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उम्मीदों को लगे पंख: भेड़ाघाट के लोगों की जागी उम्मीदें, विदेशी पर्यटकों के आने से बदलेगी जिंदगी

भेड़ाघाट के यूनेस्को की सूची में शामिल होने के बाद अब जबलपुर के लोगों मे नई उम्मीदें जागी है. यहां के लोगों को उम्मीद है कि हर साल खजुराहो में आने वाले ढाई लाख विदेशी पर्यटक अब भेड़ाघाट का भी रुख करेंगे.

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Published : May 21, 2021, 2:48 AM IST

Updated : May 21, 2021, 7:02 AM IST

भेड़ाघाट के लोगों की जागी उम्मीदें
भेड़ाघाट के लोगों की जागी उम्मीदें

जबलपुर। भेड़ाघाट के यूनेस्को की सूची में शामिल होने के बाद अब जबलपुर के लोगों मे नई उम्मीदें जागी है. यहां के लोगों को उम्मीद है कि हर साल खजुराहो में आने वाले ढाई लाख विदेशी पर्यटक अब भेड़ाघाट का भी रुख करेंगे. जिसके चलते अब यहां भी व्यापार और व्यवसायी में बढ़ोत्तरी होगी. बता दें कि यूनेस्को विश्व धरोहरों का संरक्षण और संवर्धन करता है. भेड़ाघाट के यूनेस्को की सूची में शामिल होने पर न सिर्फ भेड़ाघाट बल्कि पूरे जबलपुर को बड़ा आर्थिक लाभ होगा.

भेड़ाघाट के लोगों की जागी उम्मीदें

यूनेस्को की सूची में खजुराहो शामिल

मध्यप्रदेश के खजुराहो में मंदिरों को देखने के लिए लगभग ढाई लाख विदेशी पर्यटक हर साल यहां पहुंचता है. इसकी वजह से महाकौशल, बुंदेलखंड और बघेलखंड में फाइव स्टार कैटेगरी के सबसे ज्यादा होटल खजुराहो में है. इन्हीं विदेशी पर्यटकों की वजह से खजुराहो के बहुत से लोग विदेशों में बस गए हैं और वहां से भी विदेशी मुद्रा खजुराहो पहुंचती है. इस पूरे इलाके की आर्थिक गतिविधि बढ़ने की मुख्य वजह खजुराहो की अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र में शामिल होना है.

भेड़ाघाट और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अब विश्व धरोहर, UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में किया शामिल

भेड़ाघाट के लोग आशान्वित

यूं तो भेड़ाघाट के आसपास प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है लेकिन सबसे ज्यादा खूबसूरत और रोमांचित करने वाली मार्बल रॉक की सैकड़ों फीट ऊंची चट्टाने हैं. इन चट्टानों के बीच से नर्मदा बहती हैं, दूधिया सफेद संगमरमर की इन पहाड़ों का सौंदर्य पूरी दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलता. सफेद मार्बल के पहाड़ दुनिया में और भी जगहों पर हैं लेकिन एक ही जगह पर इनकी इतनी प्राकृतिक खूबसूरत संरचनाएं और बीच से बिल्कुल शांत निर्मल नर्मदा का पानी अद्भुत सौंदर्य पैदा करता है. इस रोमांच का अनुभव करने के लिए अभी भी लोग यहां पहुंचते हैं लेकिन इसमें अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या काफी कम होती है. हर साल यहां मुश्किल से 2000 विदेशी पर्यटक ही पहुंचते होंगे. लेकिन भेड़ा घाट के यूनेस्कों की सूची में शामिल होने से अब ये दुनिया के पर्यटन के नक्शे पर दिखाई देगा. इससे यहां घूमने आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. इससे भेड़ाघाट का पर्यटन व्यापार और सांस्कृतिक विकास होगा.

