जबलपुर। यदि आप छुट्टियों की तैयारी कर रहे हैं तो जबलपुर आपके लिए एक बहुत अच्छी डेस्टिनेशन हो सकता है. जहां आप सुविधाजनक तरीके से दो दिनों तक घूम सकते हैं. जबलपुर के आसपास कान्हा पेच बांधवगढ़ और पन्ना टाइगर रिजर्व भी है. इसके लिए जबलपुर आना पड़ता है. इसी दौरान पर्यटक जबलपुर की खूबसूरत पर्यटक स्थलों और ऐतिहासिक स्थलों का भी आनंद ले सकते हैं. Best Places to Visit In Jabalpur.
जबलपुर शहर की टूरिस्ट डेस्टिनेशन
भेड़ाघाट: भेड़ाघाट जबलपुर शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर पर्यटकों के लिए दुनिया का एक सबसे खूबसूरत नजारा जिसे व्हाइट मार्बल रॉक के नाम से जाना जाता है, वह देखने को मिलता है. भेड़ाघाट में रुकने के लिए कई होटल हैं जो बहुत कम बजट में पर्यटकों को पूरी सुविधाएं मुहैया करवाते हैं. पर्यटक भेड़ाघाट में नौका विहार कर सकते हैं. ठंड के समय में नौका विहार करने का अपना ही अद्भुत आनंद है. वहीं भेड़ाघाट में पर्यटक 1000 साल पुराने 64 जोगनी मंदिर को देख सकते हैं. जिसमें कलचुरी कालीन नक्काशी देखने को मिलेगी. यहां संगमरमर की मूर्तियां भी बहुत कम दामों में खरीदी जा सकती हैं.
बैलेंस रॉक: जबलपुर शहर के भीतर ही काले पत्थर की चट्टानें हैं और मदन महल पहाड़ी पर इन्हीं काले कलर की चट्टानों में प्रकृति का ऐसा नजारा आपको देखने को मिलेगा जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा. इसे बैलेंस रॉक के नाम से जाना जाता है. इसमें एक बहुत बड़ी चट्टान एक दूसरी चट्टान के ऊपर बैलेंस बनाकर रखी हुई है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक नजारा है. इसे आसानी से शहर के बीचों-बीच देखा जा सकता है.
मदन महल किला: रानी दुर्गावती के समय से जबलपुर में गोंडवाना कल का एक सबसे छोटा सा किला बनाया गया था जो आज भी अपनी अच्छी स्थिति में है. इसे मदन महल पहाड़ी पर देखा जा सकता है. इसके लिए लगभग 200 सीढ़ियां करनी पड़ती हैं. ऊपर से शहर का नजारा और जबलपुर के आसपास की काली घनी पहाड़ियां दिखती हैं, जो पर्यटकों के लिए रोमांचित करने वाला अनुभव होता है.
ग्वारीघाट की नर्मदा आरती: दिनभर शहर के आसपास के नजरों को देखने के बाद पर्यटकों के लिए एक सार्वजनिक धार्मिक आयोजन में शामिल होने का मौका मिलता है. जिसे ग्वारीघाट की नर्मदा आरती के नाम से जाना जाता है. यह आरती रोज शाम 7:00 बजे जबलपुर के ग्वारीघाट में होती है और इसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालु एक साथ आरती करते हैं. इस आयोजन में कई पंडित एक साथ एक ही तरीके से आरती करते हैं. वही नर्मदा के पार बना गुरुद्वारा अद्भुत दृश्य पैदा करता है जिसे देखकर पर्यटक रोमांचित होते हैं.
रानी दुर्गावती संग्रहालय: जबलपुर के ठीक बीचो-बीच भंवर ताल गार्डन के पास रानी दुर्गावती संग्रहालय है. यहां पुरातत्व महत्व की सैकड़ो बेस कीमती और बेहद सुंदर मूर्तियां रखी हुई हैं. इस संग्रहालय में आज से लगभग 2000 साल पुरानी पत्थर की मूर्ति रखी हैं, जो इस क्षेत्र की सबसे पुरानी मूर्ति है. वहीं, कलचुरी कालीन भी सैकड़ों मूर्तियां यहां पर हैं जो 1000 साल पुरानी हैं. इनमें कुछ मूर्तियां बेहद सुंदर हैं इनकी नक्काशी आपको मंत्र मुक्त कर देगी. वहीं इसी संग्रहालय में आप मशहूर पेंटर मकबूल फिदा हुसैन की पेंटिंग भी देख सकते हैं.
बरगी डैम की वाटर स्पोर्ट: जबलपुर से 30 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी पर बरगी बांध बना हुआ है. इस बांध के ठीक किनारे पर मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग का रिसोर्ट है, जिसमें खाने-पीने से लेकर रुकने तक की व्यवस्था है. वहीं, यहां बरगी बांध के बैक वाटर में घूमने के लिए पर्यटकों को स्टीमर बोट और क्रूज की सुविधा भी है. बरगी बांध का 10 किलोमीटर चौड़ा और 50 किलोमीटर लंबा तालाब भी पर्यटकों के लिए समुद्र का अनुभव करवाता है.
पायली: बरगी बांध से लगभग 15 किलोमीटर दूर जंगल में बरगी बांध के ही बैक वाटर में एक टापू है. जिस तक केवल नाव के जरिए ही पहुंचा जा सकता है. यहां अंग्रेजों के जमाने का एक रेस्ट हाउस है. यह एक बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है. यहीं पर वन विभाग ने नेचर वॉक का इंतजाम भी किया है. जहां पर्यटक नेचर वॉक कर सकते हैं और यहां वन विभाग की ओर से खाने-पीने के लिए पूरी तरह से जैविक उत्पाद भी मिलते हैं.
जबलपुर के पार्क: जबलपुर शहर में ही कई बड़े तालाब हैं, जिनके आसपास सुंदर पार्क बनाए गए हैं. जबलपुर का ओशो आश्रम, देवताल पार्क, भंवर ताल गार्डन, डुमना नेचर, रिजर्व नयागांव वन विभाग का पार्क दर्शनीय स्थल हैं.
रुकना घूमने सस्ता सरल: जबलपुर शहर में रुकने के लिए कम बजट से लेकर फाइव स्टार होटल तक हैं. मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से शहर में एक बहुत खूबसूरत होटल बनाया गया है जिसमें पर्यटक रुक सकते हैं. जबलपुर शहर का भी खाने-पीने का अपना अलग कलर है और जबलपुर में पर्यटक बड़े फुहारा के आसपास न केवल मिठाई मावा और चटपटे खाना खा सकते हैं, बल्कि इस क्षेत्र में कई सस्ते बाजार हैं जहां कम पैसे में अच्छी खरीदारी की जा सकती है.
सड़क पर लड़ाकू तोप और टैंक: जबलपुर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री तोप गाड़ी निर्माणी और सेना के कई संस्थान हैं, इसकी झलक जबलपुर के कैंट इलाके में घूमने के दौरान आपको नजर आ जाएगी. जहां सड़क पर ही आपको कई बड़े लड़ाकू टैंक और तोप रखी हुई मिल जाएगी. जो सामान्यत दूसरे शहरों में देखने को नहीं मिलती.
ऐसे करें जबलपुर की यात्रा: जबलपुर तक पहुंचाने के कई साधन हैं, इनमें भोपाल दिल्ली और मुंबई से फ्लाइट आती हैं. जो जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पर उतरती हैं. जबलपुर से दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी गुजरते सड़क मार्ग से जबलपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है और जबलपुर रेलवे का जंक्शन भी है. भारत के सभी बड़े शहरों से जबलपुर तक रेल गाड़ियां जरूर आती है.