जबलपुर। कोरोना संक्रमण की दर कम होने के चलते करीब 50 दिनों बाद राज्य सरकार ने अनलॉक किया. लेकिन अनलॉक को लेकर भी लोगों के मन में कई भ्रांतियां हैं. दरअसल जबलपुर में सीएम के निर्देश पर कलेक्टर ने अनलॉक की घोषणा की. लेकिन शहर के कुछ बाजारों को अनलॉक से दूर रखते हुए बाजार को बंद रखा गया है. जिसके चलते स्थानीय व्यापारियो में जिला प्रशासन के आदेश का विरोध देखा गया. अनलॉक के पहले दिन ही बाजारों में काफी भीड़ भी उमड़ी, इस दौरान लोगों ने कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा दी.
सैकड़ों व्यापारी हुए एकत्रित
जबलपुर कलेक्टर के आदेश पर अनलॉक से शहर के सबसे बड़े बाजार बड़ा फुहारा को दूर रखा गया है. लिहाजा जिला प्रशासन के आदेश के खिलाफ सैकड़ों व्यापारी बड़ा फुहारा चौक पर एकत्रित हो गए और प्रशासन के आदेश का विरोध किया. व्यापारियों का कहना था कि जब बीते 50 दिनों से राज्य सरकार और जिला प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए बाजार को बंद रखा गया. लेकिन जब जबलपुर में भोपाल से भी कम पॉजिटिव रेट है, तो बाजार को बंद रखना सही नहीं है.
कोरोना कर्फ्यू में नहीं बिका आलू, सड़ने के बाद व्यापारी ने जंगल में फेंका
व्यापारियों को मिला विधायक का साथ
जिला प्रशासन के आदेश का विरोध करते हुए बड़ा फुहारा में सैकड़ों व्यापारियों ने जमघट लगा दिया. वहीं इसकी सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. इस दौरान स्थानीय विधायक विनय सक्सेना भी प्रशासन के आदेश का विरोध करने पहुंच गए. उन्होने कहा, बीते 50 दिनों से लगे लॉकडाउन ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है और जैसे-तैसे राज्य सरकार ने जब अनलॉक का आदेश दिया. तो उस पर जबलपुर कलेक्टर का इस तरह से कुछ स्थानों पर बाजार ना खोलने के आदेश देना सही नहीं है. स्थानीय विधायक विनय सक्सेना ने कलेक्टर को सुझाव दिए हैं कि सभी व्यापारियों को 1 सप्ताह का समय दिया जाए. अगर 1 सप्ताह के भीतर संक्रमण दर में इजाफा होता है तो फिर से जिला प्रशासन अपने आदेश को जारी कर सकता है.