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गुरू पूर्णिमा पर पूरे शहर में पसरा सन्नाटा, ऑनलाइन आशीर्वाद ले रहे शिष्य

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Published : Jul 5, 2020, 12:37 PM IST

गुरु पूर्णिमा के अवसर में जहां हर साल मंदिर, मठ और आश्रमों में शिष्यों का तांता लगा रहता था, वहीं इस साल कोरोना महामारी के कारण जबलपुर में हर जगह सन्नाटा पसरा है.

Guru Purnima
गुरू पूर्णिमा

जबलपुर। हर साल जहां गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पूरे शहर में चहल-पहल रहता था, वहीं इस साल शहर में सन्नाटा पसरा है. गुरू पूर्णिमा के अवसर पर हर साल सबसे ज्याद भीड़ मंदिर और साधु-संतों के आश्रम में हुआ करती थी, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते चहलकदमी नहीं हुई. प्रशासन ने भी दो दिन पहले ही सभी गुरुओं को हिदायत दी थी कि कोई भी गुरू उनके पास आशीर्वाद लेने न आए, बल्कि अपने घर में ही बैठकर पूजा-पाठ करें और गुरू पूर्णिमा मनाएं.

गुरू पूर्णिमा

शहर के शंकराचार्य मठ, समन्वय सेवा केंद्र, ग्वारीघाट के मंदिर, त्रिपुर सुंदरी मंदिर, बरेला मंदिर कहीं पर भी इस साल लोग नहीं पहुंचे और लोगों ने घर से ही गुरू पूर्णिमा मनाया. कुछ लोग जो मठ और मंदिर पहुंचे, जिन्होंने दूर से ही गुरू को प्रणाम किया और आशीर्वाद लिया. वहीं जबलपुर में आज रविवार के दिन कंप्लीट लॉकडाउन के बावजूद बाहर निकले. जिनसे पुलिस ने 100 रूपए का चालान वसूला.

ये भी पढ़ें- गुरू पूर्णिमा विशेष: गुरूओं की अपील, ऑनलाइन ही करें गुरू के दर्शन-पूजन

शंकराचार्य मठ के संन्यासी चैतन्यानंद कहते हैं कि जो लोग अभी आ रहे हैं, हमने उनसे दूर से ही पूजन अर्चन करने का आग्रह किया है क्योंकि हमें भी नहीं पता कि किसको कौन सा संक्रमण है. जबलपुर में अभी भी कोरोना वायरस के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसी स्थिति में दूर से ही भजन-पूजन करना गुरू और उनके शिष्यों के लिए ठीक रहेगा.

जबलपुर में अब तक 430 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 343 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. फिलहाल 73 एक्टिव मरीज हैं, जिनका इलाज जारी है, जबकि 14 मरीज कोरोना महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं.

जबलपुर। हर साल जहां गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पूरे शहर में चहल-पहल रहता था, वहीं इस साल शहर में सन्नाटा पसरा है. गुरू पूर्णिमा के अवसर पर हर साल सबसे ज्याद भीड़ मंदिर और साधु-संतों के आश्रम में हुआ करती थी, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते चहलकदमी नहीं हुई. प्रशासन ने भी दो दिन पहले ही सभी गुरुओं को हिदायत दी थी कि कोई भी गुरू उनके पास आशीर्वाद लेने न आए, बल्कि अपने घर में ही बैठकर पूजा-पाठ करें और गुरू पूर्णिमा मनाएं.

गुरू पूर्णिमा

शहर के शंकराचार्य मठ, समन्वय सेवा केंद्र, ग्वारीघाट के मंदिर, त्रिपुर सुंदरी मंदिर, बरेला मंदिर कहीं पर भी इस साल लोग नहीं पहुंचे और लोगों ने घर से ही गुरू पूर्णिमा मनाया. कुछ लोग जो मठ और मंदिर पहुंचे, जिन्होंने दूर से ही गुरू को प्रणाम किया और आशीर्वाद लिया. वहीं जबलपुर में आज रविवार के दिन कंप्लीट लॉकडाउन के बावजूद बाहर निकले. जिनसे पुलिस ने 100 रूपए का चालान वसूला.

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शंकराचार्य मठ के संन्यासी चैतन्यानंद कहते हैं कि जो लोग अभी आ रहे हैं, हमने उनसे दूर से ही पूजन अर्चन करने का आग्रह किया है क्योंकि हमें भी नहीं पता कि किसको कौन सा संक्रमण है. जबलपुर में अभी भी कोरोना वायरस के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसी स्थिति में दूर से ही भजन-पूजन करना गुरू और उनके शिष्यों के लिए ठीक रहेगा.

जबलपुर में अब तक 430 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 343 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. फिलहाल 73 एक्टिव मरीज हैं, जिनका इलाज जारी है, जबकि 14 मरीज कोरोना महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं.

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