जबलपुर। डिंडौरी की समनापुर कन्या माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक लल्ला गौतम को साल 2018 में तत्कालीन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गवर्नर अवार्ड से सम्मानित किया था. यह सम्मान बैगा विकास योजना के सफल क्रियान्वयन, शिक्षकीय गुणवत्ता के लेख समेत अन्य उत्कृष्ट कार्यों को लेकर दिया गया था. इसके तहत प्रमाणपत्र के साथ ₹25000 की राशि भी लल्ला गौतम को दी गई थी. लेकिन अब इस सम्मान को वापस लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा ने समनापुर के बीएमओ को चिट्ठी लिखी है.
3 दिन के भीतर सम्मान राशि जमा करने का आदेश: जिला शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा का कहना है कि लल्ला गौतम ने फर्जी कागजात और प्रमाणपत्रों के आधार पर राज्यपाल सम्मान हासिल किया था. इसका खुलासा होते ही इसे वापस लिया जा रहा है. सम्मान राशि भी 3 दिन के भीतर जमा करने का आदेश जारी किया गया है. उधर, शिक्षक लल्ला गौतम का कहना है, 'मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है. यह कार्यवाही मुझे प्रताड़ित करने के लिए की जा रही है. मेरे सारे सर्टिफिकेट सही हैं. यदि जोर-जबरदस्ती की गई तो इस आदेश के खिलाफ मैं हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा.
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खुलासे में 6 साल क्यों लगे: राज्यपाल द्वारा दिए गए पुरस्कार को वापस लेने के आदेश के पीछे की हकीकत तो सामने आने में देर है लेकिन सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि जब पुरस्कार 2018 में मिला तो 2023 तक जिला शिक्षा अधिकारी क्या कर रहे थे. गौतम के दावों को जांचने में जिला शिक्षा अधिकारी को करीब 6 साल क्यों लग गए. यदि शिक्षक ने गलत प्रमाणपत्र के आधार पर सम्मान हासिल किया है तो अब उसके खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा.