहर के एक दर्जन से ज्यादा चौराहों पर लगे कैमरों की मदद से करीब दो लाख ई-चालान जनरेट किए हैं. लेकिन इसमें यह खामी उजागर हुई है कि करीब 30,000 ई चालान गलत पता होने के चलते वापस लौट कर आ गए हैं. चालान वापस लौटकर आने की वजह यह सामने आई है कि वाहन चालक का अधूरा पता,फर्जी नंबर साथ ही यह भी देखा गया है कि रजिस्ट्रेशन में जो नाम वाहन स्वामी का दर्ज होता है, पर पता उसका नहीं होता है. लिहाजा पुलिसकर्मी E-challan को वापस लाकर कार्यालय में फिर जमा कर देते हैं.

जनवरी 19 से अक्टूबर 20 तक करीब दो लाख ई चालान जनरेट

कोरोना काल होने के बावजूद जबलपुर ट्रैफिक पुलिस ने बीते जनवरी 19 से अभी तक आईटीएमएस( इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) की मदद से दो लाख वाहनों के ई-चालान जनरेट किए हैं, इसमें से एक लाख तीस हजार लोग बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले हैं. जबकि रेड लाइट जंप करने वालों की संख्या 50,000 तक पहुंची है. वही करीब एक लाख वाहन चालकों ने ई चालान अभी तक जमा ही नहीं किया है. जबकि 30,000 से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनके पते अधूरे हैं. इस कारण से ट्रैफिक पुलिस विभाग के साथ-साथ चालान की तामील करने वाले पुलिस कर्मचारी भी परेशान होते हैं

यह है ई-चालान की स्थिति

  • करीब दो लाख हुए है कुल ई-चालान जनरेट.
  • 75000 वाहन मालिकों ने जमा किया है जुर्माना
  • 30 हजार ई-चालान वापस लौटे.
  • करीब ढाई सौ चालान हुए हैं गलत.
  • करीब एक लाख वाहन मालिकों ने जमा नहीं किया जुर्माना
  • इन नियमों के उल्लंघन पर की गई है कार्रवाई.
  • 50,000 वाहनों पर रेड लाइट जंपिंग करने पर.
  • 1 लाख 30 हजार बिना हेलमेट वाहन चलाने पर.
  • 15000 वाहन ट्रिपल सवारी पर.
  • 2500 गलत नंबर प्लेट पर.

आंकड़े जनवरी 2019 से अक्टूबर 2020 तक

ट्रैफिक पुलिस अधिकारी भी मान रहे हैं कि ई-चालान लौटने की आ रही है समस्या.

जबलपुर ट्रैफिक डीएसपी बीपी सालोकी भी मानते हैं कि आईटीएमएस के जरिए जो e-challan वाहन मालिकों के घर तक पहुंचाए जाते हैं, वह चालान गलत पते या गलत नाम के कारण वापस लौट रहे हैं. यह पुलिस विभाग के सामने एक बड़ी समस्या है. लिहाजा समस्या से निजात पाने के लिए आरटीओ से लगातार संपर्क भी किया जा रहा है. ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि सबसे बड़ी परेशानी यह आ रही है कि वाहन का रजिस्ट्रेशन तो जबलपुर का है पर पता अपना वह अन्य जिले का लिखवाया हुआ है.

काफी पता तलाश करने के बाद भी नहीं मिलता है वाहन मालिक

इधर ट्रैफिक पुलिसकर्मी लक्ष्मी प्रसाद सेन का कहना है कि पुलिस विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर ई-चालान लेकर वाहन मालिकों के द्वारा दर्शाए गए पते पर तलाश किया जाता है लेकिन गलत पता होने के चलते e-challan की तामिली नहीं हो पाती है. लिहाजा चालान को वापस लाकर कार्यालय में फिर जमा करना होता है.

बहरहाल, जबलपुर में जिस तरह से ई-चालान वापस लौट के आने का आंकड़ा सामने आया है, यह बहुत ही बड़ा है, लिहाजा इस समस्या से निजात पाने के लिए जबलपुर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी अब आरटीओ से पत्राचार करने में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही वाहन मालिकों को मैनुअली तरीके से तलाश करने की तैयारी भी ट्रैफिक पुलिस ने शुरू कर दी है. अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस विभाग का यह नया तरीका ई चालान को लेकर कितना कारगर साबित होता है और क्या वापस लौट कर आ रहे e-challan की संख्या इस मैनुअली तरीके से कम होती है.

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