जबलपुर। जबलपुर निवासी नरेश कुमार कुश्वाह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उनकी 16 साल की बेटी 11 मई की सुबह लापता थी. बेटी का कोई सुराग नहीं मिलने पर उसने बरगी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. उसी दिन से क्षेत्र रहने वाला सरफराज नामक युवक भी गायब है. इसकी जानकारी देने के बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के नाम एफआईआर दर्ज की. याचिका में कहा गया कि बेटी की तलाश में पुलिस उसे लेकर हैदराबाद गयी थी.
पैरेंट्स के आपसी विवाद में फंसी किशोरी : इस दौरान होटल में रुकना,खाना-पानी,डीजल आदि का खर्च भी उसे उठाना पडा था. याचिका की सुनवाई के दौरान गुरुवार को दिल्ली पुलिस द्वारा किशोरी को युगलपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया. किशोरी ने युगलपीठ को बताया कि परिवारिक विवाद के कारण उसके माता-पिता अलग रहते हैं. वह अपनी स्वैच्छा से मां के साथ रहने गयी हैं. इसके बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका को खारिज कर दिया. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि बच्ची की अभिरक्षा के लिए वह कानूनी प्रावधान के उपयोग कर सकता है.
एग्जाम पास करने के बाद भी स्कूल में प्रवेश क्यों नहीं : परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद उत्कृष्ट विद्यालय में सिर्फ कम प्रतिशत होने के कारण प्रवेश से वंचित किये जाने को हाईकोर्ट में याचिका दायर की चुनौती दी गयी. हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 5 जुलाई को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता छात्र एआर अंसारी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि जबलपुर स्थित पं लज्जा शंकर उत्कृष्ट विद्यालय में कक्षा 9 वीं दाखिला लेने के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में वह शामिल हुआ था. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पैरवी की. (Teenager not go with Muslim)
(Teenager said in front of court)