जबलपुर। गर्मी आते ही पीने के पानी की कमी नजर आने लगती है, खास तौर पर बाजार, ऑफिस, शादी, पार्टियों में आपको केन में रखा हुआ पानी मिल जाता है. लेकिन आपने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की होगी कि क्या यह पानी पूरी तरह से शुद्ध होता है. क्या इसकी कभी कोई जांच होती है, तो आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि केन में बाजार में बिकने वाले ड्रिंकिंग वॉटर की जांच को लेकर सरकार के पास कोई नियम कानून नहीं है.
वॉटर प्लांट का जायजा
हमने जबलपुर में दो अलग-अलग ड्रिंकिंग वॉटर प्लांट पर जाकर जायजा लिया, हालांकि यह दोनों ही प्लांट सही तरीके से काम करते हुए नजर आए, लेकिन इनमें पानी के जांच की कोई सुविधा नहीं थी. एक मशीन थी, जिसमें आरओ सिस्टम लगा हुआ था. इससे पानी फिल्टर किया जा रहा था. यह पानी जबलपुर के भूमिगत जल से लिया जा रहा था. जिसमें तमाम तरह की अशुद्धियां होती हैं. जिस फिल्टर प्लांट से इसे साफ किया जा रहा है. वह किस हद तक इसे साफ कर सकता है. इसकी भी कोई जांच नहीं होती और इस तरह की छोटे-छोटे सैकड़ों प्लांट पूरे शहर में गर्मियों में पानी सप्लाई करते हैं. लोग इनकी गुणवत्ता पर पूरा भरोसा करते हैं.
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जांच का कोई नियम नहीं
हमने इस मामले में सरकार के खाद्य विभाग के अधिकारियों से बात की उनका कहना है कि मिनरल वॉटर और पैक वॉटर के लिए नियम बने हैं, उसमें यदि कोई नियम का पालन नहीं करता तो उसके खिलाफ सजा का प्रावधान है, लेकिन खुले पानी या पानी का जो व्यापार चल रहा है. उसके लिए कोई नियम नहीं है, इसलिए इन प्लांटों पर खाद्य विभाग सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता. हमने नगर निगम के खाद्य विभाग और जल विभाग से भी बात की उनका कहना है कि बाजार में बिकने वाला पानी उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आता, इसलिए वे उसमें दखलंदाजी नहीं दे सकते.
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किसी भी दिन बन सकता है बीमारी का सबब
बाजार में बिकने वाले इस खुले पानी का चलन छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक है, लेकिन इस पर कोई नियंत्रण ना होना इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है. बेशक इससे लोगों की प्यास बुझ रही है, लेकिन यह किसी भी दिन खतरनाक हो सकता है. इसलिए सरकार को इस खुले पानी की गुणवत्ता पर नियंत्रण रखने के लिए कोई नियम बनाने चाहिए.