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Shardiya Navratri 2023: जबलपुर में शारदीय नवरात्रि की धूम, बनाई जा रही 54 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा, विसर्जन भी होगा खास

15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रही है. नवरात्रि को लेकर देश और प्रदेश में धूम है. संस्कारधानी जबलपुर में 54 फीट ऊंची दुर्गा प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. कई महीनों से मां की प्रतिमा के निर्माण में लगे हुए हैं. वहीं विसर्जन के लिए भी खास तैयारी की गई है.

Shardiya Navratri 2023
शारदीय नवरात्र
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 10:50 PM IST

जबलपुर में शारदीय नवरात्रि की धूम

जबलपुर। संस्कारधानी में दुर्गा उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार इस दुर्गा उत्सव में लोगों को 54 फीट ऊंची दुर्गा प्रतिमा देखने का मौका मिलेगा. जबलपुर के टेलीग्राफ फैक्ट्री के पास 54 फीट ऊंची दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जा रही है. अब तक जबलपुर के आसपास कहीं पर भी इतनी ऊंची प्रतिमा की स्थापना नहीं की गई है. वहीं प्रतिमा की स्थापना करने वाले मां दुर्गा उत्सव समिति का कहना है कि वह इस प्रतिमा का विसर्जन नदी या तालाब में नहीं करेंगे, बल्कि नदी और तालाब के पानी को प्रदूषित होने से बचने के लिए इस प्रतिमा का विसर्जन इसी स्थान पर किया जाएगा.

54 फीट की दुर्गा प्रतिमा: जबलपुर के गेट नंबर 4 के पास कमला नेहरू नगर में 54 फीट ऊंचाई की दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जा रही है. इस प्रतिमा का निर्माण 7 सितंबर से जारी है और अभी भी एक माह बीत जाने के बाद 5 दिन और लगेंगे, तब जाकर प्रतिमा पूरी तरह से तैयार हो पाएगी. मूर्ति का निर्माण कर रहे मूर्तिकार छोटेलाल चक्रवर्ती का कहना है कि "इस मूर्ति के निर्माण में 650 बास का इस्तेमाल किया गया है. लगभग 400 फीट लंबे लकड़ी के पटटे लगाए गए हैं. एक ट्राली मिट्टी लगी है ₹60000 की बांस की चटाइयां लग चुकी है. एक क्विंटल से ज्यादा कपड़ा इसमें लगाया जाएगा और 30 लीटर कलर का इस्तेमाल करके इस मूर्ति में पेंटिंग की जाएगी. एक महीने तक लगातार 12 लोग मूर्ति के निर्माण में लगे हुए हैं. तब जाकर मूर्ति अब आकार लेने लगी है.

Shardiya Navratri 2023
प्रतिमा का निर्माण करते कारीगर

विसर्जन के विशेष इंतजाम: मां दुर्गा उत्सव समिति के सदस्यों का कहना है कि इस मूर्ति के विसर्जन के लिए भी उन्होंने विशेष इंतजाम किया है. कई नदियों का जल यहां लाया जा रहा है और मूर्ति के ऊपर पानी की धार चलाई जाएगी और मूर्ति को इसी स्थान पर विसर्जित किया जाएगा. इतनी बड़ी मूर्ति को विसर्जन के लिए लेकर जाना भी कठिन है. वहीं समिति के सदस्यों का कहना है कि नदी या तालाब में जहां भी मूर्तियां विसर्जित की जाती हैं. वहां मूर्तियों की वजह से पानी में प्रदूषण भी फैलता है और वह आस्था के साथ अपने जल स्रोतों को भी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए इस मूर्ति का विसर्जन इसी स्थान पर किया जाएगा. इन लोगों का कहना है कि बाकी लोगों को भी कुछ ऐसा करना चाहिए, की मूर्ति का विसर्जन उसी स्थान पर करें जहां पर मूर्ति रखी है.

यहां पढ़ें...

पहले भी बनी थी 31 फीट ऊंची प्रतिमा: जबलपुर में इसके पहले इसी मां दुर्गा उत्सव समिति ने 2012 में 31 फीट ऊंची एक मूर्ति बनाई थी. सामान्य तौर पर इतनी ऊंची प्रतिमाएं नहीं रखी जाती. जबलपुर में ज्यादातर बड़ी मूर्तियां महाकाली की रखी जाती हैं, लेकिन इनकी ऊंचाई भी 15 से 20 फीट तक ही पहुंचती है. इस प्रतिमा की ऊंचाई अभी 50 फीट बताई जा रही है. काम करने वाले कारीगर का कहना है की कुल मिलाकर जमीन से यह ऊंचाई 54 फीट तक पहुंचेगी जाहिर सी बात है कि इतनी विशाल प्रतिमा को देखने के लिए भी जबलपुर में लाखों की भीड़ आएगी.

