जबलपुर। कोरोना से बचने के लिए थ्री लेयर मास्क बहुत जरूरी है और इस मास्क को लगाना काफी कारगर भी साबित हो रहा है. कुछ इसी तरह की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी केंद्रीय जेल में थ्री लेयर सुरक्षा की जा रही है. जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस जेल में क्षमता से अधिक कैदी होने के बाद भी कोरोना संक्रमण से यह जेल पूरी तरह से सुरक्षित है.
2020 से केंद्रीय जेल में थ्री लेयर सुरक्षा
जैसे ही मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस ने दस्तक दी और पहला कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति मिला, वैसे ही मध्य प्रदेश के सबसे बड़ी केंद्रीय जेल जबलपुर में अलर्ट जारी कर दिया गया. इस बीच कैदियों को कोरोना गाइडलाइन के साथ रखना प्रबंधन के लिए बड़ी चुनौती भी थी. लिहाजा वरिष्ठ जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने इस ओर ध्यान दिया और जेल में ही कोरोना वायरस संक्रमित बंदियों के लिए अलग-अलग आइसोलेशन रूम बनवा दिए.
जेल में है 70 आइसोलेशन रूम
वरिष्ठ अधीक्षक गोपाल ताम्रकार की मानें तो केंद्रीय जेल जबलपुर में कोरोना पॉजिटिव बंदियों के लिए 70 आइसोलेशन कक्ष बनवाए गए हैं, जिसमें बंदियों के लिए दिनचर्या की व्यवस्था भी की गई है, साथ ही हर नए आने वाले बंदी को अलग रखने की व्यवस्था जेल में है. पहली लहर के खत्म होने के बाद माना जा रहा था कि अब कोरोना खत्म हो गया है इसके बावजूद भी संदिग्ध बंदियों को अलग ही रखा जाता था.
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बंदियों की कोरोना से सुरक्षा का फॉर्मूला
केंद्रीय जेल जबलपुर के भीतर जो भी नया बंदी आता है, तो सबसे पहले उसका कोरोना टेस्ट करवाया जाता है, रिपोर्ट आने के बाद बंदी को 15 दिनों तक आइसोलेशन कक्ष में रखा जाता है. अगर बंदी की रिपोर्ट पॉजिटिव है तो उसे अलग कक्ष में रखा जाता है, वरना उसे सेमी आइसोलेशन वार्ड में डाला जाता है जहां उसी तरह स्वस्थ्य बंदी एक साथ आइसोलेशन में रहते हैं. आइसोलेशन पूरा करने के बाद बंदियों को उनके निर्धारित कक्षों तक पहुंचाया जाता है. जबलपुर केंद्रीय जेल में अभी तक कुल 160 बंदी कोरोना संक्रमित हुए, जो अब पूरी तरह से ठीक हो गए हैं.