लामेटा घाट को मिलेगी नई पहचान

पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल तिवारी का कहना है कि भेड़ाघाट के पास लामेटा घाट भी एक अद्भुत जगह है. भूगर्भीय मामलों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यहां पर बहुत ही चट्टाने हैं. जिन्हें पर्यटक पसंद करते हैं और इन चट्टानों के बारे में जानकारी स्थानीय लोगों को है. इसलिए यहां आने वाले विदेशी पर्यटक के जरिए स्थानीय लोगों को गाइड बनने का अवसर मिलेगा.

जबलपुर। भेड़ाघाट के यूनेस्को की सूची में शामिल होने के बाद अब जबलपुर के लोगों मे नई उम्मीदें जागी है. यहां के लोगों को उम्मीद है कि हर साल खजुराहो में आने वाले ढाई लाख विदेशी पर्यटक अब भेड़ाघाट का भी रुख करेंगे. जिसके चलते अब यहां भी व्यापार और व्यवसायी में बढ़ोत्तरी होगी. बता दें कि यूनेस्को विश्व धरोहरों का संरक्षण और संवर्धन करता है. भेड़ाघाट के यूनेस्को की सूची में शामिल होने पर न सिर्फ भेड़ाघाट बल्कि पूरे जबलपुर को बड़ा आर्थिक लाभ होगा.

भेड़ाघाट के लोगों की जागी उम्मीदें

यूनेस्को की सूची में खजुराहो शामिल

मध्यप्रदेश के खजुराहो में मंदिरों को देखने के लिए लगभग ढाई लाख विदेशी पर्यटक हर साल यहां पहुंचता है. इसकी वजह से महाकौशल, बुंदेलखंड और बघेलखंड में फाइव स्टार कैटेगरी के सबसे ज्यादा होटल खजुराहो में है. इन्हीं विदेशी पर्यटकों की वजह से खजुराहो के बहुत से लोग विदेशों में बस गए हैं और वहां से भी विदेशी मुद्रा खजुराहो पहुंचती है. इस पूरे इलाके की आर्थिक गतिविधि बढ़ने की मुख्य वजह खजुराहो की अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र में शामिल होना है.

भेड़ाघाट और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अब विश्व धरोहर, UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में किया शामिल

भेड़ाघाट के लोग आशान्वित

यूं तो भेड़ाघाट के आसपास प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है लेकिन सबसे ज्यादा खूबसूरत और रोमांचित करने वाली मार्बल रॉक की सैकड़ों फीट ऊंची चट्टाने हैं. इन चट्टानों के बीच से नर्मदा बहती हैं, दूधिया सफेद संगमरमर की इन पहाड़ों का सौंदर्य पूरी दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलता. सफेद मार्बल के पहाड़ दुनिया में और भी जगहों पर हैं लेकिन एक ही जगह पर इनकी इतनी प्राकृतिक खूबसूरत संरचनाएं और बीच से बिल्कुल शांत निर्मल नर्मदा का पानी अद्भुत सौंदर्य पैदा करता है. इस रोमांच का अनुभव करने के लिए अभी भी लोग यहां पहुंचते हैं लेकिन इसमें अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या काफी कम होती है. हर साल यहां मुश्किल से 2000 विदेशी पर्यटक ही पहुंचते होंगे. लेकिन भेड़ा घाट के यूनेस्कों की सूची में शामिल होने से अब ये दुनिया के पर्यटन के नक्शे पर दिखाई देगा. इससे यहां घूमने आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. इससे भेड़ाघाट का पर्यटन व्यापार और सांस्कृतिक विकास होगा.

लामेटा घाट को मिलेगी नई पहचान

पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल तिवारी का कहना है कि भेड़ाघाट के पास लामेटा घाट भी एक अद्भुत जगह है. भूगर्भीय मामलों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यहां पर बहुत ही चट्टाने हैं. जिन्हें पर्यटक पसंद करते हैं और इन चट्टानों के बारे में जानकारी स्थानीय लोगों को है. इसलिए यहां आने वाले विदेशी पर्यटक के जरिए स्थानीय लोगों को गाइड बनने का अवसर मिलेगा.

Last Updated : May 21, 2021, 7:02 AM IST
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