जबलपुर। विश्व महिला दिवस पर आज हम आपको मिलवाते है प्रदेश की सबसे कम उम्र की शासकीय अधिवक्ता से. हाई कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता का बखूबी दायित्व निभाने वाली जबलपूर की प्रियंका मिश्रा ने महिलाओं के लिए कानूनी रूप से कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. यही वजह है कि आज महिला शासकीय अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा का हर जगह नाम है. महिला अधिवक्ता ने अभी तक लगभग दो सौ से ज्यादा प्रकरणों में मध्यस्थता करवाई है. साथ ही बालकों से संबंधित अपराध के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी कर अपराधियों को सलाखों के पीछे भी भिजवाया है.
- बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं में भी की है सुनवाई
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता के पद पर पदस्थ प्रियंका दूबे को 32 साल की उम्र में ये दायित्व मिला को उंन्होने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं में शासन की ओर से कई पैरवी की है. शासन की ओर से पैरवी करते हुए बालिकाओं को मनोवैज्ञानिक तरीके से समझा कर उनके माता-पिता, संरक्षक अथवा नारी स्वधार केंद्रों में भेजा है.
- महत्वपूर्ण प्रकरणों में भी की है अहम सुनवाई
महिलाओं सहित विद्यार्थियों के हित में कार्य करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा भी प्रियंका मिश्रा ने कई महत्वपूर्ण प्रकरणों में पैरवी की है. प्रियंका मिश्रा वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता के रूप में शासन का पक्ष मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में रख रही हैं. इसके साथ ही वे मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों की पैनल अधिवक्ता भी हैं.
'सशक्त महिला, सशक्त समाज', पार्किंग व्यवस्था संभाल रही महिलाएं
- महिलाओं को भी न्याय दिलाने में सबसे आगे प्रियंका मिश्रा
बता दे कि प्रियंका मिश्रा महिलाओं से संबंधित अपराधों में पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए देश की सर्वोच्च न्यायालय मे भी पैरवी करती हैं. इतना ही नहीं देश भर में कानून संबंधी सेमिनार में हिस्सा लेने वाली प्रियंका मिश्रा विधिक जागरूकता शिविर का संचालन कर पीड़ित महिलाओं, बालिकाओं को उनका वाजिब हक दिलाने के लिए भी कार्य कर रही हैं.
- निर्धन और गरीब लोगों का निशुल्क केस लड़ती हैं प्रियंका
शासकीय अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा का मानना है कि अब समाज में जागरूकता आ रही है इसलिए महिलाओं, बालिकाओं को अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए. जिससे उन्हें न्याय मिल सके. साथ ही उन्होंने बताया कि चाहे महिला हो या पुरुष वह हर निर्धन और गरीबों का केस निशुल्क लड़ती है.