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रेप के मामले में जमानत पर छूटे एबीवीपी कार्यकर्ता ने लगवाए स्वागत के पोस्टर तो सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त

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Published : Apr 12, 2022, 3:47 PM IST

हाईकोर्ट से जमानत पर छूटा रेप का आरोपी एबीवीपी कार्यकर्ता शुभम गोटिया पर फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. जमानत पर छूटने के बाद उसने अपने स्वागत में पोस्टर लगवाए थे. पीड़िता इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) पहुंच गई. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए मध्यप्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. (Supreme Court angry on ABVP worker) (rape accused posters to welcome)

Supreme Court angry on ABVP worker
रेप का आरोपी एबीवीपी कार्यकर्ता

जबलपुर। शहर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता को रेप के मामले में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. इसके बाद आरोपी शुभम गोटिया ने शहर में अपने पोस्टर लगाए. इस मामले को पीड़ित युवती सुप्रीम कोर्ट ले गई, जहां पर पूर्व एबीवीपी के नेता शुभांग गोटिंया की जबलपुर हाईकोर्ट से मिली जमानत निरस्त कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के बाद मकर संक्रांति पर शहर में लगाए गए होर्डिंग ‘भइया इज बैक’पर सख्त नाराजगी व्यक्त की

क्यों न जमानत निरस्त कर दी जाए : सुप्रीम कोर्ट ने शुभांग गोटिया के इस बर्ताव पर संज्ञान लेते हुए शुभांग गोटियां को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उसकी जमानत निरस्त कर दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ‘भइया इज बैक’बैनर क्यों ? आप क्या जश्न मना रहे हैं ? सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एनवी रमना ने आरोपी के वकील से कहा-ये ‘भइया इज बैक’क्या है ? अपने भइया को कहिए कि एक हफ्ता सावधान रहे. सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है. पीड़िता ने वकील वैभव मनु श्रीवास्तव और शिखा खुराना के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोपी पूर्व एबीवीपी नेता शुभांग गोटिया को जबलपुर हाईकोर्ट से नवंबर 2021 में मिली जमानत को चुनौती दी और इसे निरस्त करने की मांग की है.

अब 18 अप्रैल को अगली सुनवाई : याचिका में पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने केस के तथ्यों और गंभीरता को नहीं देखा, आरोपी के पूर्व इतिहास पर भी गौर नहीं किया, ये बताने के लिए कि आरोपी एक रसूखदार व्यक्ति है और छात्र नेता रहा है, उसके कुछ पोस्टर भी याचिका के साथ लगाए गए हैं. इनमें लिखा है ‘भइया इज बैक’.सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब 18 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगा.

बहला-फुसलाकर नाबालिग युवती से युवक ने किया रेप, जान से मारने की धमकी भी दी

यह था पूरा घटनाक्रम : आरोपी शुभांग गोटिया की दोस्ती 23 वर्षीय पीड़िता से 2018 में कॉलेज के दौरान हुई थी, जिसके बाद यह दोस्ती प्यार में बदल गई. शुभांग उसे कई जगह घुमाने ले गया. एक दिन उसने मांग में सिंदूर भरते हुए कहा कि अब वह उसकी पत्नी है. इसके बाद उसने कई बार शारीरिक संबंध बनाए. जब उसने गोटिया से शादी की बात की तो वह मुकर गया. ये भी आरोप लगाया कि वो गर्भवती हुई तो परिवार वालों के साथ मिलकर उसका जबरन गर्भपात करा दिया. पीड़ित छात्रा ने जून 2021 में जबलपुर की महिला थाने में शुभांग गोटिया के साथ रेप का मामला दर्ज कराया था. आरोपी पर फरार होने पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित हुआ. बाद में वह गिरफ्तार हुआ था. नवंबर 2021 में उसे जबलपुर हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. (Supreme Court angry on ABVP worker) (rape accused posters to welcome)

जबलपुर। शहर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता को रेप के मामले में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. इसके बाद आरोपी शुभम गोटिया ने शहर में अपने पोस्टर लगाए. इस मामले को पीड़ित युवती सुप्रीम कोर्ट ले गई, जहां पर पूर्व एबीवीपी के नेता शुभांग गोटिंया की जबलपुर हाईकोर्ट से मिली जमानत निरस्त कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के बाद मकर संक्रांति पर शहर में लगाए गए होर्डिंग ‘भइया इज बैक’पर सख्त नाराजगी व्यक्त की

क्यों न जमानत निरस्त कर दी जाए : सुप्रीम कोर्ट ने शुभांग गोटिया के इस बर्ताव पर संज्ञान लेते हुए शुभांग गोटियां को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उसकी जमानत निरस्त कर दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ‘भइया इज बैक’बैनर क्यों ? आप क्या जश्न मना रहे हैं ? सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एनवी रमना ने आरोपी के वकील से कहा-ये ‘भइया इज बैक’क्या है ? अपने भइया को कहिए कि एक हफ्ता सावधान रहे. सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है. पीड़िता ने वकील वैभव मनु श्रीवास्तव और शिखा खुराना के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोपी पूर्व एबीवीपी नेता शुभांग गोटिया को जबलपुर हाईकोर्ट से नवंबर 2021 में मिली जमानत को चुनौती दी और इसे निरस्त करने की मांग की है.

अब 18 अप्रैल को अगली सुनवाई : याचिका में पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने केस के तथ्यों और गंभीरता को नहीं देखा, आरोपी के पूर्व इतिहास पर भी गौर नहीं किया, ये बताने के लिए कि आरोपी एक रसूखदार व्यक्ति है और छात्र नेता रहा है, उसके कुछ पोस्टर भी याचिका के साथ लगाए गए हैं. इनमें लिखा है ‘भइया इज बैक’.सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब 18 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगा.

बहला-फुसलाकर नाबालिग युवती से युवक ने किया रेप, जान से मारने की धमकी भी दी

यह था पूरा घटनाक्रम : आरोपी शुभांग गोटिया की दोस्ती 23 वर्षीय पीड़िता से 2018 में कॉलेज के दौरान हुई थी, जिसके बाद यह दोस्ती प्यार में बदल गई. शुभांग उसे कई जगह घुमाने ले गया. एक दिन उसने मांग में सिंदूर भरते हुए कहा कि अब वह उसकी पत्नी है. इसके बाद उसने कई बार शारीरिक संबंध बनाए. जब उसने गोटिया से शादी की बात की तो वह मुकर गया. ये भी आरोप लगाया कि वो गर्भवती हुई तो परिवार वालों के साथ मिलकर उसका जबरन गर्भपात करा दिया. पीड़ित छात्रा ने जून 2021 में जबलपुर की महिला थाने में शुभांग गोटिया के साथ रेप का मामला दर्ज कराया था. आरोपी पर फरार होने पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित हुआ. बाद में वह गिरफ्तार हुआ था. नवंबर 2021 में उसे जबलपुर हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. (Supreme Court angry on ABVP worker) (rape accused posters to welcome)

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