ETV Bharat / state

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के विज्ञान केंद्र में छात्रों ने घास से बनाई बिजली

जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले डिजाइन इनोवेशन सेंटर में छात्रों ने घास से बिजली बनाने का तरीका इजाद किया है.

students-made-electricity-from-grass-at-rani-durgavati-university-science-center-jabalpur
रानी दुर्गावती विश्विद्यालय विज्ञान केंद्र में छात्रों ने घास से बनाई बिजली
author img

By

Published : Nov 26, 2019, 3:12 PM IST

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले डिजाइन इनोवेशन सेंटर के एक छात्र ने घास से बिजली उत्पन्न करने का करिश्मा कर दिखाया है. इस प्रोजेक्ट को पेटेंट करने की तैयारी की जा रही है.डीआईसी में तैयार हुआ यह प्रोजेक्ट अभी लेब स्टेज पर है. इस प्रोजेक्ट को पेटेंट करने की तैयारी की जा रही है. इस लिहाज से इस प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ गोपनीय जानकारी भी है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के विज्ञान केंद्र में छात्रों ने घास से बनाई बिजली

डीआईसी के संचालक डॉ सार्दुल सिंह संधू बताते हैं कि घास सबसे ज्यादा पावरफुल वनस्पति है, जिसके चलते उन्होंने घास का इस्तेमाल किया है. लेकिन यह भी संभव है कि प्रकृति में पाए जाने वाले दूसरी वनस्पति भी बिजली उत्पादन में सहायक हो सकते हैं.

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले डिजाइन इनोवेशन सेंटर के एक छात्र ने घास से बिजली उत्पन्न करने का करिश्मा कर दिखाया है. इस प्रोजेक्ट को पेटेंट करने की तैयारी की जा रही है.डीआईसी में तैयार हुआ यह प्रोजेक्ट अभी लेब स्टेज पर है. इस प्रोजेक्ट को पेटेंट करने की तैयारी की जा रही है. इस लिहाज से इस प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ गोपनीय जानकारी भी है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के विज्ञान केंद्र में छात्रों ने घास से बनाई बिजली

डीआईसी के संचालक डॉ सार्दुल सिंह संधू बताते हैं कि घास सबसे ज्यादा पावरफुल वनस्पति है, जिसके चलते उन्होंने घास का इस्तेमाल किया है. लेकिन यह भी संभव है कि प्रकृति में पाए जाने वाले दूसरी वनस्पति भी बिजली उत्पादन में सहायक हो सकते हैं.

Intro:जबलपुर
आज हर इंसान की जिंदगी में रोटी,कपड़ा,मकान के साथ-साथ बिजली भी अहम हिस्सा बन चुकी है।बिजली के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकारें भी लगातार कोशिश कर रहे हैं।वैसे तो आम तौर पर बिजली कंपनियों में कोयले से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि घास से भी बिजली बनाई जा सकती है।जी हां सुनने में थोड़ा सा अजीब जरूर लगेगा लेकिन यह सच है।


Body:छोटी-छोटी लाइटें जल रही है एक छोटे से बल्ब को बैटरी से जोड़ा गया है। जिसके जरिए यह बल्ब जल रहे हैं लेकिन यह बैटरी घास के छोटे-छोटे कटोरों से जुड़ी हुई है।अब आप सोच रहे होंगे कि इस सिस्टम में घास का क्या काम है। दरअसल इस पूरे सिस्टम में घास ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। क्योंकि घास से ही बैटरी चार्ज हो रही है और इसके बाद इस बैटरी से बल्ब जलाए जा रहे हैं। अब आप सोच रहे हैं कि आखिरकार यह कैसे संभव है। इसे संभव कर दिखाया है जबलपुर की रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले डिजाइन इनोवेशन सेंटर के एक छात्र ने।वर्तमान में डीआईसी में कई प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है जिनमें से एक बिजली उत्पादन भी है।बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट पर काम करने वाले अतीत ने घास से बिजली बनाने वाले प्रोजेक्ट पर सफलता हासिल की है।


Conclusion:डीआईसी में तैयार हुआ यह प्रोजेक्ट अभी लेब स्टेज पर है पर फिर भी इस प्रोजेक्ट में पूरी तरह से सफलता हासिल हो चुकी है। अब इस प्रोजेक्ट को पेटेंट करने की तैयारी की जा रही है। इस लिहाज से इस प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ गोपनीय जानकारी भी है जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।डीआईसी के संचालक डॉ सार्दुल सिंह संधू बताते हैं कि घास सबसे ज्यादा पावरफुल वनस्पति है।जिसके चलते उन्होंने घास का इस्तेमाल किया है। लेकिन यह भी संभव है कि प्रकृति में पाए जाने वाले दूसरी वनस्पति भी बिजली उत्पादन में सहायक हो सकते हैं।
बाइट.1- डॉ सरदूल सिंह संधू.....संचालक, डीआईसी,आरडीवीवी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.