जबलपुर। लॉकडाउन लगे हुए 50 दिन पूरे हो गए हैं. जबलपुर के मौजूदा हालात कुछ ठीक नहीं हैं. अभी तक जबलपुर में 126 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जा चुके हैं, इनमें से 4 लोगों की मौत भी हो गई है, वहीं 29 लोग ठीक होकर घरों के लिए चले गए हैं.
93 लोग अभी भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. शहर में 12 कंटेनमेंट जोन हैं. वहीं साढ़े 400 लोग अभी भी इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन में हैं और लगभग साढ़े 12 हजार लोग होम क्वॉरेंटाइन हैं.
शहर के दो हॉटस्पॉट अभी भी खतरनाक स्थिति में हैं, जहां से लगातार कोरोना वायरस के मरीज निकलकर सामने आ रहे हैं. हनुमान ताल का चांदनी चौक और रानीताल का सर्वोदय बस्ती हॉटस्पॉट बने हुए हैं. हालांकि यहां पुलिस की कड़ी चौकसी है, लेकिन यहां से रोज नए मरीज सामने आ रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज के अलावा सुख सागर मेडिकल कॉलेज को भी कोरोना वायरस सेंटर के रूप में डेवलप किया जा रहा है. इसके अलावा कुछ निजी अस्पतालों को भी कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार किया जा रहा है.
गांवों में लोगों को रोजगार मिलना शुरू
जबलपुर जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में कुछ चीजों को छूट देने की तैयारी की है. जबलपुर के ग्रामीण इलाकों में सरकारी निर्माण कार्य शुरू करवा दिए गए हैं. गांव में गेहूं खरीदी चल रही है, इसके अलावा मनरेगा के काम शुरू किए गए हैं, ताकि ग्रामीण इलाकों में मजदूरों को रोजगार दिया जा सके.
कुछ औद्योगिक गतिविधियों को भी शुरू किया गया है. इसमें फैक्ट्रियों को उत्पादन के लिए शुरू किया जा रहा है. यह गतिविधि 11 मई से शुरू हो जाएगी. लेकिन शहर में लगभग सारी सामाजिक आर्थिक और धार्मिक गतिविधियां बंद हैं.
जबलपुर शहर में कोई बड़ा बाजार नहीं खुला है. केवल किराने, दूध की दुकानें और सब्जी के कारोबारियों को छूट है. बाकी पूरे शहर में लॉकडाउन जस का तस है.
जबलपुर रेड जोन में है और जबलपुर में अभी भी रोज नए मरीज सामने आ रहे हैं. इसलिए अभी जबलपुर में व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति जल्द ही नहीं दी जा सकती.