ETV Bharat / state

आदिवासी बहुल गांव में नहीं है कोरोना के लेकर जागरूकता, ग्रामीणों ने कहा- मास्क से होती है घुटन - Adivasi villagers are not aware

जबलपुर और डिंडोरी के बीच बसे गांवों में काफी आदिवासी ग्रामीण रहते है. कोरोना संक्रमण के खतरे के प्रति उनकी सजगता को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने गांव में जाकर ग्राउंड रिपोर्ट ली, देखिए रिपोर्ट

jabalpur
जबलपुर
author img

By

Published : May 15, 2020, 8:01 AM IST

Updated : May 15, 2020, 1:44 PM IST

जबलपुर। कोरोना वायरस संक्रमण से जहां पूरा देश लड़ रहा है और सरकार इस वायरस से बचने के लिए जनता को लगातार जागरूक भी कर रही है, कि लोग मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. सरकार के निर्देशों का पालन शहरों में तो जरूर देखने को मिल रहा है, लेकिन आदिवासी बहुल इलाकों में आज भी कोरोना के खतरे से पूरी तरह से अनजान हैं. इतना ही नहीं, आदिवासी गांव के लोग तो ना ही मास्क पहनना पसंद करते हैं और ना ही दूर-दूर बैठना.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

जबलपुर जिले के एक तिहाई क्षेत्र आज भी आदिवासियों से भरा हुआ है, खासतौर पर जबलपुर-डिंडोरी के बीच लगे गांव, जहां पर कि आदिवासी लोग पूरी तरह से जंगल और सरकारी योजनाओं पर ही निर्भर है.

नहीं जानते हैं आदिवासी क्या है कोरोना वायरस

कुंडम विधानसभा में रहने वाले आदिवासी ग्रामीणों से जब पूछा गया कि, कोरोना वायरस बीमारी क्या है और इससे कैसे बचा जाता है, तो उन्होंने हंसकर ना में सिर हिला दिया. ग्रामीणों का कहना है कि 'हम नहीं जानते कि कोरोना वायरस बीमारी क्या है. हां कभी-कभार स्वास्थ्य विभाग की मैडम जरूर आकर बोलती है कि, मास्क पहनो और दूर-दूर रहो.'

सुरक्षा और बचाव की जानकारी नहीं है ग्रामीणों को

ललती बाई ने बताया कि, 'कोरोना बीमारी के विषय में सुना जरूर है पर उसकी सुरक्षा और बचाव कैसे की जाती है यह पता नहीं. इस संबंध में ना ही कभी सरपंच सचिव ने जानकारी दी और ना ही कभी जनपद के अधिकारियों ने.'

स्वास्थ्य कर्मचारी ने मास्क दिया पर पहनने से होती है घुटन

कोरोना वायरस बीमारी को लेकर आदिवासी ग्रामीण कितने जागरूक हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, ग्रामीणों को जो मास्क दिए गए हैं वो घरों में यहां- वहां पड़े हैं. ग्रामीणों का कहना है कि, मास्क लगाने से उन्हें घुटन होती है और इस लिहाज से वह मास्क नहीं लगाते इसके साथ ही घरों में लोग झुंड बनाकर बैठना आज भी पसंद करते हैं.

ग्रामीणों को जागरूक करने की जगह अधिकारी बोल रहे हैं कार्रवाई की बात

कोरोना वायरस संक्रमण जैसी घातक बीमारी से आज भी दूरंचल गांव के ग्रामीण अनजान हैं, प्रशासन को इन्हें मास्क पहने और दूर-दूर रहने की लिए जागरुक करना चाहिए पर प्रशासनिक अधिकारी जागरूक करने के स्थान पर इन आदिवासी लोगों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं. जबलपुर संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी की मानें तो, जो लोग शासन के नियमों का पालन नहीं करेंगे उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.

जबलपुर। कोरोना वायरस संक्रमण से जहां पूरा देश लड़ रहा है और सरकार इस वायरस से बचने के लिए जनता को लगातार जागरूक भी कर रही है, कि लोग मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. सरकार के निर्देशों का पालन शहरों में तो जरूर देखने को मिल रहा है, लेकिन आदिवासी बहुल इलाकों में आज भी कोरोना के खतरे से पूरी तरह से अनजान हैं. इतना ही नहीं, आदिवासी गांव के लोग तो ना ही मास्क पहनना पसंद करते हैं और ना ही दूर-दूर बैठना.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

जबलपुर जिले के एक तिहाई क्षेत्र आज भी आदिवासियों से भरा हुआ है, खासतौर पर जबलपुर-डिंडोरी के बीच लगे गांव, जहां पर कि आदिवासी लोग पूरी तरह से जंगल और सरकारी योजनाओं पर ही निर्भर है.

नहीं जानते हैं आदिवासी क्या है कोरोना वायरस

कुंडम विधानसभा में रहने वाले आदिवासी ग्रामीणों से जब पूछा गया कि, कोरोना वायरस बीमारी क्या है और इससे कैसे बचा जाता है, तो उन्होंने हंसकर ना में सिर हिला दिया. ग्रामीणों का कहना है कि 'हम नहीं जानते कि कोरोना वायरस बीमारी क्या है. हां कभी-कभार स्वास्थ्य विभाग की मैडम जरूर आकर बोलती है कि, मास्क पहनो और दूर-दूर रहो.'

सुरक्षा और बचाव की जानकारी नहीं है ग्रामीणों को

ललती बाई ने बताया कि, 'कोरोना बीमारी के विषय में सुना जरूर है पर उसकी सुरक्षा और बचाव कैसे की जाती है यह पता नहीं. इस संबंध में ना ही कभी सरपंच सचिव ने जानकारी दी और ना ही कभी जनपद के अधिकारियों ने.'

स्वास्थ्य कर्मचारी ने मास्क दिया पर पहनने से होती है घुटन

कोरोना वायरस बीमारी को लेकर आदिवासी ग्रामीण कितने जागरूक हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, ग्रामीणों को जो मास्क दिए गए हैं वो घरों में यहां- वहां पड़े हैं. ग्रामीणों का कहना है कि, मास्क लगाने से उन्हें घुटन होती है और इस लिहाज से वह मास्क नहीं लगाते इसके साथ ही घरों में लोग झुंड बनाकर बैठना आज भी पसंद करते हैं.

ग्रामीणों को जागरूक करने की जगह अधिकारी बोल रहे हैं कार्रवाई की बात

कोरोना वायरस संक्रमण जैसी घातक बीमारी से आज भी दूरंचल गांव के ग्रामीण अनजान हैं, प्रशासन को इन्हें मास्क पहने और दूर-दूर रहने की लिए जागरुक करना चाहिए पर प्रशासनिक अधिकारी जागरूक करने के स्थान पर इन आदिवासी लोगों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं. जबलपुर संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी की मानें तो, जो लोग शासन के नियमों का पालन नहीं करेंगे उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : May 15, 2020, 1:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.