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कलेक्टर की उदासीनता के कारण नहीं हुई वारंट की तामील - कलेक्टर की उदासीनता

याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया कि जिला कलेक्टर कब्जे के वारंट की तामीली में अदासीनता बरत रहें है. याचिका में लगाये गये आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने सतना कलेक्टर को एक हफ्ते में स्पष्टीकरण पेश करने का निर्देश दिया है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Mar 4, 2021, 1:18 PM IST

जबलपुर। कब्जे के लिए 41 साल पहले जारी डिग्री के निष्पादन में कलेक्टर द्वारा बरती जा रही उदासीनता के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे ने कलेक्टर सतना को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह में स्पष्टीकरण पेश करने के निर्देश जारी किये है. याचिका पर अगली सुनवाई 10 मार्च को निर्धारित की गयी है.

याचिकाकर्ता शिवानी मुखर्जी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि जमीन पर कब्जे के लिए साल 1979 में जिला व सत्र न्यायालय द्वारा उसके भाई एस मुखर्जी के पक्ष में डिग्री पारित की गयी थी. जिसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय तक याचिका दायर की गयी थी. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका खारिज किये जाने पर साल 2019 में जमीन के कब्जे के लिए उनके पक्ष में वारंट जारी हुआ था. प्रकरण की सुनवाई के दौरान उनके भाई की मौत हो गयी थी. याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया कि जिला कलेक्टर कब्जे के वारंट की तामीली में अदासीनता बरत रहें है. याचिका में लगाये गये आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता संजय वर्मा ने पैरवी की.

जबलपुर। कब्जे के लिए 41 साल पहले जारी डिग्री के निष्पादन में कलेक्टर द्वारा बरती जा रही उदासीनता के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे ने कलेक्टर सतना को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह में स्पष्टीकरण पेश करने के निर्देश जारी किये है. याचिका पर अगली सुनवाई 10 मार्च को निर्धारित की गयी है.

याचिकाकर्ता शिवानी मुखर्जी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि जमीन पर कब्जे के लिए साल 1979 में जिला व सत्र न्यायालय द्वारा उसके भाई एस मुखर्जी के पक्ष में डिग्री पारित की गयी थी. जिसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय तक याचिका दायर की गयी थी. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका खारिज किये जाने पर साल 2019 में जमीन के कब्जे के लिए उनके पक्ष में वारंट जारी हुआ था. प्रकरण की सुनवाई के दौरान उनके भाई की मौत हो गयी थी. याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया कि जिला कलेक्टर कब्जे के वारंट की तामीली में अदासीनता बरत रहें है. याचिका में लगाये गये आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता संजय वर्मा ने पैरवी की.

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