Shardiya Navratri 2023
दुर्गा प्रतिमा का निर्माण

जबलपुर में दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना का सिलसिला 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. जबलपुर में दुर्गा पूजा कई तौर तरीकों से की जाती है. यहां बंगाली दुर्गा पूजा बुंदेलखंडी दुर्गा पूजा तरीके से की जाने वाली दुर्गा पूजा और उत्तर भारत की दुर्गा पूजा अलग-अलग तरीके से मनाई जाती है. सभी लोग मिलकर लगभग 15 दिनों तक दुर्गा पूजा का आनंद उठाते हैं.

जबलपुर में शारदीय नवरात्रि की धूम

जबलपुर। संस्कारधानी में दुर्गा उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार इस दुर्गा उत्सव में लोगों को 54 फीट ऊंची दुर्गा प्रतिमा देखने का मौका मिलेगा. जबलपुर के टेलीग्राफ फैक्ट्री के पास 54 फीट ऊंची दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जा रही है. अब तक जबलपुर के आसपास कहीं पर भी इतनी ऊंची प्रतिमा की स्थापना नहीं की गई है. वहीं प्रतिमा की स्थापना करने वाले मां दुर्गा उत्सव समिति का कहना है कि वह इस प्रतिमा का विसर्जन नदी या तालाब में नहीं करेंगे, बल्कि नदी और तालाब के पानी को प्रदूषित होने से बचने के लिए इस प्रतिमा का विसर्जन इसी स्थान पर किया जाएगा.

54 फीट की दुर्गा प्रतिमा: जबलपुर के गेट नंबर 4 के पास कमला नेहरू नगर में 54 फीट ऊंचाई की दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जा रही है. इस प्रतिमा का निर्माण 7 सितंबर से जारी है और अभी भी एक माह बीत जाने के बाद 5 दिन और लगेंगे, तब जाकर प्रतिमा पूरी तरह से तैयार हो पाएगी. मूर्ति का निर्माण कर रहे मूर्तिकार छोटेलाल चक्रवर्ती का कहना है कि "इस मूर्ति के निर्माण में 650 बास का इस्तेमाल किया गया है. लगभग 400 फीट लंबे लकड़ी के पटटे लगाए गए हैं. एक ट्राली मिट्टी लगी है ₹60000 की बांस की चटाइयां लग चुकी है. एक क्विंटल से ज्यादा कपड़ा इसमें लगाया जाएगा और 30 लीटर कलर का इस्तेमाल करके इस मूर्ति में पेंटिंग की जाएगी. एक महीने तक लगातार 12 लोग मूर्ति के निर्माण में लगे हुए हैं. तब जाकर मूर्ति अब आकार लेने लगी है.

Shardiya Navratri 2023
प्रतिमा का निर्माण करते कारीगर

विसर्जन के विशेष इंतजाम: मां दुर्गा उत्सव समिति के सदस्यों का कहना है कि इस मूर्ति के विसर्जन के लिए भी उन्होंने विशेष इंतजाम किया है. कई नदियों का जल यहां लाया जा रहा है और मूर्ति के ऊपर पानी की धार चलाई जाएगी और मूर्ति को इसी स्थान पर विसर्जित किया जाएगा. इतनी बड़ी मूर्ति को विसर्जन के लिए लेकर जाना भी कठिन है. वहीं समिति के सदस्यों का कहना है कि नदी या तालाब में जहां भी मूर्तियां विसर्जित की जाती हैं. वहां मूर्तियों की वजह से पानी में प्रदूषण भी फैलता है और वह आस्था के साथ अपने जल स्रोतों को भी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए इस मूर्ति का विसर्जन इसी स्थान पर किया जाएगा. इन लोगों का कहना है कि बाकी लोगों को भी कुछ ऐसा करना चाहिए, की मूर्ति का विसर्जन उसी स्थान पर करें जहां पर मूर्ति रखी है.

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पहले भी बनी थी 31 फीट ऊंची प्रतिमा: जबलपुर में इसके पहले इसी मां दुर्गा उत्सव समिति ने 2012 में 31 फीट ऊंची एक मूर्ति बनाई थी. सामान्य तौर पर इतनी ऊंची प्रतिमाएं नहीं रखी जाती. जबलपुर में ज्यादातर बड़ी मूर्तियां महाकाली की रखी जाती हैं, लेकिन इनकी ऊंचाई भी 15 से 20 फीट तक ही पहुंचती है. इस प्रतिमा की ऊंचाई अभी 50 फीट बताई जा रही है. काम करने वाले कारीगर का कहना है की कुल मिलाकर जमीन से यह ऊंचाई 54 फीट तक पहुंचेगी जाहिर सी बात है कि इतनी विशाल प्रतिमा को देखने के लिए भी जबलपुर में लाखों की भीड़ आएगी.

Shardiya Navratri 2023
दुर्गा प्रतिमा का निर्माण

जबलपुर में दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना का सिलसिला 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. जबलपुर में दुर्गा पूजा कई तौर तरीकों से की जाती है. यहां बंगाली दुर्गा पूजा बुंदेलखंडी दुर्गा पूजा तरीके से की जाने वाली दुर्गा पूजा और उत्तर भारत की दुर्गा पूजा अलग-अलग तरीके से मनाई जाती है. सभी लोग मिलकर लगभग 15 दिनों तक दुर्गा पूजा का आनंद उठाते हैं.

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