ETV Bharat / state

भइया इज बैक के पोस्टर पर सुप्रीम कोर्ट खफा, रेप के आरोपी अभाविप के पूर्व नगर महामंत्री की जमानत निरस्त - रेप के आरोपी अभाविप के पूर्व नगर महामंत्री

जबलपुर में रेप के आरोपी अभाविप (ABVP) के पूर्व नगर महामंत्री को तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट (High Court) से जमानत मिलने के बाद उसके समर्थन में शहर में भइया जी इज बैक के बैनर लगाये गये थे. इसके बाद बाद पीड़िता ने जमानत निरस्त करने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में याचिका दायर की. सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपी की जमानत को निरस्त करते हुए एक सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण के निर्देश जारी किये हैं. (SC angry over poster of Bhaiya is Back) (Supreme Court reject Bail of ABVP leader) (Bail of Accused of rape cancelled by SC)

SC angry over poster of Bhaiya is Back
भइया इज बैक के पोस्टर पर सुप्रीम कोर्ट खफा
author img

By

Published : May 6, 2022, 6:15 PM IST

जबलपुर। दुष्कर्म के आरोपी अभाविप के पूर्व नगर महामंत्री को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करना होगा. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने आरोपी की जमानत को निरस्त करते हुए एक सप्ताह के आत्मसमर्पण के निर्देश जारी किये हैं. अभाविप के पूर्व नगर महामंत्री शुभांग गोटियां (उम्र 28)ने 23 साल की छात्रा की मांग में सिंदूर भरकर तीन साल तक दैहिक षोषण किया था. महिला थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था. छात्र नेता को बीते नवंबर में हाईकोर्ट से जमानत का लाभ मिल गया था.

जमानत पर रिहा होने के बाद मनाया था जश्न : जमानत पर रिहा होने के बाद नर्मदा जयंती पर छात्र नेता शिवांग गोटियां के समर्थन में बैनर-पोस्टर लगाये गये थे. बैनर-पोस्टम में लिखा था कि भइया जी इज बैक. इसके अलावा मुकुट व दिल की इमोजी का उपयोग किया गया था। जिसके बाद पीडित ने आरोपी को मिली जमानत निरस्त किये जाने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन्ना की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए 11 अप्रैल में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह भइया जी इज बैंक क्या है,अपने भइया जी से कहना कि एक सप्ताह सावधान रहें. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा था.

उज्जैन में डीजे पर डांस करते करते हुए हुई युवक की मौत, मरने से पहले का वीडियो वायरल

सुप्रीम कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी : याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, न्यायाधिष कृष्ण मुरारी तथा जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि गंभीर अपराध में दो माह के अंदर जमानत मिलने पर आरोपी व उसके समर्थक जश्न के मूड में आते हैं. इस अपराध में कम से कम दस साल तथा अधिकतम अजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. बैनर व पोस्टर में भइया जी इज बैंक तथा जानमेन के रूप में स्वागत होने की बातें लिखी हैं. इसके साथ मुकुट तथा दिल के इमोजी हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वैभव मनु श्रीवास्तव तथा शिखा खुराना ने पैरवी की.

जबलपुर। दुष्कर्म के आरोपी अभाविप के पूर्व नगर महामंत्री को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करना होगा. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने आरोपी की जमानत को निरस्त करते हुए एक सप्ताह के आत्मसमर्पण के निर्देश जारी किये हैं. अभाविप के पूर्व नगर महामंत्री शुभांग गोटियां (उम्र 28)ने 23 साल की छात्रा की मांग में सिंदूर भरकर तीन साल तक दैहिक षोषण किया था. महिला थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था. छात्र नेता को बीते नवंबर में हाईकोर्ट से जमानत का लाभ मिल गया था.

जमानत पर रिहा होने के बाद मनाया था जश्न : जमानत पर रिहा होने के बाद नर्मदा जयंती पर छात्र नेता शिवांग गोटियां के समर्थन में बैनर-पोस्टर लगाये गये थे. बैनर-पोस्टम में लिखा था कि भइया जी इज बैक. इसके अलावा मुकुट व दिल की इमोजी का उपयोग किया गया था। जिसके बाद पीडित ने आरोपी को मिली जमानत निरस्त किये जाने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन्ना की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए 11 अप्रैल में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह भइया जी इज बैंक क्या है,अपने भइया जी से कहना कि एक सप्ताह सावधान रहें. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा था.

उज्जैन में डीजे पर डांस करते करते हुए हुई युवक की मौत, मरने से पहले का वीडियो वायरल

सुप्रीम कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी : याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, न्यायाधिष कृष्ण मुरारी तथा जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि गंभीर अपराध में दो माह के अंदर जमानत मिलने पर आरोपी व उसके समर्थक जश्न के मूड में आते हैं. इस अपराध में कम से कम दस साल तथा अधिकतम अजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. बैनर व पोस्टर में भइया जी इज बैंक तथा जानमेन के रूप में स्वागत होने की बातें लिखी हैं. इसके साथ मुकुट तथा दिल के इमोजी हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वैभव मनु श्रीवास्तव तथा शिखा खुराना ने पैरवी की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.