जबलपुर। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मार टूरिज्म सेक्टर पर ही पड़ी है. देसी और विदेशी पर्यटकों ने आवाजाही पूरी तरह रोक दी थी. रेलवे बस और हवाई सेवाएं पूरी तरह से बंद हो गई थी, इसका सबसे ज्यादा असर पर्यटन क्षेत्र पर ही पड़ा है. अब पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को अपने बजट में कुछ ऐसे प्रावधान करने चाहिए, जिनसे पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को राहत मिले और देसी-विदेशी टूरिस्ट पर्यटन क्षेत्रों पर आ सकें.
नेशनल पार्क में सीट बढ़ाई जाए
बंजारी टूर एंड ट्रेवल्स की काम करने वाले सतीश बंजारी का कहना है कि अगर नेशनल पार्क में एंट्री की लिमिट थोड़ी बढ़ाई जाती है तो मध्यप्रदेश का टूरिज्म 2 गुना तक पहुंच सकता है. क्योंकि जंगल में नियम कानूनों के चलते कम गाड़ियों की एंट्री होती है. जिसके चलते चाह कर भी प्रदेश आया हुआ पर्यटक जंगल नहीं घूम पाता. इसलिए सरकार को यदि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना है तो जंगल में एंट्री के लिए सीट्स को बढ़ाना होगा.
टैक्स में छूट की मांग
दरअसल पर्यटन क्षेत्र से सरकार को बड़ा राजस्व प्राप्त होता है. होटल इंडस्ट्री से सरकार को लगभग 18% जीएसटी मिलती है. अगर सरकार यहां टैक्स में कुछ राहत दे तो इस सेक्टर में और ग्रोथ देखने को मिल सकती है. इसके साथ ही कोरोना वायरस की वजह से बंद पड़ी हुई रेल सेवाएं और हवाई सेवाओं को दोबारा पूरी तरह से चालू कर देना चाहिए, जिससे लोगों का आवागमन सरल हो सके और इससे पर्यटन क्षेत्र को फायदा मिलेगा.
केंद्र सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल जबलपुर से ही आते हैं. जबलपुर में एएसआई की नई साइट भी शुरू हुई है, इसके अलावा जबलपुर के आसपास के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोशिशें की जा रही है. उम्मीद है कि बजट में इसके लिए भी कुछ प्रावधान अलग से होने की संभावना है. इससे जबलपुर के आसपास की टूरिज्म को भी फायदा मिलेगा.