जबलपुर। याचिका में कहा गया था कि कोरोना संक्रमण के कारण राज्य चुनाव आयोग ने नगरीय निकाय के चुनाव स्थगित करने के आदेश जारी किये थे. इसके ठीक दो दिन बाद एसडीएस ने दो हजार लोगों का सम्मेलन करने की अनुमति प्रदान की है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की युगलपीठ ने संबंधित एसडीएम से जवाब मांगा है.याचिका पर अगली सुनवाई 25 जनवरी को निर्धारित की गयी है.
अधिवक्ता सुशील कुमार पटैल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि दिगम्बर जैन सोशल वेलफेयर सोसायटी ने भोपाल के भेल दशहरा मैदान में 3 जनवरी को सम्मेलन की अनुमत्ति के लिए आवेदन किया था. सम्मेलन में तीन हजार लोगों की उपस्थिति की अनुमति चाही गयी थी. एसडीएम निशांतपुरा ने गोविंदापुरा पुलिस थाने के अभिमत के बाद 28 दिसम्बर को सम्मेलन तथा दो हजार लोगों की उपस्थिति की अनुमत्ति प्रदान कर दी.
याचिका में कहा गया था कि 26 दिसम्बर को कोरोना संक्रमण के कारण नगरीय निकाय चुनाव टालने के आदेश राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी किये गये थे. इसके बावजूद भी एसडीएम ने कोरोना कॉल में इतनी बडी संख्या में लोगों की उपस्थिति की अनुमति प्रदान कर दी. कोरोना काल में इतनी बडी संख्या में लोगों की उपस्थिति की अनुमति पूरे देश में कहीं प्रदान नहीं की गयी है. जिसके कारण कोरोन संक्रमण फैलने का डर है और कोरोना वायरस को नया स्ट्रेन भी आ गया है. याचिका में मांग की गयी थी अनुमति देने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये.
याचिका में केन्द्र व राज्य सरकार सहित डीजीपी, एसडीएम निशांतपुरा तथा थाना प्रभारी गोविंदपुरा को अनावेदक बनाया गया था. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने एक अन्य याचिका में साथ उक्त याचिका की सुनवाई करते के निर्देश जारी करते हुए संबंधित एसडीएम को जवाब पेश करने निर्देश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता संजय कुमार वर्मा ने पैरवी की.