जबलपुर। जिले में राशन दुकानदार बीते 10 दिनों से हड़ताल पर हैं. जिस वजह से 10 दिनों से गरीबों को राशन नहीं बांटा गया है. हड़ताल के चलते गरीबों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिले में सरकारी राशन की 500 से ज्यादा दुकानें हैं और इन दुकानों से शहर की लगभग चार लाख आबादी को राशन बांटा जाता है.
4 महीने से नहीं मिला राशन
दुकानदारों की हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी उन गरीबों को हो रही है. जिनकी कोरोना वायरस के संकट काल के दौरान नौकरी चली गई है और अब घर में खाने पीने को राशन नहीं है. जबलपुर की सर्वोदय बस्ती में लोगों ने बताया कि उन्हें 10 दिन नहीं बल्कि बीते 4 महीने से राशन नहीं मिल रहा है. राशन दुकानदार कभी लॉगिन की समस्या बताता है और कभी राशन ना होने की बात कह कर टाल देता है. अभी 10 दिनों से दुकानदारों की हड़ताल की वजह से राशन मिलने का सवाल ही नहीं उठता.
दुकानदारों की मांग
दुकानदारों का कहना है कि उन्हें शासन ने चोर बना दिया है. दरअसल कोरोनावायरस के संकट काल के दौरान सरकार जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे. उन्हें भी राशन बांटने के लिए कहा गया. इसके साथ ही बहुत सारे ऐसे लोगों को राशन दिया गया. जिनका कंप्यूटर में डाटा नहीं था और जब यह राशन बंट गया, अब सरकार के नुमाइंदे राशन की जांच करने के लिए पहुंच रहे हैं तो उतनी मात्रा में राशन नहीं दिख रहा है जो कंप्यूटर पर दिखा रहा है. इन लोगों का कहना है कि जब उन्होंने ऑनलाइन तरीके से राशन नहीं बांटा तो वह ऑनलाइन में कैसे कम होगा. जबकि उनके पास राशन नहीं बचा है. हर दुकानदार के ऊपर 50 से 60 कुंटल राशन होने की बात कही जा रही है और दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने व राशन कोरोनावायरस के समय बांट दिया है. अब लोगों की मांग है कि सरकार इस राशन की देनदारी को खत्म करें और नए सिरे से राशन आवंटित करें ताकि लोगों में बांटा जा सके.
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प्रशासन और दुकानदार आमने-सामने
इस समस्या का कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. प्रशासन दुकानदारों की बात मानने को तैयार नहीं है. दुकानदारों का कहना है कि प्रदेश में कई जगह समस्या आई थी लेकिन ज्यादातर जगहों पर सुलझा ली गई है. केवल जबलपुर में यह समस्या बनी हुई है. बहरहाल दुकानदारों की हड़ताल से गरीबों को राशन नहीं मिल पा रहा है और गरीब परेशान है. सरकार को गरीबों तक राशन पहुंचाने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.