जबलपुर। जिले में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए तीन दिनों का कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं एक आईपीएस अधिकारी जो जबलपुर गढ़ा इलाके के सीएसपी भी है, उन्हें कोरोना वायरस से पीड़ित पाया गया है, जिसके चलते प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. साथ ही रमजान महीने के मद्देनजर कलेक्टर भरत यादव ने कहा कि, लोग अपने घरों पर ही रह कर रोजा इफ्तार करें, सामूहिक भोजन बनाने की अनुमति नहीं है.
कोरोना वायरस के चलते जबलपुर में 24 तारीख के रात 12:00 बजे से 27 तारीख के दोपहर 12:00 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस दौरान केवल दवा दुकान खुली रहेंगी, बाकी सभी दुकानें बंद रहेंगी. वहीं डेयरी सुबह और शाम 6:00 बजे से 8:00 बजे तक खुलेगी, किराना दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगे. यहां तक कि, सरकारी राशन दुकानें भी बंद कर दी गई हैं. केवल होम डिलीवरी शुरू रहेगी, साथ ही सब्जी, फल के ठेले बिक्री कर सकेंगे, वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. वहीं सरकारी दफ्तर भी बंद कर दिए गए हैं.
कर्फ्यू के दौरान सड़कों में मिलने पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत गिरफ्तार कर खुली जेल में डाल दिया जाएगा. जेल भेजने का अधिकार थाना प्रभारी को दे दिया गया है. कलेक्टर भरत यादव का कहना है कि, लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं, घर में बर्थडे पार्टि करने के कारण एक परिवार में 7 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं प्रशासन ने रमजान के महीने के मद्देनजर लोगों से अपील की है कि, घरों में ही रह कर रोजा इफ्तार करें. सामूहिक भोजन बनाने की अनुमति नहीं है, अगर किसी को दान करना है, तो सूखा राशन ही दान करें, जो ज्यादा गरीब हैं उन तक प्रशासन भोजन पहुंचाएगा.